यहां बेटियों के नाम से होती है हर घर की पहचान Jamshedpur News
हाता-चाईबासा मार्ग पर बसे इस गांव के प्रत्येक घरों की पहचान बेटियों के नाम से (सभी घरों के दरवाजे पर बेटियों के नेमप्लेट) है।
जादूगोड़ा(अरविंद प्रसाद)। पूर्वी सिंहभूम जिले के पोटका प्रखंड के जुड़ी पंचायत अंतर्गत एक आदिवासी बहुल गांव तिरिंग है। यह राज्य का पहला ऐसा गांव है जहां बेटियों के नाम से घरों की पहचान होती है। इस गांव को टैग लाइन ही ‘मेरी बेटी मेरी पहचान’ है। इस गांव के प्रत्येक घरों की पहचान बेटियों के नाम से (सभी घरों के दरवाजे पर बेटियों के नेमप्लेट) है। सरकार के निर्देश पर जिला मुख्यालय की ओर से नेम प्लेट बेटियों का आगे बढ़ाने एवं महिलाओं को समाज में उचित सम्मान और उत्साह देने के प्रयास से लगाया गया है। इस अभियान की चर्चा पूरे क्षेत्र में है। यह गांव जमशेदपुर शहर से 25 किमी दूर हाता-चाईबासा मुख्य सड़क के किनारे स्थित है।
कभी मूलभूत सुविधाओं से वंचित था, अब दिख रहा विकास
कभी सपना लगने वाली सुविधाएं अब गांवों में भी दिखने लगी हैं। बच्चे पढ़ रहे हैं व शिक्षित बेरोजगार लोगों को कौशल विकास का प्रशिक्षण मिल रहा है। ग्रामीणों के अथक प्रयास व सरकार की मदद से गांव के प्राथमिक विद्यालय का चारदीवारी बनाई गई है। इस गांव में सोलर चलित दो जलमीनार भी लगाए गए हैं। गांव में पक्की सड़क, दो ट्रांसफार्मर आदि सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हैं।
गांव के सभी गरीब का बना राशन कार्ड, आयुष्मान भारत में भी नाम
तिरिंग गांव के सभी गरीबों का राशन कार्ड बन गया है, जिससे पुरे गांव के लोग प्रतिमाह खाद्यान्न एवं तेल का उठाव करते है। वहीं राशन कार्ड के अनुसार पुरा गांव के लोगों का आयुष्मान भारत के तहत कार्ड बनाया गया है, जिसकी वितरण गांव में भी कर दिया गया है।
ग्रामीणों को लाभ मिला है : ग्राम प्रधान : तिरिंग गांव की ग्राम प्रधान मंजु सरदार ने बताया कि तिरिंग गांव में सड़क, पानी, बिजली, राशन कार्ड, पेंशन, गैस, आयुष्मान कार्ड आदि का सुविधा मिला है। एसइसीसी डाटा में नाम नहीं होने के कारण आवास की सुविधा नहीं मिला है, परंतु वर्तमान में गांव के आठ विधवा के बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर आवास योजना का लाभ दिया गया है।
गांव को सभी सुविधाओं का लाभ देने की प्रयास किया गया है : पंसस : जुड़ी पंचायत की पंचायत समिति सदस्य उर्मिला सामद ने कहा कि तिरिंग गांव के हर सुविधाओं का लाभ देने का प्रयास किया है, जिसके तहत अनेक काम हुआ है। कुछ की तसवीर बदलने की दिशा मे काम हुआ है। कुछ काम आगे भी करना है। सरकारी योजनाओं का लाभ गांव के लोगों को मिल रहा है। आवास की सुविधा सभी को नहीं मिल पाया है, जिसे देने की आवश्यकता है।
95 फीसद को पेंशन, आठ को अंबेडकर आवास
तिरिंग गांव के कुल 95 फीसद लोगों को पेशन योजना का लाभ मिला, जिसे प्रतिमाह पेंशन मिलता है। गांव के लोगों का नाम एसइसीसी डाटा में नहीं रहने के कारण प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं मिला है, लेकिन गांव के लोगों की स्थिति को देखते हुए बीडीओ कपिल कुमार के पहल पर आठ विधवा को बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर आवास योजना का लाभ दिया गया है।
गैस से अब आसानी से खाना बना लेते है: सुमित्र
तिरिंग गांव की गृहणी सुमित्र सरदार ने बताया कि उनके परिवार को प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत एलपीजी मिला है। घर में राशन कार्ड भी है और शौचालय भी बना है। गैस कनेक्सन मिलने के बाद से उसी से खाना पकाते है। धुआं का किसी तरह दिक्कत नहीं है। घर का खाना आसानी से बन जाता है।
मजदूरों को मिला लेबर कार्ड, युवतियां कौशल प्रशिक्षण
तिरिंग गांव के सभी मजदूरों का पंजीकरण झारखंड सरकार के श्रम नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग की ओर से संचालित भवन एवं अन्य निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड से संचालित योजनाओं का लाभ देने के लिए पंजीकृत किया गया है। जिसमें कुछ मजदूर महिलाओं को साईकिल-सिलाई मशीन का भी लाभ मिला है, तो शेष सभी का प्रोसेस में है। यहां की शिक्षित युवतियां झारखंड सरकार की ओर से संचालित कौशल विकास केंद्र में प्रशिक्षण प्राप्त कर रही है, तो कुछ प्रशिक्षण प्राप्त कर काम कर रही हैं।
तिरिंगा की स्थिति
गांव में घरों की संख्या- 161
जनसंख्या - 705 (पुरुष- 46)महिला-359)
स्वच्छ भारत मिशन के तहत सौ फीसद हुआ शौचालय का निर्माण
लोगों को मिला लाभ उज्ज्वला योजना का लाभ।