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Jal Jagran जल संरक्षण के लिए हफ्ते में एक दिन भाजपा कार्यकर्ता करेंगे श्रमदान

जल संरक्षण के लिए भाजपा के कार्यकर्ता सप्ताह में एक दिन श्रमदान करेंगे। ये रहे भाजपा के घाटशिला से विधायक लक्ष्मण टुडू से बातचीत के प्रमुख अंश

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Wed, 17 Jul 2019 02:20 PM (IST)Updated: Thu, 18 Jul 2019 11:04 AM (IST)
Jal Jagran जल संरक्षण के लिए हफ्ते में एक दिन भाजपा कार्यकर्ता करेंगे श्रमदान
Jal Jagran जल संरक्षण के लिए हफ्ते में एक दिन भाजपा कार्यकर्ता करेंगे श्रमदान

घाटशिला (पूर्वी सिंहभूम), राजेश चौबे। पूर्वी सिंहभूम जिले के घाटशिला विधानसभा क्षेत्र और उसके आसपास के इलाकों में जलस्तर तेजी से गिरता जा रहा है। गर्मी के दिनों में लोगों को भीषण जल संकट का सामना करना पड़ रहा है। इस समस्या से निपटने के लिए वर्षा जल संचयन बहुत जरूरी है। इस पर अभी से काम शुरू नहीं किया गया तो गांवों में भी रहना मुश्किल हो जाएगा। वर्षा जल संचयन के लिए घरों में सोख्ता होना चाहिए। इसी तरह सरकारी और गैर सरकारी भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था होनी चाहिए। घाटशिला क्षेत्र इस मामले में पिछड़ा हुआ है। धड़ल्ले से हो रही बोङ्क्षरग के कारण भी जलस्तर गिरता जा रहा है। ये बातें दैनिक जागरण से खास बातचीत में घाटशिला विधानसभा क्षेत्र के विधायक लक्ष्मण टुडू ने कहीं। विधायक ने कहा कि कितना-कितना पानी अभियान के जरिए दैनिक जागरण जनजागरूक के लिए शानदार पहल कर रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा कार्यकर्ता अब अपने गांवों में जल संरक्षण के लिए हफ्ते में एक दिन श्रमदान करेंगे।

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 सवाल:  घाटशिला विधानसभा क्षेत्र में जलस्तर की क्या स्थिति है। गर्मी में किस तरह की समस्या सामने आती है?

जवाब: यह मेरे विधानसभा क्षेत्र की ही समस्या नहीं है, बल्कि पूरे देश की है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा देश में जल संरक्षण को लेकर जन आंदोलन चलाया जा रहा है। यह बात सच है कि हर वर्ष जलस्तर तेजी से घट रहा है। इससे निपटने के लिए पूरे विधानसभा क्षेत्र में कई योजनाएं चल रही हैं। गत वर्ष जल संरक्षण के लिए विधायक निधि से 1.5 करोड़ रुपये की लागत से 20 तालाबों का जीर्णोद्धार और निर्माण कराया, ताकि बारिश का पानी सहेजा जा सके। इसका कुछ फायदा भी दिख रहा है।

 सवाल: क्षेत्र में भविष्य में होनेवाले जल संकट से निपटने के लिए आपके पास क्या योजना है?

जवाब: क्षेत्र में जल संकट से निपटने के लिए निजी और सरकारी तालाबों की मरम्मत व निर्माण कराने की योजना है। यह कार्य मैं विधायक निधि से करूंगा। जल संकट से निपटने के लिए भारतीय जनता पार्टी की ओर से भी कई कार्यक्रम किए जा रहे हैं। जल शक्ति अभियान में बढ़-चढ़कर लोग हिस्सा लें, इसके लिए अभियान चलाया जा रहा है। पार्टी स्तर पर कार्यकर्ता सप्ताह में एक दिन श्रमदान कर बारिश के पानी को नाले, तालाब व नदी तक पहुंचाने का काम करेंगे, ताकि आने वाले समय में जल संकट से निपटा जा सके।

सवाल:  विधानसभा क्षेत्र के सभी घरों में रेन वाटर हार्वेङ्क्षस्टग अनिवार्य करने के लिए क्या कदम उठाएंगे?

जवाब: बारिश का पानी रोकने के लोग घरों में सोख्ता बनाएं। जहां से भी बारिश का पानी का बहाव हो रहा है, उसे रोककर सोख्ता तक पहुंचाएं। साथ ही चापाकल के पास के पानी को संरक्षित करने के लिए वहां गड्ढा खोदकर उसमें ड्रम डालें ताकि पानी बेकार न बहे। ड्रम में संरक्षित हो। ड्रम में जगह-जगह छेद कर उसे गड्ढे में डालें। इससे जल संरक्षण में मदद मिलेगी। अपनी निधि से भी इस तरह के कार्य करने की मैं योजनाएं बना रहा हूं।

सवाल: क्षेत्र के तालाब, कुआं और डोभा के संरक्षण और जीर्णोद्धार के लिए क्या पहल करेंगे? 

जवाब: जीर्णोद्धार व मरम्मत का कार्य पिछले वर्ष भी कराया गया था। आगे भी कार्य जारी रहेगा। घाटशिला, धालभूमगढ़, मुसाबनी व गुडाबांधा प्रखंड में कई तालाब, डोभा और कुआं की मरम्मत कराई गई है। 

सवाल:  दैनिक जागरण जल संरक्षण के लिए कितना कितना पानी अभियान चला रहा है, इस बारे में क्या राय है? 

जवाब: दैनिक जागरण के अभियान की जितनी भी सराहना की जाए कम है। जनता और सरकार के बीच दैनिक जागरण सेतु का काम कर रहा है। लोगों को उनके कर्तव्य बोध को समझाने का काम कर रहा है। जल संरक्षण के अभियान में सबसे आगे बढ़ कर काम कर रहा है। अपने सामाजिक सरोकार को गंभीरता से निभा रहा है। यह अभियान मुकाम तक पहुंचेगा। अभियान को जन आंदोलन का रूप देना है। अपील करता हूं कि हर आदमी, हर गांव दैनिक जागरण के अभियान से जुड़े।

सवाल: जल संरक्षण अभियान को अपने क्षेत्र में जन आंदोलन बनाने के लिए आप किस तरह की पहल करेंगे? 

जवाब: इसे जन आंदोलन बनाने के लिए लोगों को जागरूक करते हुए जल संरक्षण के लिए प्रेरित करेंगे। वैसे इस अभियान में पार्टी के सभी कार्यकर्ता सप्ताह में एक दिन श्रमदान कर इस जन आंदोलन के रूप में तब्दील करने में खास पहले करेंगे। इसके अलावा क्षेत्र के युवा, विभिन्न संस्थाओं व प्रशासन से बात कर रोडमैप तैयार करेंगे। विद्यालय व सरकारी भवन में रेन वाटर हार्वेङ्क्षस्टग सिस्टम लगाने की पहल की जाएगी।


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