जमशेदपुर में तीसरी लहर से निपटने को अत्याधुनिक अस्पताल तैयार, सदर अस्पताल में पीएसए प्लांट भी चालू
जमशेदपुर में तीसरी लहर से निबटने के लिए सभी अस्पताल तैयार हो गए है। अस्पतालों को सुव्यवस्थित किया गया है। खासकर बच्चों को ध्यान में रखते हुए अस्तपालों में साज-सजावट को अंतिम रूप दे दिया गया है। पीसीए भी स्थापित कर दिया गया है।
जमशेदपुर (अमित तिवारी)। कोरोना की संभावित तीसरी लहर से निपटने को पूर्वी सिंहभूम जिले में तैयारी लगभग पूरी हो गई है। वैज्ञानिकों ने पहले अगस्त माह के अंतिम सप्ताह में तीसरी लहर आने की संभावना जताई थी। उसके मद्देनजर जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की टीम तैयारी में जुटी हुई थी, जिसे समय पर पूरा कर लिया गया है। हालांकि, अब अक्टूबर व नवंबर में तीसरी लहर आने की बात कहीं जा रही है। तीसरी लहर से निपटने के लिए पूर्वी सिंहभूम जिले में लगभग तीन हजार बेड की व्यवस्था की गई है। इसमें अधिक से अधिक बेड ऑक्सीजनयुक्त होगा। क्योंकि दूसरी लहर में मरीजों को सबसे अधिक जरूरत ऑक्सीजन की पड़ी थी। शहरी क्षेत्रों के लिए लगभग 1529 बेड व ग्रामीण क्षेत्रों के लिए लगभग एक हजार बेड की व्यवस्था की गई है। बच्चे व बड़ों के लए अलग-अलग बेड होगा।
जिले में सात नए पीएसए प्लांट
जिले में सात नए पीएसए (प्रेशर स्विंग ऐड्सॉप्शन) प्लांट लगाया जा रहा है। परसुडीह स्थित सदर अस्पताल में पीएसए प्लांट शुरू हो गया है। वहीं, एमजीएम में पीएसए प्लांट तैयार हो चुका है। इसके अलावा भिलाईपहाड़ी स्थित सेंट जोसफ हॉस्पिटल, बारीडीह स्थित मर्सी अस्पताल, टिनप्लेट अस्पताल, घाटशिला अनुमंडल अस्पताल व चाकुलिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में लगाने का कार्य चल रहा है। वहीं, टाटा मुख्य अस्पताल (टीएमएच) व टाटा मोटर्स अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट पूर्व से संचालित है। इसके अलावा शहर के सभी नर्सिंग होम में भी ऑक्सीजन की व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया है
कोविड अस्पतालों की तैयारी
- एमजीएम अस्पताल : कोविड मरीजों के लिए एमजीएम में 100 बेड का अत्याधुनिक अस्पताल का निर्माण किया गया है। इसे अमेरिकन-इंडिया फाउंडेशन के सहयोग से तैयार किया गया है। इसमें 16 बेड का आइसीयू, 40 ऑक्सीजन बेड व शेष बेड ऑक्सीजन सपोर्टेड होगा। इसके अलावा 150 बेड की व्यवस्था अलग से की गई है। इसमें लगभग 80 बेड ऑक्सीजनयुक्त होगा।
- टीएमएच अस्पताल : यहां लगभग 700 बेड है। इसमें वेंटिलेटर, ऑक्सीजन बेड के साथ-साथ सामान्य बेड भी शामिल है। अगर कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ी तो बेडों की संख्या और भी बढ़ाई जाएगी। बच्चों के लिए लगभग 120 बेड की व्यवस्था की गई है।
