जेआरडी टाटा की परफ्यूम से इंदिरा गांधी इतनी रोमांचित हुई कि मिलने का दे दिया था न्योता
टाटा समूह के पूर्व चेयरमैन जेआरडी टाटा व भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बीच गहरी मित्रता थी। दोनों की मित्रता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि श्रीमती गांधी जेआरडी के परफ्यूम के बारे में बात किया करती थी।
जमशेदपुर, जासं। आयरन लेडी के रूप में मशहूर रहीं पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को लोग कड़क व्यक्तित्व के रूप में जाना जाता है, लेकिन उनके व्यक्तित्व का ऐसा पहलू भी सामने आया है, जिससे पता चलता है कि उनमें आम भारतीय महिला का दिल भी बसता था।
इंदिरा गांधी व जेआरडी के बीच थी व्यक्तिगत मित्रता
दरअसल, आरपीजी ग्रुप के चेयरमैन हर्ष गोयनका ने एक ट्वीट किया है, जिसमें इंदिरा गांधी द्वारा टाटा संस के पूर्व चेयरमैन जेआरडी टाटा काे लिखा पत्र भी साझा किया है। पांच जुलाई 1973 को लिखे पत्र में एक शक्तिशाली प्रधानमंत्री और एक बड़े उद्योगपति के बीच नितांत व्यक्तिगत मित्रता की झलकती है। इस ट्वीट के साथ ही अब यह पत्र भी वायरल हो गया है। उस पत्र में इंदिरा ने जेआरडी से कहा था कि मैं आपके दिए गए परफ्यूम से रोमांचित हूं। बहुत बहुत धन्यवाद। मैं आमतौर पर परफ्यूम का इस्तेमाल नहीं करती। शानो-शौकत की दुनिया से भी मैं इतनी कटी हुई हूं कि मुझे इसके बारे में पता नहीं था। लेकिन अब से मैं इसका निश्चित रूप से प्रयोग करूंगी। आप जब भी मुझसे मिलना चाहें निस्संकोच मिलें। कृपया लिखित रूप में सूचित कर दें, जब आप आना चाहते हैं। आप कोई विचार व्यक्त करना चाहते हैं, तो बेधड़क लिखें। चाहे वह बात मेरे अनुकूल हो या आलोचनात्मक। आपको और थेली (जेआरडी की पत्नी) को शुभकामनाओं के साथ। आपकी विश्वस्त, इंदिरा गांधी।
A very personal letter exchange between a powerful Prime Minister and a giant industrialist. Sheer class ! #Tata pic.twitter.com/RqDKEcSsBf— Harsh Goenka (@hvgoenka) July 20, 2021
यहां यह बताना लाजिमी है कि हर्ष गोयनका इंटरनेट साइट्स पर बेहद लोकप्रिय हैं। वह रोजमर्रा की घटनाओं से लेकर पुराने संदर्भों और कई अन्य चीजों के बारे में ट्वीट करते रहते हैं। निश्चित रूप से अब हर्ष गोयनका के फॉलोअर भी बढ़ जाएंगे। अमूमन उनके ट्वीट में इस तरह की रोचक बातें रहती हैं, जो आपको सुनहरे अतीत से रूबरू करा देंगी। वैसे कांग्रेस के पुराने नेताओं के मुताबिक जेआरडी काे लिखा यह पत्र उस वक्त भी चर्चा में अाया था।