रीडर से प्रोफेसर कैसे बन गईं केयू की वीसी, होगी जांच Jamshedpur News
कोल्हान विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर डॉ. शुक्ला माहांती प्रोफेसर पद पर मिली प्रोन्नति को लेकर चर्चा में हैंं। राजभवन प्रोन्नति की जांच स्वतंत्र जांच कमेटी से कराएगा।
जमशेदपुर (जागरण संवाददाता)। कोल्हान विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर डॉ. शुक्ला माहांती प्रोफेसर पद पर मिली प्रोन्नति को लेकर विवादों में फंस गई है। राजभवन में इस प्रोन्नति की जांच का निर्देश स्वतंत्र जांच कमेटी से कराने का निर्णय लिया है।
इस निर्णय के बाद कोल्हान विश्वविद्यालय में हलचल मच गई है। बुधवार को इस मामले को लेकर दिन भर विश्वविद्यालय तथा कोल्हान विश्वविद्यालय के कॉलेजों में चर्चा होती रही। दरअसल अभाविप की ओर से कोल्हान विश्वविद्यालय की वीसी डॉ. शुक्ला माहांती व विनोबा भावे विश्वविद्यालय हजारीबाग की वीसी डॉ. रमेश शरण पर प्रोफेसर में हुई प्रोन्नति की जांच की मांग की गई थी।
इस शिकायत पत्र में बताया गया कि ये दोनों पदाधिकारी रीडर से प्रोफेसर कैसे बन गए, यह अभी तक स्पष्ट नहीं है। दरअसल इन दोनों पदाधिकारियों ने प्रोफेसर पद के लिए जेपीएससी से स्वीकृति प्राप्त नहीं हुई थी। शिकायत पत्र के अनुसार इस पद के लिए जेपीएससी परीक्षा लेता है, उसके बाद प्रोफेसर के पद पर प्रोन्नति होती है। लेकिन कोल्हान विवि की वीसी के मामले में ऐसा नहीं होने की बात सामने आ रही है।
शिकायत पत्र में बताया गया कि डॉ. शुक्ला माहांती 2004 में प्रिंसिपल बनी थी। प्रोफेसर बनने के लिए कम से कम दस साल पीजी के छात्रों का पढ़ाने का अनुभव होना चाहिए। जब प्रोफेसर के पद पर जेपीएससी ने स्वीकृति प्रदान नहीं की है तो वे वीसी कैसे बनी यह भी जांच का विषय है। इस कारण राजभवन की ओर से जांच कराए जाने की बात कही जा रही है। इस जांच के निर्देश मिलने के बाद शिक्षा जगत में अटकलों का बाजार गर्म है।