केयू की शैक्षणिक दशा व दिशा तय करेगा वर्चुअल क्लास
-जागरण विशेष -दुर्गा पूजा की छुट्टी के बाद कॉलेजों में प्रारंभ होगा वर्चुअल क्लास -विषय
-जागरण विशेष
-दुर्गा पूजा की छुट्टी के बाद कॉलेजों में प्रारंभ होगा वर्चुअल क्लास
-विषय विशेषज्ञ देंगे छात्रों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से शिक्षा
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रुसा) का असर कोल्हान विश्वविद्यालय में दिखने लगा है। यहां की आधारभूत संरचना में व्यापक सुधार हो रहा है तो वहीं शिक्षण की पद्धति में बदलाव साफ नजर आने लगा है। गौरतलब है कि लगभग 1.4 करोड़ की लागत से मुख्यालय सहित 15 अंगीभूत महाविद्यालयों में वर्चुअल क्लासरूम सेटअप की स्थापना हो चुकी है। रूसा के तहत अकादमिक मामलों की एक समिति नियमित क्लास रूटीन में इसे शामिल करने पर काम कर रही है। उम्मीद की जा रही है कि छुट्टिया खत्म होते ही सभी विभागाध्यक्षों और महाविद्यालय के प्राचायरें को नया रूटीन उपलब्ध करा दिया जाएगा। तय समय-सारिणी के अनुसार केयू के पीजी विभाग से प्राध्यापक या विषय विशेषज्ञ वर्चुअल क्लासरूम के माध्यम से व्याख्यान देंगे। इसमें से कोई तकनीकी बाधा न आये इसके लिए वर्चुअल क्लासरूम सहित मुख्य सर्वर में अबाधित बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जा चुकी है। महाविद्यालय के प्राचार्यगण को भी निर्देश दिया जा चुका है कि वहां के वर्चुअल क्लासरूम में कम से कम 1 एमबीपीएस की इंटरनेट सुविधा और अबाधित बिजली आपूर्ति सुनिश्चित कर लें। साथ ही वर्चुअल क्लासरूम में विशेष साफ-सफाई, उपकरणों के उचित रखरखाव, पर्दे वगैरह की व्यवस्था भी कर लेने को कहा गया है।
पिछले दिनों विभिन्न कॉलेजों में निरीक्षण के लिए आई नैक टीम ने भी वर्चुअल क्लासरूम और डिजिटल लैंग्वेज लैब को केयू के लिए विशेष उपलब्धि बताया और सब कुछ ऑनलाइन करने का सुझाव दिया था। घाटशिला कॉलेज आई नैक टीम की एक सदस्य ने तो यहां तक कहा कि वे जिस कॉलेज की वे प्राचार्या हैं, उसे नैक से 'ए' ग्रेड तो मिला है, लेकिन उनके यहां भी वर्चुअल क्लासरूम और डिजिटल लैंग्वेज लैब जैसी अत्याधुनिक सुविधा नहीं है। संभावना है कि वर्चुअल क्लासरूम के सफल ट्रायल के बाद अब इसके माध्यम से पहली क्लास कुलपति व प्रतिकुलपति भी ले सकते हैं। फिलहाल पीएच.डी. के वाइवा वर्चुअल क्लासरूम में कराये जा रहे हैं ताकि शिक्षक और छात्र इसके तकनीकी पक्षों के प्रति अभ्यस्त हो सकें। वर्चुअल सिस्टम के माध्यम से विश्वविद्यालय पदाधिकारीगण द्वारा किसी भी कॉलेज के प्राचार्य, शिक्षक या छात्र-छात्राओं से सीधे वीडियो कांफ्रेंसिंग भी संभव हो सकेगी। इससे कॉलेजों की नियमित मॉनिटरिंग भी आसान होगी।
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यूजीसी के एमओओसी (मैसिव ओपेन ऑनलाइन कोर्सेज) पाठ्यक्रमों का भी संचालन होगा आसान
एमएचआरडी के निर्देशानुसार यूजीसी ने स्वयं, स्वयंप्रभा और ई पीजी पाठशाला जैसी कई मुक्त और ऑनलाइन पाठ्यक्रमों और अधिगम माध्यमों को अपने अधिकृत पोर्टल पर जारी किया है। सभी विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों को इस बाबत यूजीसी की तरफ से निर्देश भी जारी किया गया है कि वे अपने संस्थानों में इनका प्रचार-प्रसार करें। केयू और कॉलेजो के वर्चुअल क्लासरूम में यूजीसी के पोर्टल पर उपलब्ध वेबलिंक से इनका संचालन आसान होगा। कुलपति डॉ. शुक्ला महाती ने अधीनस्थ अधिकारियों और प्राचार्यगण को इसे प्राथमिकता देने का निर्देश दिया है। केयू में प्रस्तावित दूरस्थ शिक्षा निदेशालय की स्थापना को मजबूत आधार भी वर्चुअल क्लासरूम की स्थापना से मिलने की संभावना है।
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केयू में रूसा के तहत अन्य विकास कार्य:
दोमंजिला पूर्णत: कंप्यूटरीकृत टेबुलेशन सेंटर का निर्माण कार्य तेजी पर है। परीक्षा परिणाम अतिशीघ्र जारी हो सकेंगे। सेमेस्टर सिस्टम के लिए बेहद जरूरी है। परिसर का सौंदर्यीकरण, हरी घास युक्त लॉन का निर्माण, पीसीसी सड़क का निर्माण, फाइनांस सेक्शन के कार्यालय का दीर्घीकरण, सीनेट व कांफ्रेंस हॉल का सौंदर्यीकरण, इंटरकॉम सुविधा की व्यवस्था, वैकल्पिक ऊर्जा स्त्रोत की स्थापना, पीजी भवन का विस्तारीकरण, गर्ल्स व ब्वॉयज टॉयलेट्स का निर्माण, लाइब्रेरी का सुदृढ़ीकरण, अधिकारी आवासों की मरम्मत व बाउंड्रीवाल जैसे काम प्रगति पर हैं। जल्दी ही केयू आधारभूत संरचना और अकादमिक उन्नयन की दृष्टि से देश के श्रेष्ठ विश्वविद्यालयों की पंक्ति में शामिल होगा।
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केयू में शिक्षकों की घोर कमी है और गेस्ट फैकल्टी की नियुक्ति के बाद भी यह कमी बनी रहेगी। ऐसे में वर्चुअल क्लासरूम एक संजीवनी साबित हो सकता है। हमारी कोशिश है कि इसे यथाशीघ्र नियमित कर दिया जाय। -डॉ. अविनाश कुमार सिंह, नोडल ऑफिसर, रूसा, केयू।