मेडिकल कॉलेज के लिए अस्पताल, तो इंजीनियरिंग कॉलेज के लिए कंपनी जरूरी क्यों नहीं
मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए जब अस्पताल होना जरूरी है तो इंजीनियरिंग कॉलेज खोलने के लिए कंपनी या उद्योग का होना जरूरी क्यों नहीं है। यह सवाल ओपी जिंदल यूनिवर्सिटी के कुलपति आरती पाटीदार ने उठाया है। ये रही पूरी जानकारी।
जमशेदपुर, जागरण संवाददाता। मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए जब अस्पताल होना जरूरी है, तो इंजीनियरिंग कॉलेज खोलने के लिए कंपनी या उद्योग का होना जरूरी क्यों नहीं है। यह सवाल ओपी जिंदल यूनिवर्सिटी के कुलपति आरती पाटीदार ने उठाया है। साकची स्थित होटल दयाल इंटरनेशनल में बुधवार को आयोजित संवाददाता सम्मेलन में डॉ पाटीदार ने कहा कि ओपी जिंदल यूनिवर्सिटी इसी सिद्धांत पर काम कर रही है।
छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में इस यूनिवर्सिटी की स्थापना 2014 में हुई थी। विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम यूजीसी एआईसीटीई द्वारा मान्यता प्राप्त हैं। डॉ पाटीदार ने कहा कि ओपी जिंदल विश्वविद्यालय की स्थापना के समय जरा भी आभास नहीं था कि नई सोच, विश्वस्तरीय पाठ्यक्रम, विश्वस्तरीय शिक्षक, आधुनिक शिक्षण पद्धति, स्टेट आफ आर्ट बुनियादी ढांचे और परिसर के साथ आरंभ किए गए उसके इंजीनियरिंग मैनेजमेंट और साइंस प्रोग्राम को देश के छात्रों एवं अभिभावकों द्वारा अभूतपूर्व सहयोग और सराहना मिलेगी।
उद्योगों के साथ मजबूत संबंध
ओपी जिंदल विश्वविद्यालय का उद्योगों के साथ मजबूत संबंध है। उद्योगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए समर्पित, गुणवत्तापूर्ण, टेक्नो मैनेजमेंट एवं इंडस्ट्री रेडी वर्क फोर्स तैयार करने में अत्यधिक मदद प्रदान करता है। इस्पात एवं अन्य उद्योगों की जरूरतों को अच्छी तरह से पूरा करने के कारण राज्य विश्वविद्यालय देश का एकमात्र इस्पात प्रौद्योगिकी और प्रबंधन विश्वविद्यालय के रूप मैं जाना जाता है। इस विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों (डिप्लोमा बीटेक एमटेक एवं पीएचडी) मैनेजमेंट पाठ्यक्रमों (बीबीए बीकॉम ऑनर्स एनडीए एवं पीएचडी) एवं साइंस पाठ्यक्रम (बीएससी ऑनर्स, एमएससी व पीएचडी) के लिए छात्रों की प्रतिक्रिया ने साबित किया है कि आज का युवा एक प्रोफेशनल युवा बनने के लिए पारंपरिक और पुरानी शिक्षण पद्धति को छोड़कर नई एवं विश्वस्तरीय शिक्षा पाने के लिए उत्साहित एवं बेताब है।
पढ़ाई के साथ कमाई
यह विश्वविद्यालय गेट की तैयारी हो या सीए का फाउंडेशन कोर्स की कोचिंग या सिविल सर्विसेज एग्जाम या रिसोर्सेज उपलब्ध कराता है। जहां तक शुल्क का सवाल है, तो विश्वविद्यालय का पाठ्यक्रम शुल्क भी भारत के निजी विश्वविद्यालयों के शुल्क के विपरीत बहुत सस्ता एवं वाहन करने योग्य है। विश्वविद्यालय द्वारा एंट्री लेवल स्कॉलरशिप 75000 रुपये तक मेरिट के आधार पर प्रदान की जाती है। विश्वविद्यालय न केवल योग्यता छात्रवृत्ति मेरिट स्कॉलरशिप छात्रों को प्रदान करता है, बल्कि जरूरतमंद छात्रों के लिए भी छात्रवृत्ति मेरीट कम मिंस स्कॉलरशिप प्रदान करता है। इन सबके अलावा एक और अनूठी विशेषता है जिसमें पढ़ाई के साथ-साथ कमाई भी होती है। इससे छात्र अपना शिक्षा ऋण या एजुकेशन लोन जमा करने में सहायता पाते हैं।
ऐसे मिलता दाखिला
डॉ पाटीदार ने बताया कि विश्वविद्यालय में प्रवेश के लिए ऑनलाइन या विश्वविद्यालय में उपस्थित होकर लिया जा सकता है। इसके अलावा हमने इस वर्ष से छात्रों की सुविधा को देखते हुए स्पॉट एडमिशन की भी शुरुआत की है जो 19 अगस्त से आरंभ हो जाएगा। इसके माध्यम से छात्र अपने शहर में ही अपने हमारे प्रतिनिधि मंडल के माध्यम से अपने पसंद के कोर्स में अपनी सीट बुक करा कर प्रवेश पा सकेंगे।
कल मिल सकते छात्र-अभिभावक
यूनिवर्सिटी के विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेने के इच्छुक छात्र जमशेदपुर में विश्वविद्यालय के प्रतिनिधि से गुरुवार (19 अगस्त 2021) को साकची स्थित होटल दयाल इंटरनेशनल में दोपहर 2:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक मिल सकते हैं। इसमें छात्र-अभिभावक यूनिवर्सिटी के संबंध में कोई भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। संवाददाता सम्मेलन में ओपी जिंदल विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर रिसर्च एक्सीलेंस के निदेशक डॉ अशोक श्रीवास्तव भी उपस्थित थे।