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कोरोना को मात देकर लौटे युवक का संदेश- यदि मास्क को ड्रेस का ही हिस्सा बना लें तो दूर रहेगा कोरोना

covid 19. 18 दिनों तक कोरोना से जूझने एवं सफलतापूर्वक उसे मात देने के बाद अपने घर चाकुलिया लौटे युवक का गर्मजोशी से स्वागत हुआ।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Sat, 30 May 2020 12:00 PM (IST)Updated: Sat, 30 May 2020 12:00 PM (IST)
कोरोना को मात देकर लौटे युवक का संदेश- यदि मास्क को ड्रेस का ही हिस्सा बना लें तो दूर रहेगा कोरोना
कोरोना को मात देकर लौटे युवक का संदेश- यदि मास्क को ड्रेस का ही हिस्सा बना लें तो दूर रहेगा कोरोना

चाकुलिया (पूर्वी सिंहभूम), पंकज मिश्र। 18 दिनों तक कोरोना से जूझने एवं सफलतापूर्वक उसे मात देने के बाद अपने घर चाकुलिया लौटे युवक का गर्मजोशी से स्वागत हुआ। एंबुलेंस से उतरते ही तालियों की गड़गड़ाहट के बीच स्थानीय सीओ अरविंद कुमार ओझा एवं नगर पंचायत उपाध्यक्ष सुमित लोधा ने गुलदस्ता देकर स्वागत किया। युवक ने उपस्थित लोगों का अभिवादन करने के बाद मिट्टी को माथे से लगा कर घर में प्रवेश किया।

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दैनिक जागरण से बातचीत में कोरोना विजेता 24 वर्षीय छात्र ने कहा कि कोलकाता के गिरीश पार्क में रहने के दौरान ही उसे संक्रमण हुआ होगा। छह मई को चाकुलिया लौटने के बाद नौ मई को सैंपल लिया गया तथा 11 मई को रिपोर्ट आई। उसी रात 11:50 बजे जब मैं सोने जा रहा था, तभी मोबाइल पर कॉल आई। दूसरी तरफ से आवाज आई- मैं जमशेदपुर उपायुक्त बोल रहा हूं। आपके लिए एक बुरी खबर है। आपका टेस्ट पॉजिटिव आया है। अभी रात में ही आपको जमशेदपुर लाया जाएगा तथा कल दोबारा टेस्ट होगा। इसके बाद उन्होंने घर के लोगों के बारे में पूछा और कहा कि सभी को टेस्ट के लिए जमशेदपुर आना होगा। रात करीब दो बजे हम यहां से निकले और चार बजे टीएमएच पहुंचे। इस दौरान रात भर डीसी साहब हमारे संपर्क में रहे और हौसला बढ़ाते रहे। टीएमएच में रहने के दौरान भी जब कभी दिक्कत हुई मैंने उन्हें फोन किया और तुरंत समस्या दूर हो गई।

अस्पताल में नहीं खानी पड़ी एक भी दवा

युवक ने बताया कि 18 दिनों तक कोविड अस्पताल में रहने के बावजूद एक भी दवा नहीं खानी पड़ी। वार्ड में निर्धारित समय पर नाश्ता, दोपहर का भोजन, शाम को स्नेक्स तथा रात में खाना मिलता था। काफी साफ-सफाई थी तथा सभी सुविधाएं थीं। चिकित्सकों का व्यवहार भी काफी अच्छा था। डॉक्टरों ने कहा कि जब कोई लक्षण ही नहीं है तो दवा किस चीज की दें। अनावश्यक दवा देने पर साइड इफेक्ट होता है। इस तरह मुङो कोई दवा नहीं खानी पड़ी और मैं खुद ठीक हो गया।

25 को रात भर नहीं सो पाया

युवक ने बताया कि पूरी इलाज प्रक्रिया के दौरान चार बार टेस्ट किया गया। पहला सैंपल नौ मई को चाकुलिया में लिया गया था। दूसरा 12 मई, तीसरा 25 मई तथा चौथा 28 मई को टीएमएच में लिया गया। जब तीसरे टेस्ट की रिपोर्ट 25 मई की शाम आई और उसमें भी पॉजिटिव निकला तो मैं बुरी तरह घबरा गया।

चाकुलिया वासियों से माफी चाहूंगा

मेरे चलते चाकुलिया को कंटेनमेंट जोन बनाना पड़ा और लोगों को काफी परेशानी हुई। इसे लेकर मुझे दुख एवं पश्चाताप हो रहा है। मैं शहरवासियों से इसके लिए माफी चाहूंगा। यदि हम कोरोना से दूर रहना चाहते हैं तो मास्क को ड्रेस का हिस्सा बनाना होगा। शारीरिक दूरी का पालन करना पड़ेगा तथा सैनिटाइजर का प्रयोग करते रहना पड़ेगा।

नर्सों व स्वास्थ्य कर्मियों ने तालियां बजा खुशी जाहिर की

पूर्वी सिंहभूम जिले का दूसरा संक्रमित युवक भी कोरोना से मुक्त हो गया। चाकुलिया निवासी इस युवक को राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने गुलदस्ता देकर टीएमएच (टाटा मुख्य अस्पताल) से विदा किया। इसके साथ ही अब तक टीएमएच से चार कोरोना संक्रमित ठीक हो चुके हैं। इस मौके पर चाकुलिया के युवक ने पत्रकारों से कहा कि वह कोलकाता में सीए (चार्टर्ड एकाउंटेंट) की तैयारी कर रहा था। लॉकडाउन के दौरान वह चाकुलिया स्थित अपने घर आया था। उसे जब पता चला कि वह कोरोना पॉजिटिव है, तो काफी नर्वस हो गया था।


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