- सदर अस्पताल : परसुडीह स्थित सदर अस्पताल में 120 ऑक्सीजनयुक्त बेड की व्यवस्था की गई है। फिलहाल अभी यहां एक भी मरीज भर्ती नहीं है। वहीं, बच्चों के लिए 20 बेड का अलग वार्ड बनाया गया है। इसमें 10 बेड का आइसीयू शामिल होगा।
- मर्सी अस्पताल : मर्सी अस्पताल में 55 बेड होगा। इसमें लगगभग 30 बेड ऑक्सीजनयुक्त होगा। वहीं, 10 बेड का पीआइसीयू होगा। इसका निर्माण लगभग अंतिम चरण में हैं। फिलहाल यहां कोई मरीज भर्ती नहीं है।
- कांतिलाल अस्पताल : बिष्टुपुर स्थित कांतिलाल अस्पताल में 90 बेड होगा। इसमें बच्चों के लए 50 बेड का पीआइसीयू बनाया गया है। वहीं, 40 बेड बड़ों के लिए होगा। सभी बेड पर ऑक्सीजन की सुविधा होगी। यहां दूसरी लहर में 700 से अधिक मरीजों की जान बचाई गई थी।
- टाटा मोटर्स : टेल्को स्थित टाटा मोटर्स अस्पताल में लगभग 250 बेड होगा। इसमें बच्चों के लिए 50 बेड और बड़ों के लए 200 बेड होगा। 50 बेड में से 45 ऑक्सीजन बेड व पांच वेंटिलेटर बेड होगा। वहीं, 200 बेड में से 110 ऑक्सीजनयुक्त बेड होगा।
- सेंट जोसफ अस्पताल : भिलाईपहाड़ी स्थित सेंट जोसफ हॉस्पिटल में लगभग तीस बेड होगा। इसमें पांच बेड का आइसीयू होगा। इसका संचालन शुरू हो गया है। वहीं, 25 बेड ऑक्सीजनयुक्त होगा।
- उमा हॉस्पिटल : नेशनल हाइवे स्थित उमा हॉस्पिटल में 60 बेड होगा। यहां 30 बेड पर ऑक्सीजन व तीन बेड पर वेंटिलेटर की सुविधा होगी। इस अस्पताल में पीएसए प्लांट भी लगाने का निर्देश दिया गया है।
कोविड मरीजों के लिए कहां कितने बेड
- अस्पताल : बेड
- टीएमएच : 700
- एमजीएम : 250
- सदर अस्पताल : 140
- मर्सी : 55
- उमा हॉस्पिटल : 60
- कांतिलाल : 90
- टाटा मोटर्स : 204
- सेंट जोसफ हॉस्पिटल : 30
- कुल : 1529
- टाटा स्टील ने 700 सिलेंडर दिए
- तीसरी लहर से निपटने के लिए टाटा स्टील फाउंडेशन ने पूर्वी सिंहभूम जिले को 700 ऑक्सीजन सिलेंडर दिया है। ये सिलेंडर चिकित्सीय संसाधनों को दुरुस्त रखने में काफी उपयोगी होंगे।
- कहां कितने सिलेंडर दिए गए
- अस्पताल : सिलेंडर की संख्या
- पटमदा : 90
- घाटशिला : 90
- मुसाबनी : 40
- चाकुलिया : 40
- बहरागोड़ा : 40
- पोटका : 40
- धालभूमगढ़ : 40
- डुमरिया : 30
- सदर अस्पताल : 200
- एमजीएम : 70
- कांतिलाल : 20
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
तीसरी लहर से निपटने के लिए जिले में तैयारी लगभग पूरी कर ली गई है। सदर अस्पताल में पीएसए प्लांट भी शुरू हो गई है। बच्चों के लिए भी अलग से व्यवस्था की गई है। - डॉ. एके लाल, सिविल सर्जन।
कोविड मरीजों को किसी तरह की दिक्कत न हो इसे लेकर एमजीएम में विशेष तैयारी की जा रही है। अलग से 100 बेड का अस्थायी अस्पताल का निर्माण किया जा रहा है। इसमें सभी सुविधाएं मौजूद रहेगी। - डॉ. अरुण कुमार, अधीक्षक, एमजीएम।