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दलमा में तितली आैर मोथ के 400 से अधिक प्रजाति देख मोहित हुए विदेशी

जमशेदपुर से सटे व हाथियों के लिए विश्व प्रसिद्ध दलमा वन्य प्राणी आश्रयणी में तितली और मोथ के चार सौ से अधिक प्रजाति देखकर विदेशी शोधकर्ता मोहित हो गए।

By Edited By: Published: Fri, 20 Sep 2019 07:00 AM (IST)Updated: Fri, 20 Sep 2019 11:25 AM (IST)
दलमा में तितली आैर मोथ के 400 से अधिक प्रजाति देख मोहित हुए विदेशी
दलमा में तितली आैर मोथ के 400 से अधिक प्रजाति देख मोहित हुए विदेशी

जमशेदपुर, जासं। जमशेदपुर से सटे व हाथियों के लिए विश्व प्रसिद्ध दलमा वन्य प्राणी आश्रयणी के मकुलाकोचा में तितली व मोथ संरक्षण को लेकर छठा एशियन सेमिनार हुआ। इसमें भारत, ब्रिटेन, हांगकांग, साउथ कोरिया व श्रीलंका के 50 तितली व मोथ पर शोध कर रहे प्रतिनिधि शामिल हुए। तितली व मोथ के खान-पान, संरक्षण, पर्यावरण विषय पर दो दिवसीय सेमिनार में जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के डायरेक्टर डॉ. कैलाश चंद्रा के अलावा विश्व प्रसिद्ध शोधकर्ता हांगकांग के रोजर केंड्रिक भी दलमा पहुंचे थे।

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दलमा में पहली बार बड़ी संख्या में विदेशी मेहमानों के पहुंचने पर क्षेत्रीय मुख्य वन संरक्षक विश्वनाथ साह, डीएफओ सीपी सिन्हा व रेंजर दिनेश चंद्रा ने उनका स्वागत किया। जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के डायरेक्टर डा. कैलाश चंद्रा ने बताया कि तितली व मोथ के संरक्षण को लेकर छठा एशियन सेमिनार का आयोजन भारत में करने का निर्णय लिया गया था। भारत में तितली व मोथ पर सेमिनार के लिए जमशेदपुर के दलमा का चुनाव किया गया। दलमा में सभी शोधार्थी तितली व मोथ की खोज में जुट गए। इस तरह दलमा में विभिन्न प्रजातियों की 400 तितली व मोथ पाए गए।

जैव विविधता की सराहना

दलमा की सुंदरता व जैव विविधता को देखकर देश-विदेश से आए विशेषज्ञों ने जमकर सराहना की। तितली व मोथ प्रजाति को कैसे बचाया जा सके? दलमा में बढ़ रहे तितली व मोथ किस तरह के वातावरण में प्रजनन से लेकर जीवन यापन करते हैं, आदि विषय पर शोध किया गया।

सेमिनार में शामिल होनेवाले विदेशी व देशी शोधकर्ता

जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के डायरेक्टर डा. कैलाश चंद्रा, रोजर केंड्रिक हांगकांग, पॉल वे¨रग ब्रिटेन, डी वे¨रग ब्रिटेन, डेव ग्रुंडी बरमिंघम-ब्रिटेन, मार्क स्ट्रेलिंग ब्रिटेन, पार्क क्यू-टेक साउथ कोरिया, जगबीर सिंह भारत, सी रघुनाथन भारत, एचटीएआर करुणनंदा श्रीलंका, एमपी गुनवार्डेना श्रीलंका, पीएचएमजीसी प्रियदर्शना श्रीलंका, प्लानिवेल, गुरुल सचिन अर्जुन, पीआर शशांक, अमृतपाल सिंह कलेका, नवनीत सिंह, पीसी पथानिया, दिव्यांशु गुप्ता, राहुल जोशी, गोपाल शर्मा, जीतेश्वर सिंह, एफ्रेड डेनियल, बासकरण, आरके बालाजी, ऋषि कुमार, समराज, शंकरा रमण, शहबाब अहमद फारूकी, शिवांशु गर्ग, अमिताभ मजुमदार, सुरेश कुमार शाह, जेली अहमद, जीतेंद्र कुमार, पल्लब चटर्जी, राजेश लेंका, अभिषेक तालुकदार, हरसिमरनजीत सिंह, राहुल रंजन, कुमार कस्तुब, निखिल कुनी, बनानी मुखोपाध्याय, गगनप्रीत कौर बाली, शबनम कुमारी, तस्लीमा शेख, अपूर्वा दास तथा श्रीलंका की डीआर बामुनारक्षी शामिल थीं।


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