तारापोर स्कूल की शिक्षिका इशिता दे को कल मिलेगा देश के सर्वश्रेष्ठ शिक्षक का पुरस्कार Jamshedpur News
National Teacher Award. एग्रिको स्थित तारापोर स्कूल की शिक्षिका इशिता दे को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 5 सितंबर को जमशेदपुर के एनआइसी सेंटर में प्रदान किया जाएगा।
जमशेदपुर, जासं। एग्रिको स्थित तारापोर स्कूल की शिक्षिका इशिता दे को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 5 सितंबर को जमशेदपुर के एनआइसी सेंटर में प्रदान किया जाएगा। यह शिक्षिका स्कूल में 12वी के छात्रों को अर्थशास्त्र व जियोग्राफी पढ़ाती है, लेकिन उन्होंने विद्यालय में मैथ्स को बोर्ड गेम्स यानि लूडो, सांप-सीढ़ी, वाल पेंटिंग के माध्यम से सरल बनाया। इससे बच्चों में मैथ्स पढ़ने में रुचि पैदा हुई।
नई शिक्षा नीति की जब चर्चा चल रही थी तो इस शिक्षिका ने इनके कई पाठ्यक्रमों को स्कूल में लागू किया। छात्रों को रुचि का ध्यान में रखते हुए वोकेशनल पाठ्यक्रम भी प्रारंभ करवाया। यह शिक्षिका वर्तमान में तारापोर स्कूल में वाइस प्रिंसिपल के पद पर कार्य कर रही हैं। उन्होंने सामुदायिक शिक्षा की बात की। पोटका के टंगराईन विद्यालय जाकर वहां के सरकारी स्कूल के बच्चों को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए निजी स्तर से प्रयास किए। वहां कंप्यूटर लैब की स्थापना करवाई तथा एक्सएलआरआई के सौजन्य से वहां यंग लीडर्स अचीवमेंट प्रोग्राम को प्रारंभ करवाया। इसमें मेधावी बच्चों का चयन होने लगा। उन्हें अलग से इस कार्यक्रम के तहत शिक्षा दी जाती है। यह शिक्षिका अपने इनोवेटिव आइडिया के लिए जानी जाती है।
तीन सरकारी स्कूलों को लिया गोद
अर्थशास्त्र की शिक्षिका होने के बावजूद उन्होंने मैथ्स को पैशन बनाया तथा इसे सरल तरीके से बच्चों को समझाया। सिर्फ यही नहीं सामाजिक दायित्व के तहत तीन सरकारी स्कूलों को गोद लेकर वहां के बच्चों को पढ़ाने का कार्य यंग लीडर्स अचीवेंट कार्यक्रम के तहत लगातार कर रही है। इशिता को शैक्षिणिक कार्य के लिए डॉ. जेजे ईरानी अवार्ड के नाम से विख्यात टाटा स्टील एजुकेशन एक्सीलेंस अवार्ड मैथ्स के लिए मिला था। लगातार दो साल उन्होंने यह पुरस्कार हासिल किया। इसकी मदद से बच्चों को आसान तरीके से मैथ्स की समझ पैदा हुई। उसके बाद उन्हें सीआइएससीई काउंसिल की ओर से बेस्ट इनोवेशन टीचर्स का अवार्ड मिला।
इन कार्यों के कारण मिलेगा राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार
1. दूसरे विषय की शिक्षिका होते हुए भी मैथ्स को सरल तरीके से समझाने के लिए नया इनोवेटिव मैथड अपनाया।
2. पोटका के टंगराईन स्कूल तथा मुसाबनी के दो अन्य स्कूल को गोद लेकर सप्ताह में तीन दिन जाकर वहां के बच्चों को पढ़ाने का कार्य करती है।
3. नई शिक्षा नीति के अनुरूप दो वर्ष पूर्व ही स्कूल का लेशन प्लान तैयार किया तथा स्कूल में पिछले दो साल से नई शिक्षा नीति के अनुसार ही पढ़ाई हो रही है।
4. अपने आप को बच्चों के साथ इनवोल्व रखा, बच्चों से पढ़ाई को रुचिकर बनाने के लिए सुझाव मांगे। उनके अनुरूप शिक्षकों को कक्षाएं लेने के प्रेरित किया। रिजल्ट अच्छा आया।
नई शिक्षा नीति से भारत की अलग पहचान
राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित होने वाली शिक्षिका इशिता दे ने कहा कि नई शिक्षा नीति से भारत की अलग पहचान होगी। यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति आज की परिस्थिति तथा आने वाले 20 वर्षों को ध्यान में रखकर तैयार की गई है। उन्होंने कहा कि इससे छात्रों के साथ-साथ शिक्षकों को भी अपनी पहचान बनाने के लिए कई अवसर प्राप्त होंगे। आने वाली पीढ़ी के लिए यह नीति रामवाण साबित होगी।