Jharkhand Politics: बाबूलाल मरांडी आए तो जमशेदपुर भाजपा में मचेगी उथलपुथल, तीन खेमों में होगा टकराव Jamshedpur News
Jharkhand Politics. बाबूलाल मरांडी भाजपा में आए तो जमशेदपुर भाजपा में उथलपुथल मचेगी।जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा क्षेत्र में रघुवर दास सरयू राय व अभय सिंह के खेमे मेें टकराव तय है।
जमशेदपुर, जासं। करीब पांच वर्ष बाद एक बार फिर झाविमो सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी के भाजपा में शामिल होने की अटकलें तेज हो गई हैं। दावा तो यह भी किया जा रहा है कि बाबूलाल भाजपा में शामिल हो गए हैं, बस 15 जनवरी को घोषणा की औपचारिकता बाकी है। यदि ऐसा होता है तो जमशेदपुर में भाजपा की राजनीति में उथल-पुथल मच जाएगी।
खासकर जमशेदपुर पूर्वी में अब भी झाविमो का झंडा फहराने वाले अभय सिंह व उनकी टीम से भाजपा की मौजूदा टीम में टकराव होना तय है। अभय सिंह व पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के समर्थकों के बीच इसी विधानसभा चुनाव में कई बार झड़प हो चुकी है। दोनों के बीच 36 का आंकड़ा किसी से छुपा नहीं है। रघुवर दास ने ही प्रदेश अध्यक्ष रहते बाबूलाल मरांडी सहित अभय सिंह समेत कई भाजपा नेताओं को पार्टी से निष्कासित कर दिया था। इसके साथ ही अभय सिंह बाबूलाल के नेतृत्व वाली झाविमो में शामिल हो गए थे।
सरयू राय की वजह से नया समीकरण
जमशेदपुर में भाजपा की राजनीति में नया समीकरण विधायक सरयू राय की वजह से बन गया है, जिसमें सरयू राय का समर्थन करने की वजह से भाजपा के पूर्व प्रदेश प्रवक्ता अमरप्रीत सिंह काले समेत कई नए-पुराने भाजपाइयों को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है। इस हिसाब से देखा जाए तो बाबूलाल की वापसी के बाद जमशेदपुर में भाजपा के तीन खेमे हो जाएंगे, जो पार्टी में अपना वर्चस्व कायम करने के लिए टकराने से बाज नहीं आएंगे। इनमें से एक ऐसा खेमा है, जो केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा को अपना नेता मानता है। मुंडा खेमे के भाजपाई पहले भी रघुवर खेमे के साथ नहीं दिखते थे।
सरयू राय की वापसी की भी अटकलें
हालांकि अभी यह भविष्य के गर्त में है, लेकिन राजनीतिक हलकों में इस बात की चर्चा हो रही है कि जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा से अगले चुनाव में रघुवर दास, सरयू राय व अभय सिंह तीनों दावेदार हुए तो क्या होगा। इस स्थिति की वजह है कि सरयू राय की भी भाजपा में वापसी की अटकलें चल रही हैं। वैसे सरयू को छह साल के लिए पार्टी ने निलंबित कर दिया है, लेकिन राजनीति और जंग में कुछ भी संभव है। वैसे भी राजनीति को संभावनाओं का खेल कहा जाता है। भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व झारखंड में चेहरा बदलने के लिए कुछ भी कर सकता है, ऐसा माना जा रहा है।
इनकी सुनें
बाबूलाल के भाजपा में शामिल होने की बात में कोई दम नहीं है। मरांडी जी अभी विदेश में हैं, तो शामिल कैसे हो गए। यह अटकलों के सिवा कुछ नहीं है।
- अभय सिंह, प्रदेश महासचिव, झाविमो
पार्टी के शीर्ष नेतृत्व पर क्या चल रहा है, कुछ कहना मुश्किल है। वैसे मेरा मानना है कि बाबूलाल मरांडी भाजपा में शामिल होंगे, तो पार्टी ज्यादा मजबूत होगी।
- दिनेश कुमार, जिलाध्यक्ष, भाजपा