Digital Transaction : सुबह आठ से 11 बजे के बीच हो जा रहा डिजिटल आउटेज, ICICI व SBI जैसे बैंक भी नहीं ढूढ़ पा रहे समाधान
Digital Transaction Problem अक्सर ऐसा होता है जब आप ऑनलाइन इंटरबैंकिंग से पैसा ट्रांसफर करते हैं और सर्वर हैंग हो जाता है। उस समय आपके होश उड़ जाते हैं। हालांकि सर्वर चालू होते ही समस्या का समाधान हो जाता है। जानिए क्या होता है डिजिटल आउटेज.....
जमशेदपुर, जासं। ऐसा आपके साथ भी हुआ होगा कि इंटरनेट पर काम करते-करते अचानक सर्वर गायब हो गया हो। कई बार ऐसी परिस्थिति में फाइल उड़ जाती है, जिसे कभी-कभी रि-स्टोर करना नामुमकिन भी हो जाता है। ऐसे में यूजर पसीने से तरबतर हो जाता है, लेकिन जब ऐसी स्थिति बैंकिंग लेन-देन में हो जाए, तो ग्राहक पर क्या बीतती होगी, इसकी बस कल्पना ही की जा सकती है।जी हां, आपने ठीक समझा। आइसीआइसीआइ और देश के सबसे बड़े ऋणदाता भारतीय स्टेट बैंक में भी ऐसा हो, तो क्या कहेंगे।
डिजिटल आउटेड से परेशान ग्राहक
एसबीआइ के कुछ ग्राहकों ने मंगलवार को इंटरनेट और मोबाइल बैंकिंग प्लेटफॉर्म में डिजिटल आउटेज की सूचना दी है। आमतौर पर यह समस्या सुबह आठ से 11 बजे तक होती है। डिजिटल आउटेज ट्रेक करने वाली वेबसाइट डाउनडिटेक्टर के अनुसार, आइसीआइसीआइ के करीब 217 ग्राहकों ने भी इंटरनेट बैंकिंग के साथ इस तरह की समस्या होने की बात कही है।
हो सकता है कि अब तक उनकी समस्याओं का समाधान हो गया हो, लेकिन इतने बड़े बैंक भी डिजिटल आउटेज की समस्या संभाल नहीं पा रहे हैं, तो छोटे बैंकों के बारे में क्या कहा जा सकता है। बहुत संभव है कि उनके यहां भी ऐसी शिकायत हो, लेकिन अब तक सामने नहीं आई हो।
दो वर्ष से हो रही समस्या, आरबीआइ ने दी थी चेतावनी
बताया जाता है कि इस तरह की समस्या दो वर्ष से हो रही है। कई ग्राहकों का कहना है कि उन्हें इस बीच कई बार डिजिटल आउटेज की वजह से परेशान होना पड़ा। कहा जा रहा है कि रिजर्व बैंक को भी इसकी शिकायत मिलती रही है। इसी के मद्देनजर भारतीय रिजर्व बैंक ने दिसंबर 2020 में एचडीएफसी के डिजिटल बैंकिंग की लांचिंग पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके ग्राहकों ने दो वर्ष में कई बार डिजिटल आउटेज होने की शिकायत की थी। हालांकि रिजर्व बैंक ने इस वर्ष अगस्त में प्रतिबंध हटा दिया, जब एचडीएफसी ने आश्वस्त किया कि इस तरह की शिकायत नहीं मिलेगी।
टेक्नोलाजी अपग्रेड करने को बार-बार दिया गया निर्देश
रिजर्व बैंक बार-बार बैंकों काे यह निर्देश देता है कि आप डिजिटल लेन-देन को दुरुस्त रखें। टेक्नोलाजी अपग्रेड करें। अपनी क्षमता बढ़ाएं, ताकि ग्राहकों को इस तरह की परेशानी से नहीं जूझना पड़े। बैंक व्यापक स्तर पर ग्राहकों की संख्या बढ़ाने के लिए टेक्नोलाजी का सहारा तो ले रहे हैं, लेकिन इस आपाधापी में समस्याओं के समाधान की बात भूल जाते हैं। डिजिटल लेन-देन में अभी बहुत काम करने की आवश्यकता है, इन शिकायतों से तो यही पता चलता है।