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कोविड से कम खतरनाक नहीं है उसका कचरा

कोविड 19 से निकले वेस्ट का घरेलू या दूसरे कचरों से साथ मिश्रण नहीं होना चाहिए।

By JagranEdited By: Published: Fri, 30 Oct 2020 10:41 PM (IST)Updated: Sat, 31 Oct 2020 06:47 AM (IST)
कोविड से कम खतरनाक नहीं है उसका कचरा
कोविड से कम खतरनाक नहीं है उसका कचरा

जासं, जमशेदपुर : कोविड 19 जितना खतरनाक है उससे कम खतरनाक नहीं है उससे निकलने वाला अपशिष्ट प्रद्वार्थ (कोविड वेस्ट)। यदि इसका सहीं तरीके से प्रबंधन नहीं हुआ तो भारत सहित पूरी दुनिया में यह बड़ी चुनौती बनकर उभरेगा। यह मानना है कोविड 19 पर देश-विदेश से निकलने वाले मेडिकल वेस्ट के शोधकर्ता जुगसलाई निवासी डा राजीव आर श्रीवास्तव का। उनका शोध पत्र दिसंबर 2020 में साइंस ऑफ द टोटल इंवायरमेंट में प्रकाशित होने वाला है।

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बकौल डा राजीव, भारत सहित पूरी दुनिया कोविड 19 की वैक्सीन पर शोध में लगा हुआ है। मूलरूप से सभी शोधकार्य के दो लक्ष्य हैं। कोविड 19 महामारी का कारगर इलाज और बचाव व रोकथाम के उपाय। कोविड 19 वैक्सीन का निर्माण भी बचाव और रोकथाम की श्रेणी में आता है। एक ओर जहां पूरी दुनिया विभिन्न वैक्सीन के अलग-अलग ट्रायल स्टेज को लेकर उत्साहित है। वहीं, दूसरी ओर इस गंभीर बीमारी की रोकथाम के लिए अपनाए गए तरीकों की अनदेखी देखने को मिल रही है। कोविड 19 के कारण इन दिनों भारी मात्रा में मेडिकल वेस्ट का उत्सर्जन हो रहा है। लेकिन इसका सहीं प्रबंधन और ससमय निष्पादन को लेकर कई जगहों पर उदासीन रवैया अपनाया जा रहा है। जबकि कोविड 19 के इलाज में प्रयुक्त होने वाले मास्क और दस्तानों पर सात दिनों तक कोरोना का संक्रमण जीवित रहता है। जबकि प्लास्टिक और अन्य सामानों में कई घंटों तक नोवेल कोरोना वायरस प्रभावी रहता है। ऐसे में कोविड वेस्ट का कुप्रबंधन भारत सहित पूरे विश्व के समक्ष एक नई चुनौती बनकर उभरा है। यदि ससमय इसका निष्पादन नहीं हुआ तो कोविड 19 के प्रसारित होने का खतरा कई गुना तक बढ़ सकता है।

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मास्क को खुले में फेंकने से बचे

डा राजीव का कहना है कि कोरोना वायरस से बचाव के लिए इन दिनों देश-दुनिया की अधिकतर आबादी एन-19 से लेकर कार्टन के मास्क पहन रही है लेकिन, पहनने वाला व्यक्ति कोविड 19 से संक्रमित हो या नहीं यह जरूरी नहीं है। कोई भी अपना मास्क सार्वजनिक स्थान या ऐसे ही खुले में न फेंके। यदि कोई कोरोना से संक्रमित मरीज भी है तो वे घर के डस्टबिन में मास्क को न फेके। वे अपना मास्क किसी कागज के लिफाफे में रखे और दो दिन तक उसे सील कर किसी के पहुंच से दूर रखे। दो दिन बाद कोरोना का संक्रमण समाप्त हो जाता है तो लिफाफे सहित बयो मेडिकल वेस्ट वालों को निष्पादित करने के लिए दे दें।

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कोविड 19 वेस्ट सामान्य कचरे के साथ नहीं हो मिश्रित

डा राजीव का मानना है कि कोविड 19 से निकले वेस्ट का घरेलू या दूसरे कचरों से साथ मिश्रण नहीं होना चाहिए। नहीं तो कोविड 19 का संक्रमण दूसरे कचरों में भी फैल सकता है और यह संक्रमण फैलने का बड़ा कारण हो सकता है। कोविड 19 के मेडिकल वेस्ट को लेकर भारत सहित स्पेन, चीन और दक्षिण कोरिया में गाइडलाइन स्पष्ट है। लेकिन इसका सहीं तरीके से अनुपालन नहीं होना नई चुनौतियां हमारे सामने खड़ा कर देगी। एक सवाल के जवाब में डा राजीव का कहना है कि झारखंड उनका निवास स्थान है। ऐसे में एक भारतीय होने के नाते और झारखंड उनकी जन्म स्थली होने के कारण यदि स्थानीय सरकार चाहे तो वे कोविड वेस्ट मैनेजमेंट के क्षेत्र में अर्जित अपने अनुभव साझा कर सकते हैं।

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