हरभजन सिंह एंड कंपनी पर जांच की तलवार
राष्ट्रीय चैंपियनशिप के नाम पर तीन लाख रुपये लेकर प्रतियोगिता नहीं कराने की जांच के लिए झारखंड खेल विभाग ने एक समिति का गठन किया है।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : राष्ट्रीय चैंपियनशिप के नाम पर तीन लाख रुपये लेकर प्रतियोगिता नहीं कराने वाले झारखंड बास्केटबॉल संघ पर अब जांच की तलवार लटक रही है। राज्य खेल विभाग ने 2013-14 में संघ को दी गई अनुदान राशि की जांच करने के लिए एक जांच कमेटी का गठन किया है। कमेटी के अध्यक्ष संदीप कुमार दोराईबुरु (उप निदेशक, खेलकूद व युवा कार्य निदेशालय) थे, जबकि वेद रत्न मोहन (अवर सचिव, खेल विभाग) व देवेंद्र सिंह (खेल परामर्शी सह प्रतियोगिता प्रबंधक, झारखंड खेल प्राधिकरण) को सदस्य बनाया गया है। कमेटी को सात दिन के अंदर जांच कर रिपोर्ट सौंपने को निर्देश दिया गया है।
बात 2013-14 की है। झारखंड बास्केटबॉल संघ ने राष्ट्रीय चैंपियनशिप कराने के लिए सरकार से साढ़े तीन लाख रुपये का अनुदान लिया था। लेकिन राष्ट्रीय चैंपियनशिप हुआ ही नहीं। अब झारखंड सरकार के खेलकूद व युवा कार्य निदेशालय पैसे का हिसाब मांग रहा है कि पैसे कहां गए। यह देख संघ के पदाधिकारियों को अब चक्कर आ रहे हैं। इसके पूर्व खेलकूद व युवा कार्य निदेशालय ने बास्केटबॉल फेडरेशन ऑफ इंडिया को पत्र भेजकर पूछा था कि क्या आपने झारखंड बैडमिंटन संघ को राष्ट्रीय चैंपियनशिप कराने का आदेश दिया था। बास्केटबॉल फेडरेशन ऑफ इंडिया ने ना में जवाब देते हुए कहा कि उनके पास ऐसी कोई जानकारी नहीं है। गौरतलब है कि जिस साल राज्य संघ को धनराशि आवंटित हुई थी, उसी साल झारखंड की टीम फंड के अभाव में एर्नाकुलम में आयोजित जूनियर नेशनल बास्केटबॉल चैंपियनशिप में भाग नहीं ले सकी थी। बास्केटबॉल फेडरेशन ऑफ इंडिया ने पत्र का जवाब देते हुए कहा कि उनके कार्यालय में राष्ट्रीय चैंपियनशिप के आयोजन हेतु कोई भी राशि प्राप्त नहीं हुई है।
28 मई 2018 को राज्य संघ को विभाग ने पत्र भेजकर सात दिन के अंदर स्पष्टीकरण देने को कहा। पत्र में लिखा है कि 2013-14 में राज्य संघ को राष्ट्रीय बास्केटबॉल चैंपियनशिप कराने के लिए साढ़े तीन लाख रुपये अनुदान राशि दी गई थी। लेकिन आपने जो उपयोगिता प्रमाण पत्र उपलब्ध कराया है, उसमें राष्ट्रीय चैंपियनशिप का उल्लेख नहीं है। इस संबंध में भारतीय बास्केटबॉल संघ के द्वारा भी सूचित किया गया है कि उक्त अवधि में झारखंड राज्य में कोई भी राष्ट्रीय प्रतियोगिता का आयोजन नहीं किया गया है। उपर्युक्त तथ्यों से प्रतीत होता है कि झारखंड राज्य बास्केटबॉल संघ को खेल अनुदान के रूप में उपलब्ध कराई गई राशि का उचित उपयोग नहीं किया गया, जो वित्तीय अनियमितता है। अत: आप खेल अनुदान राशि की उपयोगिता में विचलन का कारण स्पष्ट करते हुए पत्र प्राप्ति के सात दिनों के अंदर उत्तर प्रतिवेदन अधोहस्ताक्षरी को उपलब्ध कराए।
उधर, झारखंड बास्केटबॉल संघ के सचिव हरभजन सिंह व अध्यक्ष आरएस चहल अपने ऊपर लग रहे आरोपों को सिरे से नकारा है।