इंकैब की 177 एकड जमीन किसकी, 22 को होगी सुनवाई
इंकैब इंडस्ट्री की 177 एकड़ जमीन किसकी है? उसका मालिकाना हक किसे मिलना चाहिए। इस पर नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) की कोलकाता बेंच में 22 जनवरी को होने वाली अगली सुनवाई में चर्चा होगी।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : इंकैब इंडस्ट्री की 177 एकड़ जमीन किसकी है? उसका मालिकाना हक किसे मिलना चाहिए। इस पर नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) की कोलकाता बेंच में 22 जनवरी को होने वाली अगली सुनवाई में चर्चा होगी। साथ ही तय होगा कि इस मामले में झारखंड सरकार को पार्टी बनाया जाए या नहीं।
इंकैब की जमीन मामले में शुक्रवार को एनसीएलटी की कोलकाता बेंच में एमबी गोसावी और वीके गुप्ता की डबल बेंच में सुनवाई हुई। इस दौरान कर्मचारियों की ओर से वरीय अधिवक्ता अखिलेश श्रीवास्तव ने आवेदन देकर उनका पक्ष सुनने की मांग कोर्ट से की। इस पर टाटा स्टील के वरीय अधिवक्ता रत्नाको बनर्जी ने उनका पक्ष सुनने की अपील कोर्ट से की। उनका तर्क था कि कंपनी को 99 वर्ष के लिए लीज पर दी गई जमीन उनकी (टाटा स्टील) है।
इंकैब को दी गई जमीन की लीज अवधि समाप्त हो चुकी है इसलिए यह जमीन उन्हें वापस मिलनी चाहिए। इस पर अखिलेश श्रीवास्तव ने दैनिक जागरण को बताया कि उन्होंने कोर्ट में सवाल उठाया कि टाटा स्टील को वर्ष 1895 में गारमेंट ग्रांट्स एक्ट के तहत 15 हजार 725 एकड़ जमीन गारमेंट ग्रांट पर मिली। लेकिन इस जमीन को सबलीज या रियल स्टेट का धंधा करने का अधिकार टाटा स्टील को किसने दिया। इस पर टाटा स्टील के अधिवक्ता ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि अखिलेश किस ग्रांट एक्ट की बात कर रहे हैं। इस दोनो पक्षों में जोरदार बहस हुई। दोनो पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने पूरे मामले की सुनवाई के लिए 22 जनवरी को अगली तारीख तय कर दी है।