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सितंबर में खुलेगी यूसिल की बंद पड़ी जादूगोड़ा माइंस

यूरेनियम कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (यूसिल) की जादूगोड़ा माइंस सिसंबर में खुलेगी।

By JagranEdited By: Published: Fri, 31 Aug 2018 04:52 PM (IST)Updated: Fri, 31 Aug 2018 04:52 PM (IST)
सितंबर में खुलेगी यूसिल की बंद पड़ी जादूगोड़ा माइंस
सितंबर में खुलेगी यूसिल की बंद पड़ी जादूगोड़ा माइंस

जेएनएन, जमशेदपुर / जादूगोड़ा : यूरेनियम कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (यूसिल) की जादूगोड़ा माइंस खुलने की कवायद तेज हो गई है। इसे सितंबर महीने में खोलने की तैयारी है। माइंस सात सितंबर 2014 से बंद पड़ी है। जमशेदपुर के सासद विद्युतवरण महतो ने बताया कि प्रधानमंत्री इस माइंस को खोलने के लिए काफी तत्पर थे। उनके सहयोग से जादूगोड़ा माइंस सितंबर महीने के पहले सप्ताह में खुल जाने की पूरी संभावना है।

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सांसद ने कहा कि माइंस को नियम पूर्वक खुलवाने के लिए तत्कालीन सीएमडी दिवाकर आचार्य से संपर्क कर मुख्यमंत्री से मिलने को कहा था। तब वे खुद नहीं गए और प्रतिनिधि को भेज दिया था जिससे काम में ढिलाई आई थी। इसके बाद नए सीएमडी सीके असनानी आए तो मुख्यमंत्री के आदेश से मुख्य सचिव से वार्ता करवाई और उन्होंने हरसंभव मदद की। इसके बाद कागजात इंवायरमेंट क्लीयरेंस के लिए दिल्ली गया तो हमने वन एवं पर्यावरण मंत्री अनिल माधव से मिलकर उनसे जल्द सकारात्मक पहल का आग्रह किया। उन्होंने क्लीयरेंस दे दिया।

ओर बॉडी रहने तक मिली लीज: विद्युत वरण महतो ने बताया कि पहले 30 साल की ही लीज मिलती थी। अब उसे 50 साल का कर दिया गया है। जैसा कि दूसरे धातुओं के लिए दूसरे माइंस का है। जबतक माइंस में ओर बॉडी पाया जाएगा तबतक के लिए लीज दी गई है। इससे यह फायदा हुआ कि यूसिल की जिस माइंस में जबतक यूरेनियम पाया जाएगा तब तक उसको लीज मिला रहेगा।

वन एवं पर्यावरण विभाग ने फंसाया था पेंच: सासद ने बताया कि पर्यावरण विभाग ने जो रिपोर्ट सौंपी थी उसमें यह लिखा था कि इसकी कागजात की स्थिति ऐसी है कि माइंस अब खोलने लायक नहीं है। उसके बाद हमने इस रिपोर्ट के आलोक में प्रधानमंत्री से मिलकर उनको उस रिपोर्ट से अवगत कराया जिसमें माइंस में सौ साल से ज्यादा समय तक प्रोडक्शन करने लायक यूरेनियम की उपलब्धता बताई गई थी। उसके बाद प्रधानमंत्री ने खुद रुचि ली और रास्ता साफ हुआ।

तीन -चार साल बिना लीज चलाने के कारण आई परेशानी: सासद ने कहा कि पिछले दिनों बगैर लीज के तीन-चार साल माइंस चलाने के कारण परेशानी आई। वन विभाग ने इसके लिए करीब 87 करोड़ का जुर्माना लगाया था। जुर्माना देने की स्थिति में यूसिल प्रबंधन नहीं था। प्रधानमंत्री को इस तथ्य से अवगत कराया गया और फिर जुर्माना की राशि घटाकर पांच करोड़ 46 लाख की गई।

पांच बार मिले प्रधानमंत्री से:माइंस खोलने को लेकर सांसद ने प्रधानमंत्री से करीब पाच बार मुलाकात की। प्रधानमंत्री भी चाहते थे कि माइंस जल्द खुले। जो-जो समस्याएं आई उसका निदान उन्होंने तुरंत करवाया। इसके अलावे मंत्री प्रकाश जावेडकर,डॉ हर्षवर्धन, खान मंत्री नरेंद्र तोमर आदि से तीन-चार मंत्री से हमेशा मिलता रहता था। हाल में दो अगस्त को वन एवं पर्यावरण विभाग के सचिव सीके मिश्रा से मिले। अब राज्य की कुछ औपचारिकताएं बच गई है जो जल्द हो पूरी हो जाएगी। कहा कि यूसिल सीएमडी को लेकर दिल्ली गए थे। वही जमशेदपुर के उपायुक्त का भी स्थानीय स्तर पर हरसंभव मदद मिलता रहा।

दोनों स्तरों पर मिल गया फॉरेस्ट क्लीयरेंस: मनोज कुमार

यूसिल जादूगोड़ा के माइंस मैनेजर मनोज कुमार ने बताया कि अब लगभग सभी प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। फॉरेस्ट डिपार्टमेंट से दो स्टेज का क्लीयरेंस लेना पड़ता है। दोनों मिल गया है। खनन करने की अनुमति मिल गई है। पत्र आते ही खनन कार्य शुरू हो जाएगा।

दुर्गा पूजा के बाद खुलेगी राखा और चापड़ी माइंस:सासद ने कहा कि क्षेत्र की सभी बंद पड़ी माइंस खोलना उनकी प्राथमिकता सूची में है। दुर्गा पूजा के बाद राखा और चापरी माइंस खुलेगी। केंद्रीय खान मंत्री नरेंद्र तोमर ने एचसीएल सीएमडी को कहा है कि जल्द से जल्द माइंस को खोलें। इसके लिए 12 सौ करोड़ का फंड भी दिया गया है।


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