55 करोड़ से इंडो डेनिश टूल रूम की बदलेगी सूरत Jamshedpur News
सरायकेला-खरसावां जिले के आदित्यपुर स्थित इंडो डेनिश टूल रूम (आइडीटीआर) के नये भवन निर्माण के लिए सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय ने 55 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है।
जमशेदपुर (अवनीश कुमार)। सरायकेला-खरसावां जिले के आदित्यपुर स्थित इंडो डेनिश टूल रूम (आइडीटीआर) के नये भवन निर्माण के लिए सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय ने 55 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है। आइडीटीआर के डीजीएम आशुतोष कुमार ने यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि जल्द ही नये भवन का निर्माण शुरू हो जाएगा। आइडीटीआर को वल्र्ड क्लास सेंटर बनाने की योजना है। बिहार के पटना स्थित टूल रूम ट्रेनिंग सेंटर (टीआरटीसी) के लिए भी 36 करोड़ रुपये की मंजूरी मिली है। वहां भवन और छात्रावास का निर्माण शुरू हो गया है। आशुतोष कुमार पटना सेंटर के प्रभारी जीएम हैं। मालूम हो कि भारत व डेनमार्क सरकार के बीच समझौते के बाद वर्ष 1991 में अविभाजित बिहार के सिंहभूम जिले के जमशेदपुर में इंडो डेनिश टूल रूम की स्थापना की गई थी।
देश के 18 शहरों में हुई थी टूल रूम की स्थापना
वर्ष 1991 में केंद्र सरकार ने उद्योग के विकास को प्रोत्साहित करने व सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग की मदद के लिए जमशेदपुर के अलावा पटना, कोलकाता, अहमदाबाद, भुवनेश्वर, गुवाहाटी, इंदौर, हैदराबाद समेत 18 शहरों में टूल रूम स्थापित किया था। यहां टूल और डाई मेकिंग के सहयोग से भारतीय उद्योग को मदद की जाती है। यहां कुशल प्रशिक्षक टूल मैन्यूफैक्चरिंग का प्रशिक्षण देते हैं। इसके लिए यहां पर अत्याधुनिक मशीनें लगाई गई हैं। आदिवासी, अनुसूचित जाति व जनजाति के युवकों को यहां निश्शुल्क प्रशिक्षण की व्यवस्था है। साथ ही भोजन और रहना भी निश्शुल्क है। टूल रूम से प्रशिक्षण लेने के बाद 75 प्रतिशत प्लेसमेंट का दावा है।
एससी और एसटी के लिए निश्शुल्क ट्रेनिंग
डीजीएम आशुतोष कुमार ने बताया कि टूल रूम में झारखंड स्कील डेवलपमेंट मिशन सोसाइटी (जेएसडीएमएस) के तहत एससी-एसटी युवक-युवतियों को निश्शुल्क प्रशिक्षण दिया जा रहा है। एआइसीटीसी व एनसीवीटी से मान्यता प्राप्त कोर्स का प्रशिक्षण दिया जाता है। इसके अलावा विभिन्न ट्रेडों में वोकेशन कोर्स का प्रशिक्षण लेकर बेरोजगार युवा अपने पैरों पर खड़े हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि एमएसएमई ने आइडीटीआर को नोडल एजेंसी बनाया है।
टीआरटीसी के तहत संचालित पाठ्यक्रम
टूल एंड डाई मेकिंग : चार वर्षीय
टीटीएफ, फीटर, मशीनीस्ट, बेल्डिंग : दो वर्षीय
मैकोट्रोनिक्स : तीन वर्षीय
प्रोडक्शन इंजीनियङ्क्षरग : तीन वर्षीय