ओडीएफ नगर पंचायत क्षेत्र में लोग कर रहे खुले में शौच Saraikela news
Open Defecation Free. सात सामुदायिक शौचालयों में दो साल से ताला लटका है और सरायकेला नगर पंचायत क्षेत्र में स्वच्छता के दावे की पोल खुल रही है।
सरायकेला, प्रमोद सिंह। जिन शौचालयों को तामझाम से बनवाकर जनप्रतिनिधि चुनाव मैदान में उतरे थे उनमें अब भी ताले लगे हुए हैं। हालत ये है कि 2017 में ओडीएफ घोषित हुए नगर पंचायत में लोग खुले में शौच कर रहे हैं। जिला प्रशासन की ओर से सरायकेला नगर पंचायत को ओडीएफ घोषित करने के वावजूद नगरवासी खुले में शौच करने को विवश हैं। क्योंकि नगर पंचायत की ओर से सरायकेला में बनाए गए चार सामुदायिक शौचालयों में से तीन शौचालयों में ताले लटक रहे हैं।
स्वच्छ भारत मिशन शहरी के तहत सरायकेला नगर पंचायत को पूर्ण रुप से खुले में शौच मुक्त बनाने के लिए पांच सामुदायिक शौचालय का निर्माण तो कराया गया लेकिन निर्माण के बाद इन तीनों शौचालयों में ताले लटक रहे हैं। सामुदायिक शौचालयों में ताला लटकने से नगर पंचायत द्वारा वार्ड संख्या दो व वार्ड संख्या नौ में 23-23 लाख की लागत से बनाया गया सामुदायिक शौचालय बेकार साबित हो रहा है। ऐसे में ओडीएफ घोषित हो चुके सरायकेला नगर पंचायत के नगरवासी खुले में शौच करने को विवश हैं। शौचालयों में ताला लटके रहने से नगरवासियों को शौच जाने में खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
खुले में शौच दंडनीय अपराध
ज्ञात हो कि नगर पंचायत अंतर्गत जिनके घर में शौचालय नहीं है या शौचालय बनाने के लिए जगह नहीं है ऐसे लोगों के लिए नगर पंचायत की ओर से सार्वजनिक शौचालय का निर्माण तो किया गया लेकिन इसे आम लोगों के उपयोग से दूर रखा गया है। इन शौचालयों के समीप स्वच्छ भारत मिशन शहरी के तहत खुले में शौच करना दंडनीय अपराध का बोर्ड लगाया गया है जिसमें लिखा गया नगर पंचायत द्वारा खुले में शौच करते पाए जाने पर कठोर कारवाई करते हुए 500 रुपये का आर्थिक जुर्माना वसूला जाएगा। लेकिन लोगों को खुले में शौच जाना मजबूरी है।
करोड़ों रुपये से बनाए गए हैं शौचालय
सरायकेला नगर पंचायत क्षेत्र में करोड़ों की लागत से बनाए गए शौचालयों में ताला लगा हुआ है। सरायकेला नगर पंचायत क्षेत्र में 14वें वित आयोग फंड से लगभग एक करोड़ की लागत से बनाए गए पांच सामुदायिक शौचालय का निर्माण कराया गया था। जिसमें से सिर्फ दो शौचालयों का ताला खुला है बाकी तीन शौचालयों में ताला लगा हुआ है। कई शौचालय तो ऐसी जगहों पर बना दिए गए हैं जहां पर लोग आते-जाते भी नही हैं। इन शौचालयों के आसपास शराबियों और आवारा पशुओं ने डेरा जमा लिया है। सामुदायिक शौचालयों का नगर पंचायत मेंटेंनेंस तक नहीं कर पा रहा है। जो भी सामुदायिक शौचालय बनाया गया है वह बाहर से तो चकाचक है लेकिन अंदर से खंडहर होता जा रहा है। विधायक निधि से भी सरायकेला नगर पंचायत में चार शौचालय बनाया गया है उसमें भी ताला लगा हुआ है। नगर पंचायत क्षेत्र में कूल नौ सामुदायिक शौचालय बनाया गया है।
ये कहते पदाधिकारी
सामुदायिक शौचालयों को चलाने के लिए कई बार टेंडर निकाला गया लेकिन अभी तक किसी एनजीओ ने निविदा नहीं डाला। अचार संहिता समाप्त होने के बाद फिर से निविदा निकाली जाएगी।
-राजीव रंजन सिंह, कार्यपालक पदाधिकारी, नगर पंचायत सरायकेला।