Move to Jagran APP

Weekly News Roundup Jamshedpur : रघुवर को नहीं हटा पाए हेमंत,पढ़ि‍ए शिक्षा जगत की अंदरूनी खबर

Weekly News Roundup . लॉकडाउन के पहले स्कूलों में हाजिरी बनाने पर पूर्व सीएम रघुवर दास का ही संदेश सुनाई पड़ रहा था। सौ दिन बाद भी सरकार इस तस्वीर को नहीं हटा पाई है।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Wed, 15 Apr 2020 08:24 AM (IST)Updated: Wed, 15 Apr 2020 08:24 AM (IST)
Weekly News Roundup Jamshedpur :  रघुवर को नहीं हटा पाए हेमंत,पढ़ि‍ए शिक्षा जगत की अंदरूनी खबर
Weekly News Roundup Jamshedpur : रघुवर को नहीं हटा पाए हेमंत,पढ़ि‍ए शिक्षा जगत की अंदरूनी खबर

जमशेदपुर, वेंकेटेश्वर राव। Weekly News Roundup Jamshedpur  यूं तो हेमंत सरकार के सौ दिन पूरे हो चुके हैं। पर, सरकारी स्कूलों के टैब में अब भी रघुवर दास ही सीएम के रूप में दिख रहे हैं। लॉकडाउन के पहले स्कूलों में इससे हाजिरी बनाने पर पूर्व सीएम रघुवर दास का ही संदेश सुनाई पड़ रहा था। सौ दिन बाद भी वर्तमान सरकार इस तस्वीर को नहीं हटा पायी है।

loksabha election banner

शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव भी इस बात से वाकिफ हैं, लेकिन वे भी हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। बस संचिका में ही यह समस्या दौड़ रही है। किसी को कुछ नहीं सूझ रहा कि इसका निदान कैसे होगा। पदाधिकारी एक-दूसरे पर फेंका फेंकी कर रहे हैं। लॉकडाउन के बाद जब स्कूल खुलेंगे उस समय भी शिक्षकों को पूर्व सीएम की ही आवाज सुननी होगी। विडंबना है कि दूसरे को पाठ पढ़ाने वाले गुरुजी वर्तमान सीएम का संदेश न सुन पूर्व सीएम का संदेश सुन हाजिरी बनाएंगे।

एरियर और वेतन मिलेगा या नहीं

कोल्हान विश्वविद्यालय के शिक्षकों को मार्च का वेतन और सातवां वेतनमान का वर्ष 2016 से बकाया एरियर इस बार भी मिलेगा या नहीं, इसे लेकर संशय की स्थिति पैदा हो गई है। एक-एक शिक्षकों को सात-आठ लाख रुपये मार्च में मिलने वाले हैं। इसका आवंटन भी आ चुका है। इस राशि को 31 अप्रैल तक खर्च कर लेना है। खर्च नहीं होने से राशि लैप्स हो सकती है। इधर, लॉकडाउन आगे बढ़ जाने से यह खतरा और बढ़ गया है। कोल्हान विश्वविद्यालय के 90 प्रतिशत पदाधिकारी मुख्यालय छोड़ चुके हैं। ऐसे में अब शिक्षकों के बीच इस बात की सुगबुगाहट तेज हो गई है कि उन्हें एरियर और वेतन मिलेगा या नहीं। आनन-फानन में अगर राशि बन भी गई तो कोषागार ने कहीं आपत्ति दर्ज कर दी तो यह अलग बखेड़ा होगा। इस आवंटन को प्राप्त करने के लिए कोल्हान विश्वविद्यालय शिक्षक संघ कई बार आंदोलन भी कर चुका है।

उधेड़बुन में शहर के निजी स्‍कूल

पश्चिम सिंहभूम, धनबाद और गिरिडीह के डीसी ने आदेश निर्गत कर साफ कर दिया है कि निजी स्कूल अप्रैल की फीस बच्चों के स्वजन से नहीं वसूलेंगे। ऐसे में जमशेदपुर के निजी स्कूल फीस माफी को लेकर अभी उधेड़बुन में हैं। वजह, अभी तक पूर्वी सिंहभूम के डीसी ने इसके लिए कोई आदेश नहीं निकाला है। उम्मीद है कि वे भी चंद रोज में आदेश निकाल ही देंगे। इस शहर में निजी स्कूलों की संख्या ज्यादा है। निजी स्कूल प्रबंधक इस तर्क को पूरी तरह खारिज कर चुके हैं कि वे अप्रैल की फीस नहीं लेंगे। अब सबकी नजर डीसी के आदेश पर है। दरअसल, जैक के आदेश को निजी स्कूल सरकारी आदेश नहीं मान रहे हैं। उधर, स्थानीय विभाग को भी कोई आदेश नहीं मिला है। सो, वह भी आदेश नहीं निकाल पा रहा है। यही आदेश अगर विभागीय सचिव का होता तो निजी स्कूल भी अवश्य मान लेते।

सर्वर डाउन, गुरुजी परेशान

शिक्षा विभाग ने सभी सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को 14 अप्रैल तक अपनी प्रोफाइल और बच्चों की प्रगति रिपोर्ट ई-विद्यावाहिनी पोर्टल पर अपलोड करने को कहा था। ऐसा नहीं करने पर अप्रैल का वेतन भुगतान नहीं करने की चेतावनी दी थी। लेकिन यहां उल्टा ही हो रहा है। शिक्षक प्रोफाइल बना कर बैठे हैं। पिछले एक सप्ताह से वे इसे अपलोड करने की कोशिश कर रहे हैं, यह नहीं हो पा रहा है। शिक्षक का कहना है कि पोर्टल का सर्वर ही डाउन है। उन्हें यह समझ में नहीं आ रहा कि क्या करें। किससे मदद की गुहार लगाएं। उधर, जब शिक्षकों ने शिक्षा विभाग से संपर्क किया तो जवाब मिला कि विभाग कुछ नहीं कर सकता है। बेचारे शिक्षकों की स्थिति सांप छुछुंदर की हो गई है। उन्हें न उगलते बन रहा, न निगलते। उधर, विभाग के वरीय पदाधिकारी इस संबंध में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.