इंकैब के 1,141 कर्मचारियों का दावा, 350 करोड़ बकाया Jamshedpur News
सालों से बंद इंकैब इंडस्ट्रीज लिमिटेड (केबुल कंपनी) की नीलामी की घोषणा के बाद कर्मचारी अपनी बकाये की राशि पाने को लेकर प्रयासरत हैं।
जमशेदपुर (जासं)। सालों से बंद इंकैब इंडस्ट्रीज लिमिटेड (केबुल कंपनी) की नीलामी की घोषणा के बाद कर्मचारी अपीे-अपनी बकाये की राशि पाने को लेकर प्रयासरत हैं। इससे संबंधित कागजात एकत्रकर उसे कोलकाता लिक्विडेटर (शशि अग्रवाल) के पास भेजन में जुटे हुए हैं।
पिछले दस दिन से केबुल एसोसिएशन हॉल में बकाये राशि के लिए फार्म मिल रहा था। शनिवार को फार्म लेने का अंतिम दिन था। करीब 1350 कर्मचारियों ने फार्म लिया है। इसमें से 1,111 कर्मचारियों का फार्म (ऑफ लाइन) कोलकाता लिक्विेडेटर के पास जमा भी हो गया है। जबकि रविवार को 30 कर्मचारियों ने कोलकाता ऑनलाइन क्लेम किया। इंकैब के पूर्व जीएम आरबी सिंह ने कहा कि कोलकाता में दो दिन कर्मचारियों का फार्म जमा किया गया है। बीते शनिवार को शशि अग्रवाल को फार्म जमा कराया गया। इस प्रकार तीन दिन में कुल 1,141 कर्मचारियों का फार्म जमा हुआ। इन कर्मचारियों के सभी बकाया राशि मिलाकर करीब 350 करोड़ हो रही है। आरबी सिंह ने बताया कि फार्म जमा करने की तिथि समाप्त हो गई थी लेकिन रविवार को ऑनलाइन जमा करने का आग्रह किया गया था।
पिछले माह फरवरी में इंकैब कर्मियों ने एक बैठक कर नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) के आदेश के आलोक में अपने-अपने बकाया का कागजात जमा करने का निर्णय लिया।फार्म के साथ कोर्ट की सत्पापित कॉपी भी उपलब्ध कराई गई है। इसे लेकर कुल 100 रुपये लिये जा रहे हैं जिससे कागजात की पूरी प्रक्रिया पूरी की गई। आरबी सिंह ने कहा कि कर्मचारियों को परेशानी नहीं हो इसके लिए केबुल एसोसिएशन हॉल में बकाये के लिए फार्म लेने, कोर्ट की सत्यापित कॉपी बनवाने आदि कार्य कराया गया।
अब बकाया की होगी जांच
कंपनी के लिक्विडेटर (परिसमापक) द्वारा अब कर्मचारियों की बकाया राशि की कागजात जांच की जाएगी। जानकारी के मुताबिक कोलकाता में कर्मचारियों के फार्म को क्रमवार कर देखने व उसकी बकाया की सत्यता की जांच शुरू है। पहली प्रक्रिया में कर्मचारियों के दावे पत्र को ऑनलाइन किया जायेगा, फिर वह ऑनालाइन प्रकाशित होगा, जिसे कर्मचारी देख सकते हैं। दावे व आपत्ति को ध्यान में रखते हुए किस कर्मचारी को कितना बकाया है, पहले इसकी घोषणा की जाएगी। फिर सभी कर्मियों के बकाये राशि की जानकारी एनसीएलटी को दी जाएगी।