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इस नर्सरी में जैविक खाद से लहलहा रहे एक लाख पौधे Jamshedpur News

जैविक जमशेदपुर वन क्षेत्र के विस्तार में अहम भूमिका निभाएंगे ये पौधे विभाग की हर नर्सरी में जैविक खाद के इस्तेमाल का निर्देश।

By Vikas SrivastavaEdited By: Published: Sat, 22 Feb 2020 01:50 PM (IST)Updated: Sat, 22 Feb 2020 01:50 PM (IST)
इस नर्सरी में जैविक खाद से लहलहा रहे एक लाख पौधे Jamshedpur News
इस नर्सरी में जैविक खाद से लहलहा रहे एक लाख पौधे Jamshedpur News

जमशेदपुर (जागरण संवाददाता)। जैविक खाद से वन विभाग की नर्सरी में एक लाख पौधे तैयार किए जा रहे हैं। चाकुलिया प्रखंड में स्थित जमशेदपुर वन प्रमंडल की यह नर्सरी लहलहा रही है। अलग-अलग प्रजाति के इन पौधों से ही भविष्य में वनक्षेत्र को विस्तार दिया जाना है।

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यही नहीं जमशेदपुर के वन प्रमंडल पदाधिकारी डा. अभिषेक कुमार ने खुद सभी रेंज के वनक्षेत्र पदाधिकारी को स्पष्ट निर्देश भी दिया है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में बनाने वाली नर्सरी में केवल जैविक खाद का ही प्रयोग करें। यही कारण है कि वन विभाग के सभी रेंज में तैयार होने वाले पौधों में जैविक खाद का ही प्रयोग किया जा रहा है। पूर्व से तैयार नर्सरी में बांस के पौधे लहलहा रहे हैं।

वन विभाग की ओर से हमेशा से ही पौधों को तैयार करने में अपनी नर्सरी में जैविक खाद का ही प्रयोग किया जाता है। दैनिक जागरण का अभियान तारीफ के काबिल है। इस अभियान से जमशेदपुर ही नहीं बल्कि पूरे झारखंड में जैविक खाद को बढ़ावा देने का मुहिम चला रही है।

पौधे उगाने में जैविक खाद के प्रयोग से लाभ ही लाभ मिलता

पेड़-पौधों में जैविक खाद का प्रयोग करने से पौधे स्वस्थ्य रहते हैं। जमशेदपुर के डीएफओ डा. अभिषेक कुमार कहते हैं कि जैविक खाद के प्रयोग से मिट्टी उपजाऊ होती है और जल धारण क्षमता बढ़ती है। मिट्टी का कटाव रुकता है, मिट्टी में वायु का संचार अच्छा होता है, जिससे पौधों की जड़ों को पर्याप्त मात्र में ऑक्सीजन मिलती है। पौधा तेजी से बढ़ते हैं। यदि फलदार पौधे तैयार होते हैं तो उसके फलों में अधिक पोषक तत्व होते हैं।

वन विभाग की नर्सरी में तैयार होने वाले अलग-अलग पौधे

जमशेदपुर के एसीएफ सह चाकुलिया के प्रभारी रेंज पदाधिकारी अशोक कुमार ने बताया कि चाकुलिया के दिघी गांव की नर्सरी में एक लाख पौधे तैयार हो रहे हैं। तैयार होने वाले पौधों में करंज, नीम, सागवान, शीशम, काजू, अजरुन, कटहल आदि के पौधे तैयार हो रहे हैं।


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