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womens day : जीवन के अनुभव से सुझा रहीं तरक्की का रास्ता, आपको हैरान कर देगी इस महिला की कहानी

स्कूलिंग के बाद प्रबंधन की पढ़ाई मार्केटिंग के क्षेत्र में काम करने के बाद एक शिक्षाविद सेवानिवृत्ति के बाद व्यक्तित्व विकास का प्रशिक्षण दे रही हैं। ये हैं मंजीत मारवाह।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Fri, 08 Mar 2019 11:53 AM (IST)Updated: Fri, 08 Mar 2019 12:59 PM (IST)
womens day : जीवन के अनुभव से सुझा रहीं तरक्की का रास्ता, आपको हैरान कर देगी इस महिला की कहानी
womens day : जीवन के अनुभव से सुझा रहीं तरक्की का रास्ता, आपको हैरान कर देगी इस महिला की कहानी

जमशेदपुर, जागरण संवाददाता। बहुआयामी प्रतिभा की धनी हैं मंजीत मारवाह जो किसी भी महिला के लिए प्रेरणा की स्रोत हैं। स्कूलिंग के बाद प्रबंधन की पढ़ाई, मार्केटिंग के क्षेत्र में काम करने के बाद एक शिक्षाविद। सेवानिवृत्ति के बाद आज कंपनियों के कर्मचारियों को न केवल व्यक्तित्व विकास का प्रशिक्षण दे रही हैं बल्कि जरूरतमंदों की सेवा में हमेशा तत्पर भी रहती हैं।

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ये हैं मंजीत मारवाह। बारीडीह हाईस्कूल की प्रिंसिपल पद से 2010 में सेवानिवृत्त होने के बाद भी काफी सक्रिय हैं। जीवनभर के अनुभव व संप्रेषण क्षमता की पहचान यह है कि आज विभिन्न कंपनियों में इन्हें कर्मचारियों को प्रशिक्षण देने के लिए बुलाया जाता है। उन्हें बोलने के तौर-तरीकों का प्रशिक्षण देने के अलावा ड्रेस सेंस, व्यवहार और खुद को प्रस्तुत करने की कला सिखाती हैं। इसके अलावा एक वित्तीय संस्थान से जुड़कर लोगों को वित्तीय सलाह भी देती हैं ताकि वे बचत व निवेश के बारे में जागरूक हो सकें।

13 प्रोजेक्ट स्कूलों के बीच काम

स्कूलिंग शहर के सेक्रेड हार्ट कान्वेंट से हुई। आज एलुमनी एसोसिएशन ऑफ सेक्रेड हार्ट कान्वेंट (आशा) की अध्यक्ष पद भी संभाल रही हैं। इसके जरिए गरीब व अभिवंचित बच्चों के लिए संचालित शहर के 13 प्रोजेक्ट स्कूलों के बच्चों के बीच विभिन्न प्रतियोगिताएं कराना, उन्हें पुरस्कार व जरूरत की सामग्री उपलब्ध कराना, गरीबों को स्वास्थ्य सुविधा दिलाने में मदद करना इनका अहम काम है।

मिलता है सुकून

अपने बारे में बताती हैं कि जीवन के अनुभव का लाभ लोगों को मिले तो काफी सुकून मिलता है। मंजीत ने कान्वेंट से स्कूलिंग के बाद वीमेंस कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई की। एक्सएलआरआइ से प्रबंधन कोर्स किया और पंजाब यूनिवर्सिटी से एमएड व बीएड का प्रशिक्षण लिया है। कुछ दिन कोलकाता में मार्केटिंग जॉब किया और उसके बाद बारीडीह हाईस्कूल की प्रिंसिपल बनकर एक शिक्षाविद के रूप में अपनी पहचान बनाई।


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