Move to Jagran APP

इंकैब की नीलामी के नोटिस पर सक्रिय हुए कर्मचारी

सालों से बंद इंकैब इंडस्ट्रीज लिमिटेड (केबुल कंपनी) की नीलामी की घोषणा के साथ ही कर्मचारी गोलबंद होने लगे हैं। रविवार को कंपनी गेट पर कर्मचारियों ने एक बैठककर नीलामी रूकवाने पर सहमति जताई तो दूसरी ओर बकाये की कागजात जमा करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी।

By JagranEdited By: Published: Mon, 17 Feb 2020 08:00 AM (IST)Updated: Mon, 17 Feb 2020 08:00 AM (IST)
इंकैब की नीलामी के नोटिस पर सक्रिय हुए कर्मचारी
इंकैब की नीलामी के नोटिस पर सक्रिय हुए कर्मचारी

जासं, जमशेदपुर : सालों से बंद इंकैब इंडस्ट्रीज लिमिटेड (केबुल कंपनी) की नीलामी की घोषणा के साथ ही कर्मचारी गोलबंद होने लगे हैं। रविवार को कंपनी गेट पर कर्मचारियों ने एक बैठककर नीलामी रूकवाने पर सहमति जताई तो दूसरी ओर बकाये की कागजात जमा करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी।

loksabha election banner

कंपनी गेट पर कर्मचारियों को संबोधित करते हुए पूर्व जीएम आरबी सिंह ने सभी को गोलबंद रहने की जरूरत बताई। उन्होंने नीलामी के आदेश पर दुख व्यक्त किया। कर्मचारियों से अपने-अपने बकाये की कागजात जमा करने का आग्रह किया। बताया कि नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल ने अपने नोटिस में कहा है कि कंपनी नीलाम की जाएगी। अब कंपनी का कोई भी कर्मचारी नहीं है। पूर्व में जो भी कर्मचारी रहे हैं वे अपने बकाया से संबंधित कागजात जमाकर दावा कर सकते हैं। इंकैब बचाने की लड़ाई लड़ रहे इंकैब संयुक्त मोर्चा के अध्यक्ष भगवती सिंह ने कर्मचारियों को कहा कि वे अपने कागजात जमा कर बकाया का दावा करें लेकिन वे कं पनी को बचाने व नीलामी से रोकने के लिए उच्च स्तर तक अपनी लड़ाई जारी रखेंगे। कहा कि वे एनसीएलटी के अपीलीय कोर्ट जाएंगे। अगर वहा से राहत नहीं मिलती है तो वे सर्वोच्च न्यायालय के शरण में जाएंगे। आरबी सिंह ने बताया कि पूर्व में लिक्विडेटर (परिसमापक) द्वारा यह कहा गया था कि वे कंपनी को बेचना चाहते हैं। लेकिन इससे पूर्व कंपनी की कीमत तय होनी चाहिए। कई ऐसे लोग मिलेंगे जो कंपनी खरीद कर कर्मचारियों का बुरा हाल से बचा सकते थे।

कहा कि कोर्ट का आदेश कानूनी प्रक्रिया है इसलिए वे लोग अपनी लड़ाई भी कानूनी ढंग से लड़ेंगे।

मायूस दिखे इंकैब कर्मी

नीलामी की नोटिस लगा होने की जानकारी होने पर रविवार की सुबह सैकड़ों की संख्या में कर्मचारी कंपनी गेट के पास पहुंचे थे। कर्मचारियों में मायूसी थी। इसमें से कई ऐसे कर्मी थे जो सेवानिवृत्ति के उम्र में थे और कंपनी बंद हो गयी। ऐसे में उनके वषों की कमाए रुपये भी फ ंस गए हैं। दूसरी ओर कई ऐसे कर्मी थे जो बंद होने के कुछ वर्ष पूर्व ही कंपनी में योगदान दिया था लेकिन कंपनी खुलने की आस ने उन्हें कहीं का नहीं रहने दिया।

---

केबुल एसोसिएशन में मिलेगा फार्म ई

एनसीएलटी के आदेश के तहत सभी कर्मचारियों को अपने बकाये कागजात के साथ ई फार्म भरना है, तो उसके साथ में साक्ष्य के तौर पर कागजात व कोर्ट से सत्यापित प्रति भी सौंपनी है। आरबी सिंह ने कहा कि ये सभी कागजात व जानकारी की व्यवस्था कर दी गई है, जो केबुल एसोसिएशन में मिलेगा। कागजात स्पीड पोस्ट या फिर किसी दूसरे माध्यम से कंपनी के लिक्विडेटर (परिसमापक) शशि अग्रवाल को कोलकाता भेजना है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.