छत्तीसगढ़ से लोटा लेकर आए रघुवर बनाना चाहते आदिवासी मुक्त झारखंड : हेमंत
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : 'छत्तीसगढ़ से लोटा लेकर आए और यहां मुख्यमंत्री बन गये तो क्या सोच लिया
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : 'छत्तीसगढ़ से लोटा लेकर आए और यहां मुख्यमंत्री बन गये तो क्या सोच लिया कि जो मन में आएगा करेंगे। आदिवासी मूलवासियों को राज्य से बेदखल कर देंगे। हम ऐसा होने नहीं देंगे। अब एक बार फिर हमें वैसी ही लड़ाई लड़नी होगी, जैसी झारखंड अलग राज्य बनाने के लिए लड़ी थी। तीर की नोंक पर। एक बार फिर हमें तीर-धनुष हाथ में लेकर निकलना होगा और अपनी पहचान एवं जल-जंगल जमीन को बचाना होगा।' यह बातें पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार को निर्मल महतो शहादत दिवस के अवसर पर आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए कहीं। मुख्यमंत्री रघुवर दास पर सीधा हमला करते हुए हेमंत ने कहा कि राज्य सरकार ने पिछले 18-19 माह के कार्यकाल में जता दिया कि यह सरकार राज्य के विकास के लिए नहीं, बल्कि झारखंड को मूलवासी-आदिवासी मुक्त राज्य बनाने के षडयंत्र को अंजाम देने में लगी है। सीएनटी एक्ट में संशोधन और स्थानीयता नीति सरकार के इस षडयंत्र की तस्दीक कर रहे हैं।
कदमा स्थित उलियान में आयोजित शहीद निर्मल महतो के 29वें शहादत दिवस के मौके पर झामुमो के केंद्रीय कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन करीब एक घंटे बोले। पूरे भाषण में उन्होंने रघुवर दास सरकार को कोसने का कोई मौका नहीं छोड़ा तो सुदेश महतो व आजसू पर भी नाम लिये बगैर खूब तंज कसे। हेमंत ने कहा कि 16 साल बाद भी लगता है कि हम गुलामी की जंजीर में जकड़े हुए हैं। तीर धनुष के जोर पर हमें यह अलग राज्य मिला, लेकिन आज फिर से यहां वही लोग स्थापित हो रहे हैं जिनसे लड़कर हमने यह राज्य लिया था। आज उनमें हमारे तीर धनुष का डर कम हो गया है। हेमंत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं कि कोई माई का लाल जमीन छीन नहीं सकता, लेकिन झारखंड में उनका ही 'छत्तीसगढ़ का लाल' आदिवासी-मूलवासियों की जमीन लूटने के जतन भिड़ा रहा है। सरकार सीएनटी एक्ट में संशोधन कर विकास करने की बात कह रही है, तो क्या बिनी सीएनटी के संशोधन के झारखंड में कंपनियां नहीं लगीं? स्कूल-कॉलेज नहीं खुले? सामुदायिक भवन नहीं बने? बने हैं, लेकिन सरकार सीएनटी एक्ट में बैकडोर से संशोधन कर फाइव स्टार होटल खोलने के लिए, पूंजिपतियों को कृतज्ञ करने के लिए अध्यादेश लाकर एक्ट में संशोधन करना चाहती है। हेमंत ने कहा कि सीएनटी से छेड़छाड़ के बिना ही विकास हो रहा तो सरकार किस नीयत से सीएनटी एक्ट में छेड़छाड़ कर रही है।
विधानसभा में विपक्ष के नेता हेमंत सोरेन ने स्थानीयता व सीएनटी के मुद्दे पर सरकार की सहयोगी दल आजसू पर भी सवाल उठाए। कहा कि कुछ स्थानीय दल ही स्थानीय लोगों की आवाज को सत्ता की 'जी हजूरी' के चक्कर में भ्रमित करने का प्रयास कर रहे हैं। अगर सरकार में बात नहीं सुनी जा रही तो सरकार से समर्थन वापस लेकर जनता के बीच जाएं। हेमंत ने आरोप लगाया कि ऐसे दल (आजसू) सरकार के साथ मिलकर फिक्स मैच खेलने की कोशिश कर रहे हैं।
