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झारखंड के धालभूमगढ़ में बनेगा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, राज्य का होगा दूसरा हवाई अड्डा Jamshedpur News

भारतीय विमानपतन प्राधिकरण ने झारखंड के धालभूमगढ़ को एयरपोर्ट के लिए चुना है। अब यही इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनेगा।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Sat, 31 Aug 2019 08:42 AM (IST)Updated: Sat, 31 Aug 2019 08:42 AM (IST)
झारखंड के धालभूमगढ़ में बनेगा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, राज्य का होगा दूसरा हवाई अड्डा Jamshedpur News
झारखंड के धालभूमगढ़ में बनेगा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, राज्य का होगा दूसरा हवाई अड्डा Jamshedpur News

जमशेदपुर, मनोज सिंह।  झारखंड में रांची के बाद दूसरा एयरपोर्ट जमशेदपुर के धालभूमगढ़ में ही बनेगा। इसका रास्ता साफ हो गया है। इससे पूर्व भारतीय विमानपतन प्राधिकरण द्वारा सोनारी एयरोड्रम पर ही विमान उतारने का प्रयास किया, लेकिन सोनारी एयरोड्रम पर एटीआर 72 या इससे अधिक सीटर विमान नहीं उतर सकता था, क्योंकि इसका रनवे छोटा है और इसे बढ़ाया भी नहीं जा सकता था।

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इसके बाद भारतीय विमानपतन प्राधिकरण एवं झारखंड सरकार ने सरायकेला जिला में एयरपोर्ट बनाने के लिए जमीन चिन्हित की, लेकिन वहां पर जंगल के साथ ही बड़े-बड़े ट्रांसमिशन लाइन होने के कारण चयन नहीं हो सका। इसके बाद एक ही स्थान बच गया वह था धालभूमगढ़ का पुराना एयरपोर्ट का इलाका। जहां द्वितीय विश्व युद्घ के समय इस्तेमाल किया गया था।

वन प्रमंडल को बताया औचित्य

इस संबंध में जमशेदपुर वन प्रमंडल को लिखे पत्र में भारतीय विमानपतन प्राधिकरण ने धालभूमगढ़ को एयरपोर्ट के लिए क्यों चुना इस संबंध में अपना औचित्य बताया। पत्र में कहा गया है कि धालभूमगढ़ पर बनने वाला एयरपोर्ट जमशेदपुर से मात्र 55 किलोमीटर की दूरी पर है। इसके बनने से एयरपोर्ट पर 50 लोगों की स्थायी नौकरी तो 75000 लोगों को अस्थायी तौर पर रोजगार मिलेगी। जमशेदपुर से धालभूमगढ़ तक एक नया शहर बस जाएगा, जिससे लाखों लोग प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार से जुड़ सकेंगे और उनका जीवन स्तर उंचा उठ सकेगा। बता दें कि धालभूमगढ़ में एयरपोर्ट बनाने के लिए केंद्रीय नागरिक उड्डयनमंत्री, झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास के साथ ही जमशेदपुर के सांसद विद्युत वरण महतो लगातार प्रयासरत थे।

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दूसरे एयरपोर्ट की जरूरत क्यों

धालभूमगढ़ के वन विभाग की जमीन पर बनने वाले एयरपोर्ट जमशेदपुर से मात्र 55 किलोमीटर की दूरी पर है। आज के समय झारखंड विकसित हो रहा है, लेकिन इसके विकास मे बाधा बन रहा था तो वह है एयरपोर्ट की कमी। रांची का एकमात्र एयरपोर्ट के पास उतनी क्षमता नहीं है कि पूरे राज्य के यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचा सके। भारतीय विमानपतन प्राधिकरण ने कहा है कि जमशेदपुर न केवल झारखंड का ही इंडस्ट्रियल शहर नहीं है बल्कि यह देश का सबसे बड़ा इंडस्ट्रियल शहर है। झारखंड से बाहर जाने के लिए जमशेदपुर के लोगों को रांची स्थित बिरसामुंडा एयरपोर्ट से हवाई जहाज पकडऩे के लिए छह घंटे पूर्व जाना पड़ता है। धालभूमगढ़ में एयरपोर्ट बनने से मात्र डेढ़ घंटे में हवाई जहाज पकड़ सकते हैं।

पांच गांवों की जमीन पर बनना है एयरपोर्ट

गांव  - वनभूमि  - सरकारी जमीन

देवशोल-   3.32 हे. - 0.126 हे.

कोकपाड़ा -41.327 हे. -   0.259 हे.

रूआसोल - 0.065 हे.  - 0.02 हे.

बुरूडीह - 38.336 हे. -  0.00 हे.

चारचक्का - 13.713 हे. -  0.00 हे.

कितनी जमीन पर बनना है एयरपोर्ट

टर्मिनल बिल्डिंग - 0.14 हेक्टेयर

एप्रॉन - 0.942 हेक्टेयर

फायर स्टेशन - 0.036 हेक्टेयर

प्रस्तावित रनवे - 5.216 हेक्टेयर

ऑपरेशनल एरिया - 90.429 हेक्टेयर

वन विभाग को दिया गया प्रस्ताव

जमशेदपुर वन प्रमंडल के तहत धालभूमगढ़ में हवाई अड्डा बनना है। इसके लिए वन विभाग की 96.761 हेक्टेयर व सरकारी जमीन 0.405 हेक्टेयर जमीन का प्रस्ताव दिया गया है। इस संबंध में शुक्रवार को यूजर्स एजेंसी के लोग आए थे। उनके साथ जमीन को लेकर विचार विमर्श किया गया। जिसमें सहमति बनी कि शनिवार को एक उच्चस्तरीय टीम धालभूमगढ़ जाकर स्थल का निरीक्षण करेगी। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

-- डा. अभिषेक कुमार, डीएफओ, जमशेदपुर


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