Move to Jagran APP

Bangladesh Violence: बांग्लादेशी हिंदुओं पर हो रहे आक्रमण के विरोध में देश के 15 राज्यों में हिंदू संगठन कर रहे आंदोलन, 137 स्थानों पर सरकार को दिया गया ज्ञापन

Bangladesh Violence बांग्लादेश के हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों की निष्पक्ष जांच होने के लिए भारत सरकार को अपना प्रतिनिधिमंडल भेजकर उसका ब्योरा सार्वजनिक करना चाहिए। असम के 6652 वर्ग किलोमीटर भूभाग पर अवैध रूप से अतिक्रमण करनेवाले बांग्लादेशी मुसलमानों को बाहर भेजना चाहिए।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Thu, 21 Oct 2021 11:10 AM (IST)Updated: Thu, 21 Oct 2021 04:37 PM (IST)
Bangladesh Violence: बांग्लादेशी हिंदुओं पर हो रहे आक्रमण के विरोध में देश के 15 राज्यों में हिंदू संगठन कर रहे आंदोलन, 137 स्थानों पर सरकार को दिया गया ज्ञापन
#SaveBangladeshiHindus हैशटैग द्वारा हजारों हिंदुओं ने ट्वीट किया।

जमशेदपुर, जासं। बांग्लादेशी हिंदुओं पर हो रहे जिहादी आक्रमण के विरोध में भारत और बांग्लादेश के विविध हिंदुत्वनिष्ठ संगठनों ने आंदोलन किया। इसमें जिहादी आक्रमणकारियों पर कठोर कार्रवाई की मांग की गई। इस मांग के लिए बांग्लादेश के अलावा नई दिल्ली, महाराष्ट्र, कर्नाटक, गोवा, हरियाणा, राजस्थान, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्‍चिम बंगाल, मेघालय, असम, त्रिपुरा, ओडिशा राज्य के हिंदुओं ने भाग लिया।

loksabha election banner

इस आंदोलन में 25 स्थानों पर प्रत्यक्ष तथा 112 स्थानों से ऑनलाइन पद्धति से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस. जयशंकर को ज्ञापन भेजा गया। इसमें हिंदू जनजागृति समिति सहित देशभर के 37 से अधिक हिंदुत्वनिष्ठ संगठन व हिंदू धर्माभिमानियों भाग लिया। हिंदू जनजागृति समिति के पूर्व एवं पूर्वोत्तर राज्य संगठक शंभू गवारे ने बताया कि जिहादियों द्वारा बांग्लादेशी हिंदुओं पर हुए आक्रमण का ट्वीटर पर भी व्यापक विरोध हो रहा है। इस समय भारत और बांग्लादेश के हिंदुओं ने स्वयंस्फूर्ति से भाग लिया। इस समय #SaveBangladeshiHindus हैशटैग द्वारा हजारों हिंदुओं ने ट्वीट किया।

1971 में थे 29 प्रतिशत हिंदू, अब आठ प्रतिशत

हिंदू जनजागृति समिति द्वारा ‘बांग्लादेशी हिंदुओं पर जिहादी आक्रमण!’ विषयक ऑनलाइन विशेष संवाद में त्रिपुरा व मेघालय के पूर्व राज्यपाल तथागत राय ने कहा है कि बांग्लादेशी हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के विरोध में जागतिक स्तर पर निरंतर आवाज उठाना आवश्यक है। राय ने कहा कि जो भूभाग अब बांग्लादेश के रूप में पहचाना जाता है, वहां हिंदुओं की जनसंख्या 1941 में 29 प्रतिशत से घटकर 1951 में 22 प्रतिशत हो गई। 1971 में बांग्लादेश बनने तक हिंदुओं की जनसंख्या 18 प्रतिशत तक घट गई। अब यहां केवल आठ प्रतिशत हिंदू रह गए हैं। शेष हिंदू कहां चले गए। 1971 के पश्‍चात बांग्लादेश बना तब हिंदुओं को लगा कि उन पर होनेवाले अत्याचार अब रुक जाएंगे, परंतु वैसा नहीं हुआ। वर्तमान में बांग्लादेश में नवरात्रि में हिंदुओं पर आक्रमण हुए, यह कुछ नया नहीं हैं। कुछ भी कारण खोजकर यहां सदैव हिंदुओं पर आक्रमण किए जाते हैं। बांग्लादेश के हिंदुओं की सुरक्षा के लिए हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के विरोध में निरंतर आवाज उठाना आवश्यक है। भारत सरकार को भी हिंदुओं पर हो रहे आक्रमण रोकने के लिए बांग्लादेश पर दबाव बनाना चाहिए।

संयुक्त राष्ट्र का भी अब तक ध्यान नहीं

हिंदू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता रमेश शिंदे ने कहा कि बांग्लादेश के हिंदुओं के वंशविच्छेद के विरोध में भारत में स्थित बांग्लादेश दूतावास में हिंदुओं ने शिकायत करना, निषेध आंदोलन कर दबाव बनाना चाहिए। कश्मीर में मुसलमानों के लिए जाने वाले संयुक्त राष्ट्र’ के प्रतिनिधि बांग्लादेश के हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों की ओर नहीं देख रहे हैं। बांग्लादेश के हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों की निष्पक्ष जांच होने के लिए भारत सरकार को अपना प्रतिनिधिमंडल भेजकर उसका ब्योरा सार्वजनिक करना चाहिए। असम के 6,652 वर्ग किलोमीटर भूभाग पर अवैध रूप से अतिक्रमण करनेवाले बांग्लादेशी मुसलमानों को बाहर भेजना चाहिए। बांग्लादेशी माइनॉरिटी वॉच के अधिवक्ता रविंद्र घोष, इशित्व फाउंडेशन’ की संचालक आरती अग्रवाल समेत अन्य मान्यवरों ने बांग्लादेश के हिंदुओं की दुरावस्था पर अपने विचार रखे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.