राज्य सरकार को पूरी तरह विफल बताते हुए हेमंत ने कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त है। मुख्यमंत्री आवास के सामने गोली चलती है और मुख्यमंत्री की गृह नगरी जमशेदपुर में आए दिनों दंगे व दंगे जैसे हालात बनते हैं। इसपर सरकार को कोई नियंत्रण नहीं, लेकिन बुंडू में एक दलित युवक की थाने की हाजत में पीट-पीटकर हत्या कर दी जाती है, विरोध में सड़क जाम की जाती है तो पूरे गांव पर केस कर दिया जाता है। गिदीझोपड़ी के ग्रामीण विरोध करते हैं तो पूरे गांव पर केस कर दिया जाता है। वहीं चुनाव में भाजपा के लिए काम करने वाले डीजीपी पर जनजातीय थाने में अब तक एफआइआर नहीं होता। साथ ही भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ताला मरांडी के बेटे पर यौन शोषण जैसा गंभीर आरोप लगता है और कार्रवाई के नाम पर कुछ नहीं। हेमंत ने कटाक्ष किया कि यह विकास करने वाली सरकार नहीं यौन शोषण करने वाली सरकार है। कहा कि राज्य के साथ पूरे देश में भाजपा आदिवासी-दलितों पर अत्याचार कर रही है।
हेमंत ने कहा कि रघुवर सरकार कहती है कि यह पूर्ण बहुमत की सरकार है। विधायकों को खरीद कर और स्थानीय दल का समर्थन लेकर सरकार बनी है और वे कहते हैं कि पूर्ण बहुमत की सरकार है। सोरेन ने कहा कि झारखंड सरकार राज्य की जमीन पूंजिपतियों के हवाले करना चाहती है। गुजरात के गिद्धों की नजर है यहां की जमीन पर। सरकार ने सोच लिया है कि उद्योग लगाने से ही विकास होगा। सवाल यह है कि यहां टाटा स्टील जैसी कई कंपनियां वर्षो से हैं कितने आदिवासियों का विकास हुआ। हेमंत ने मजदूरों के लिए तय सरकार की नीति को भी मजदूरों का शोषण करने वाला बताया। कहा कि इस नीति से मजदूरों के शोषण का रास्ता खुल जाएगा। टायो के मामले में भी हेमंत ने कहा कि झारखंड की कंपनियां एक के बाद एक बंद हो रही हैं, और मुख्यमंत्री गुजरात, बेंगलूर, महाराष्ट्र में उद्योगपतियों को न्यौते देते फिर रहे हैं। यहां के उद्योग संभल नहीं रहा, न्योता देते फिर रहे।
रांची में बिरसा मुंडा की मूर्ति से हथकड़ी हटाये जाने पर भी हेमंत ने रघुवर सरकार को निशाने पर लिया। कहा कि यह आदिवासियों के आंदोलन व अस्मिता पर हमला है। हथकड़ी देख आदिवासियों को अपने वीरों की लड़ाई व संघर्ष से प्रेरणा मिलती थी, सरकार ने रात के एक बजे छिपते-छिपाते मूर्ति से हथकड़ी हटवाकर आदिवासी अस्मिता पर हमला किया है। उन्होंने अनुबंध कर्मचारियों का मुद्दा भी उठाया। बोले पीएम यूपी चुनाव को देख बोल रहे हैं कि यूपी में अनुबंध कर्मी नियमित होंगे और यहां मुख्यमंत्री अनुबंध कर्मियों को हटाने पर आमदा है। यही नहीं रोज कमाने खाने वाले फुटपाथी दुकानदारों को भी रघुवर सरकार खदेड़ रही है। शायद सरकार की कोशिश गुजरात के व्यापारियों को ही फुटपाथ पर व्यापार कराने की तैयारी है। हेमंत ने कहा कि भाजपा को राज्य से हमने नहीं खदेड़ा तो झारखंड से आदिवासी-मूलवासियों को पलायन करना पड़ेगा।
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