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Jharkhand Technology : आइआइटी प्रोफेसर ने बताए शीट मेटल बनाने में विफलता के मानदंड Jamshedpur News

विशेष लेक्‍चर के दौरान खास तौर से ऑटो मैन्यूफैक्चरिंग में जेनरेशन और एफएलडी के प्रयोग पर फोकस किया गया।

By Vikas SrivastavaEdited By: Published: Fri, 24 Jan 2020 09:50 PM (IST)Updated: Fri, 24 Jan 2020 09:50 PM (IST)
Jharkhand Technology :  आइआइटी प्रोफेसर ने बताए शीट मेटल बनाने में विफलता के मानदंड Jamshedpur News
Jharkhand Technology : आइआइटी प्रोफेसर ने बताए शीट मेटल बनाने में विफलता के मानदंड Jamshedpur News

जमशेदपुर (जागरण संवाददाता)। राष्ट्रीय धातुकर्म प्रयोगशाला (एनएमएल) में शुक्रवार को विशेष लेक्चर का आयोजन किया गया। इसमें आइआइटी पटना के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. सुरजीत पॉल ने शीट मेटल बनाने में विफलता के विषय पर चर्चा करते हुए विफलता के विभिन्न कारणों पर प्रकाश डाला।

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इसके लिए उन्होंने फार्मिंग लिमिट डायग्राम (एफएलडी) और होल एक्सपेंशन रेशियो (एचईआर) के जरिए विस्तार से इसकी व्याख्या की। उन्होंने अपने लेक्चर के दौरान खास तौर से ऑटो मैन्यूफैक्चरिंग में जेनरेशन और एफएलडी के प्रयोग पर फोकस किया।

होल एक्सपेंशन रेशियो को विभिन्न प्रेजेंटेशन व उदाहरणों से समझाया। साथ ही टेस्ट व विभिन्न नियंत्री (कंट्रोलिंग) फैक्टर्स जैसे माइक्रोस्ट्रक्चर, टेंसाइल प्रोपर्टीज, होल प्रिपरेशन मेथड आदि के बारे में भी बताया।  कार्यक्रम के समापन पर सीएसआइआर- एनएमएल के मुख्य वैज्ञानिक डॉ. एस तरफदार ने उन्हें स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया।

50 से अधिक वैज्ञानिकों ने की शिरकत

इस विशेष लेक्चर में एनएमएल सहित विभिन्न संस्थानों के 50 से अधिक वैज्ञानिकों व इंजीनियरों ने शिरकत की। डॉ. पॉल के विचारों से अवगत हुए और नई जानकारियों से लैस हुए। यह विशेष आयोजन इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेटल्स आइआइएम जमशेदपुर चैप्टर के सहयोग से किया गया। 


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