बिजली चोरी हुई तो शोर मचाएगा इंटेलीजेंट सर्वर
झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड ने कंपनियों में बिजली चोरी रोकने के लिए नया सॉफ्टवेयर तैयार किया है।
मुजतबा हैदर रिजवी, जमशेदपुर : अब कंपनियां बिजली चोरी नहीं कर सकेंगी। झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (जेबीवीएनएल) ने कंपनियों में बिजली चोरी रोकने के लिए नया सॉफ्टवेयर तैयार किया है। इसके तहत जीपीआरएस-जीएसएम इंटेलीजेंट मीटर तैयार किए गए हैं जो विभाग के हेडक्वार्टर पर केंद्रीयकृत सर्वर से जुड़े रहेंगे। यहां सेंट्रल डाटा स्टेशन की स्क्रीन पर कंपनी की बिजली यूनिट की रीडिंग समेत अन्य सूचनाएं प्रदर्शित होंगी।
स्क्रीन पर कंपनियों के नाम के आगे लाल बत्ती लगी होगी जो मीटर से छेड़छाड़ या बिजली चोरी होने पर बीप की आवाज के साथ जलने लगेगी। साथ ही संबंधित क्षेत्र के महाप्रबंधक, अधीक्षण अभियंता और कार्यपालक अभियंता के मोबाइल पर एसमएस अलर्ट जाएगा। इसके बाद अधिकारी संबंधित कंपनी में छापेमारी कर देंगे। साफ्टवेयर के सफल परीक्षण के बाद कंपनियों में ऐसे मीटर लगाने का काम शुरू हो गया है।
अब तक चार कंपनियों में ये मीटर लगाए गए हैं। इस एक मीटर की कीमत 48 हजार रुपये है लेकिन, विभाग इन्हें मुफ्त लगा रहा है। इसमें मीटर के साथ ही एक मोडम जिसमें मोबाइल कंपनी का सिम लगाया जाता है। कोल्हान में पिछले साल इंडक्शन फर्नेस द्वारा करोड़ों की बिजली चोरी का पर्दाफाश होने के बाद बनी एसआइटी की सिफारिश में जेबीवीएनएल ने इस साफ्टवेयर को खासतौर से दिल्ली की कंपनी सिक्योर से बनवाया है।
एयरटेल व वोडाफोन से चलेंगे मीटर
कोल्हान की इंडक्शन फर्नेस समेत सभी बड़ी कंपनियों में जीएसएम जीपीआरएस इंटेलीजेंट मीटर में एयरटेल और वोडाफोन का सिम लगाया जा रहा है। दरअसल ये मीटर सिम के नेटवर्क से चलेंगे। नेटवर्क नहीं होने पर इनका संपर्क हेडक्वार्टर के सर्वर और सेंट्रल डाटा स्टेशन से टूट जाएगा। अधिकारी बताते हैं कि फिलहाल पूर्वी सिंहभूम और सरायकेला के ग्रामीण इलाकों में कहीं एयरटेल तो कहीं वोडाफोन का नेटवर्क ठीक चल रहा है।
मैसेज आते ही होगी छापेमारी
जेबीवीएनएल के इंटेलीजेंट सर्वर से अधिकारियों के मोबाइल नंबर भी जोड़ दिए जाएंगे। कंपनियों में बिजली चोरी होने या मीटर के साथ छेड़छाड़ होने पर सर्वर अधिकारियों के मोबाइल नंबर पर इससे संबंधित मैसेज फौरन भेज देगा। इस सर्वर से कार्यपालक अभियंता, अधीक्षक अभियंता और महाप्रबंधक के फोन पर इस तरह के मैसेज भेजे जाएंगे। इसके बाद अधिकारी फौरन उस कंपनी में छापामारी करेंगे।
पहले चरण में 19 कंपनियों में लग रहे इंटेलीजेंट मीटर
ये इंटेलीजेंट मीटर पहले चरण में बिजली चोरी के लिए बदनाम कंपनियों में लगाए जा रहे हैं। इनमें कोल्हान के चाईबासा, धालभूमगगढ़, चाकुलिया, आदित्यपुर, गम्हरिया और चांडिल स्थित 14 इंडक्शन फर्नेस, दो फेरो एलाय और तीन रोलिंग मिलें शामिल हैं। पिछले साल छापेमारी के दौरान पकड़ी गई कंपनियों में बिजली के ये मीटर लगाए जा रहे हैं। घाटशिला क्षेत्र के धालभूमगढ़ व चाकुलिया की चार कंपनियों हिमाद्री स्टील, हरिओम स्मेल्टर, गजानंद स्टील और शंकर फेरो एलाय में ये मीटर लगा दिए गए हैं।
कंपनियों में अब चोरी रोकने के लिए इंटेलीजेंट जीपीआरएस मीटर लगाए जा रहे हैं। ये मीटर केंद्रीयकृत सर्वर से जुड़े रहेंगे। चोरी होने पर सर्वर फौरन पकड़ लेगा और कंपनी पकड़ी जाएगी।
- मनमोहन कुमार, अधीक्षण अभियंता जेबीवीएनएल।