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PNB Bank Fraud : पीएनबी को चूना लगाने वालों का आयकर रिटर्न भी निकला फर्जी Jamshedpur News

पीएनबी बैंक में गड़बड़झाले से जुड़ा तथ्‍य हलकान करनेवाला है कि गिरोह बनाकर सभी कागजात फर्जी बनाए गए। गिरवी रखी जमीन की सेल-डीड तक जाली है।

By Vikas SrivastavaEdited By: Published: Fri, 18 Oct 2019 03:16 PM (IST)Updated: Fri, 18 Oct 2019 03:16 PM (IST)
PNB Bank Fraud : पीएनबी को चूना लगाने वालों का आयकर रिटर्न भी निकला फर्जी Jamshedpur News
PNB Bank Fraud : पीएनबी को चूना लगाने वालों का आयकर रिटर्न भी निकला फर्जी Jamshedpur News

जमशेदपुर, जासं। पंजाब नेशनल बैंक को चूना लगाकर करीब 17 करोड़ रुपये निकालने वालों ने सबकुछ इतने योजनाबद्ध तरीके से किया कि अब सुबूत ही नहीं मिल रहे हैं। उन्होंने ना केवल फर्जी वोटर आईडी कार्ड बनाया, बल्कि फर्जी पैन कार्ड के आधार पर बैंक में दिया गया आयकर रिटर्न भी फर्जी निकला। 

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केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) में प्राथमिकी दर्ज कराते हुए पंजाब नेशनल बैंक के प्रबंधन ने कहा है कि विश्वसनीय स्रोत के मुताबिक पूरे फर्जीवाड़ा को निर्मल कुमार, जोगिंदर अग्रवाल, विनीत पांडेय, चंदन अग्रवाल, अमरपाल सिंह, चंदन घोष, दीपेश कुमार सेन, अनीष कुमार सिंह, देवजीत बोस, कुलवंत सिंह आदि ने आपरधिक साजिश के तहत ना केवल अपने और अन्य नामों से फर्जी पहचान पत्र, वोटर आईडी कार्ड, पैन कार्ड, आधार कार्ड बनाए, बल्कि बैंक में जिस जमीन को अचल संपत्ति के रूप में गिरवी रखा, उसका सेल-डीड तक नकली निकला। 

पहली बार में सात करोड़ का चूना

पहली बार में दो अलग-अलग गिरोह ने बैंक से निकाले करीब सात करोड़ रुपये। निर्मल कुमार मिश्रा व अन्य ने पंजाब नेशनल बैंक की मानगो और बिष्टुपुर शाखा से फर्जी कागजातों के आधार पर 10 हाउसिंग लोन के नाम पर तीन करोड़ दो लाख 16 हजार रुपये और चंदन घोष की अगुवाई में दूसरे गिरोह ने तीन कैश क्रेडिट लोन और तीन ओवरड्राफ्ट के माध्यम से तीन करोड़ 56 लाख 65 हजार रुपये निकाले। 

पहले खुद फ‍िर भाइयोंं के नाम

निर्मल मिश्रा गिरोह ने बड़ी रकम हासिल करने के बाद 28.80 लाख का लोन लिया। फिर चार भाइयों के नाम से एक जमीन दिखाकर 29.02 लाख का चूना लगाया। इसके बाद जोगेंद्र या जोगिंदर अग्रवाल ने फर्जी वोटर आईडी कार्ड व आयकर रिटर्न दिखाकर 39.20 लाख लोन लिया। इसमें फर्जी जमीन के सेल-डीड दिखाए गए थे, जो बाद में एनपीए (नन-परफार्मिंग एसेट) हो गया। इस तरह से जोगेंद्र अग्रवाल व अन्य आरोपितों ने बैंक को 41.1 लाख का फर्जीवाड़ा कर लिया। इसी कड़ी में विनीत पांडेय ने फर्जी वोटर आईडी कार्ड और आयकर रिटर्न दिखाकर 21.60 लाख रुपये लोन लिया। इसमें भी जमीन को गिरवी रखा गया था। इस तरह विनीत पांडेय व अन्य पर 22.06 लाख की देनदारी हो गई। इसी तरह चंदन अग्रवाल ने 24.40 लाख, अमरपाल सिंह ने 32.10 लाख, चंदन घोष ने 30.72 लाख, दीपेश कुमार सेन ने 32.33 लाख, अनीष कुमार सिंह ने 22.77 लाख, देवजीत बोस ने 29.42 लाख, कुलवंत सिंह ने 49 लाख रुपये निकाले।

सभी एक-दूसरे के बने गारंटर

पंजाब नेशनल बैंक के साथ हुए इस फर्जीवाड़े में गिरोह ने जिस तरीके से काम किया, उसे समझने में कोई भी चकरा जाएगा। गिरोह के सदस्य ही लोन लेते समय एक-दूसरे के गारंटर बने। यही वजह है कि अब बैंक को भी इनमें से कोई ढूंढे नहीं मिल रहा है, क्योंकि इन सभी के पहचान पत्र, आयकर रिटर्न व गिरवी रखी गई जमीन के कागजात सभी फर्जी थे।

बैंक को फ्राड की भनक तक नहीं लगी

 सीबीआइ में दर्ज प्राथमिकी के मुताबिक निर्मल कुमार, जो¨गदर अग्रवाल, विनीत पांडेय, चंदन अग्रवाल, अमरपाल सिंह, चंदन घोष, दीपेश कुमार सेन, अनीश कुमार सिंह, देवजीत बोस, कुलवंत सिंह ने आपराधिक साजिश के तहत जाली परिसंपत्ति दिखाकर पंजाब नेशनल बैंक की बिष्टुपुर शाखा से 10 हाउसिंग लोन के नाम पर तीन करोड़ दो लाख 16 हजार रुपये का ऋण ले लिया। इतना ही नहीं फर्जी कागजात और परिसंपत्ति के आधार पर टुकड़ों-टुकड़ों में करीब सात करोड़ रुपये बैंक से ले लिए।

अगल-अलग टीम ने लगाया चूना

इसके बाद इन्हीं कागजात के आधार पर एक अलग टीम ने बैंक को करीब साढ़े नौ करोड़ रुपये का चूना लगाया। इसमें चंदन घोष (मेसर्स दीपक ट्रेडिंग कंपनी), दीपेश कुमार सेन (मेसर्स मुंडेश्वरी एसोसिएट्स), अमरपाल सिंह (सिंह ट्रेडर्स) ने वर्ष 2013 से 2015 के बीच जाली और बनावटी परिसंपत्ति के आधार पर पंजाब नेशनल बैंक की मानगो और बिष्टुपुर शाखा से तीन कैश क्रेडिट लोन व अचल संपत्ति के एवज में तीन ओवरड्राफ्ट लिमिट के तहत सबसे पहले तीन करोड़ 56 लाख 65 हजार लिया। इसके बाद टुकड़ों में अलग-अलग कारण बताकर नौ करोड़ 32 लाख सात हजार रुपये का चूना बैंक को लगा दिया। नोटिस भेजकर थक जाने के बाद बैंक ने मामला सीबीआइ में दर्ज कराया। बैंक को इतने बड़े फ्रॉॅड की भनक तक नहीं लगी।


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