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ये स्मार्ट गैजेट कहीं चुरा न ले आपकी खूबसूरती

डिजिटल स्क्रीन पर बिताया गया आधे घंटे का वक्त कड़ी धूप में बिताए गए पांच मिनट के बराबर होता है।

By Babita KashyapEdited By: Published: Fri, 19 May 2017 04:04 PM (IST)Updated: Fri, 19 May 2017 04:04 PM (IST)
ये स्मार्ट गैजेट कहीं चुरा न ले आपकी खूबसूरती
ये स्मार्ट गैजेट कहीं चुरा न ले आपकी खूबसूरती

जमशेदपुर, जागरण संवाददाता। आजकल की लाइफ स्टाइल में जहां मोबाइल फोन, ई-बुक रीडर्स, लैपटॉप, टैबलेट, पैड आदि जीवन का हिस्सा बन गए हैं, वहीं इससे लोग खूबसूरती भी खोते जा रहे हैं। वाट्सएप, फेसबुक, इंस्टाग्राम व ईमेल में लगातार आंखें गड़ाए रखने से आंखों के साथ-साथ चेहरे की त्वचा पर भी दुष्प्रभाव पड़ रहा है। जहां पहले त्वचा की समस्याओं में पिंपल व एक्ने की परेशानियां सामने आती थीं, वहीं अब कम उम्र में बारीक रेखाओं, झुर्रियों व त्वचा पर बढ़ती उम्र के निशान के अलावा झाइयों की समस्या आम हो रही है। 

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इसकी सबसे बड़ी वजह है फोन व लैपटॉप का अधिक उपयोग। विशेषज्ञों की मानें तो डिजिटल स्क्रीन पर बिताया गया आधे घंटे का वक्त कड़ी धूप में बिताए गए पांच मिनट के बराबर होता है। यदि कोई हर रोज चार-छह घंटे डिजिटल स्क्रीन पर बिता रहा है तो इससे उस व्यक्ति के चेहरे व गर्दन की त्वचा पर होने वाले नुकसान का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है। 

चेहरे व गर्द की त्वचा पर ज्यादा नुकसान

लगातार फोन पर रहना, फोटो क्लिक करना, शेयर करना, मेल करना या फिर टेक्स्ट करना। इन सारी गतिविधियों में फेशियल व नेक मसल्स, चेहरे व गर्दन की मांसपेशियों पर तनाव पड़ता है। इससे बनी गर्दन व चेहरे की स्थिति टेक-नेक कहलाती है। इस स्थिति की अधिकता चेहरे व गर्दन पर झुर्रियां उत्पन्न कर देती है। ऐसे में त्वचा पर उम्र से पहले ही झुर्रियां दिखने लगती हैं।

बैक्टीरियल इन्फेक्शन 

फोन पर टॉयलेट सीट से अधिक बैक्टीरिया होते हैं, यह गलत नहीं है। त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ. आर कुमार के मुताबिक फोन जब चेहरे के संपर्क में आता है तो उससे चेहरे पर संक्रमण होता है। ऐसे में ध्यान न देने पर संक्रमण बढ़कर त्वचा को नुकसान पहुंचा सकता है।

उत्सर्जित होती है ब्लू लाइट

किसी भी डिजिटल गैजेट की स्क्रीन ब्लू लाइट का उत्सर्जन करती है। यह ब्लू लाइट शरीर में पाए जाने वाले मेलाटॉनिन की सप्लाई को बाधित कर देती है, जिससे अनिद्रा व अल्पनिद्रा जैसी बीमारियां हो जाती हैं। ऐसे त्वचा में डीहाइड्रेशन उत्पन्न हो जाता है। इसके अलावा यह लाइट त्वचा की आखिरी परत तक जाकर त्वचा के अंदर पाए जाने वाले कोलैजन प्रोटीन की मात्र कम कर देती है, जिससे आंखों में डार्क सर्कल व पफी आइज के अलावा त्वचा पर पिगमेंटेशन आदि उत्पन्न हो जाता है।

यूवी सी लाइट

यूवी सी लाइट जो कि वातावरण में होती है लेकिन सीधे धरती पर पहुंच नहीं पाती ऐसे में इसका नुकसान नहीं हो पाता, लेकिन वही लाइट सीधा स्क्रीन से चेहरे पर पहुंचती है। डॉ. आर कुमार के मुताबिक आधे घंटे से ज्यादा स्क्रीन पर रहने से त्वचा को यह लाइट नुकसान पहुंचा सकती है।

ऐसे रखें ख्याल

अगर आधे घंटे से ज्यादा समय तक स्क्रीन पर रहना है तो ऐसे में सनस्क्रीन का उपयोग करना चाहिए। इसके अलावा आजकल लाइट बैलेंसिंग सॉफ्टवेयर आ गए हैं जो कि ब्लू लाइट के प्रभाव को कम करके यलो लाइट के प्रभाव को बढ़ा देते हैं। ऐसे में इन सॉफ्टवेयर्स का उपयोग करना चाहिए। स्क्रीन की लाइट को डिम करके रखने से भी राहत मिलती है। अंधेरे में फोन के अधिक उपयोग से बचना चाहिए।

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