Jharkhand में कोरोना से आठ गुना ज्यादा हृदय रोगियों की मौत, हर मर्ज पर भारी पड़ रही दिल की बीमारी
राज्य में दिल की बीमारियों से होने वाली मौतों की संख्या में दिन-प्रतिदिन इजाफा होता जा रहा है। साल 2020 में जिस वक्त कोरोना अपने चरम पर था उस दौरान भी महामारी के मुकाबले हृदय रोगियों की मौत अधिक हुई थी।
धनबाद, जासं। राज्य में पहले अधिकतर मौत कुपोषण, डायरिया, टीबी, मलेरिया व अन्य बीमारियों से होती थीं, लेकिन अब ह्रदय से संबंधित बीमारियों (डिजीज आफ सर्कुलेटरी सिस्टम) के कारण ज्यादा मौतें हो रही हैं। यहीं नहीं, वर्ष 2020 में राज्य में कोरोना से भी ज्यादा मौत ह्रदय रोगियों की हुई थीं। इसका उल्लेख हाल ही में जारी मेडिकल सर्टिफिकेशन आफ कॉज आफ डेथ (एमसीसीडी) की रिपोर्ट में किया गया है। यह रिपोर्ट वर्ष 2020 में देश में हुई कुल मौतों के मेडिकल सर्टिफिकेशन पर आधारित है।
रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में वर्ष 2020 में मेडिकली सर्टिफाइड मौतों की संख्या 7,313 थी। इसमें 4,406 मौत ह्रदय रोग से जुड़े मरीजों की हुई है। यह कुल मौत का 61.3 प्रतिशत है। इसी वर्ष राज्य में कोरोना से सिर्फ 557 मौत हुई है। यानी कोरोना की तुलना में आठ गुना ज्यादा मौत ह्रदय रोगियों की हुई हैं।
मालूम हो कि बीते तीन वर्ष में दिल की बीमारियों से होने वाली मौतों की संख्या छह गुना तक बढ़ी है। राज्य में हर वर्ष जहां ह्रदय रोगियों की संख्या बढ़ रही है, वहीं इससे होने वाली मौत की संख्या भी बढ़ रही है। राज्य में इस वर्ष सिर्फ हार्ट की बीमारियों से 4,101 लोगों की मौत हुई है। वहीं, बीते वर्ष 2019 में 262 और वर्ष 2018 में 86 लोगों की मौत हुई थी। यानी तीन वर्ष के अंदर ही हार्ट से जुड़ी बीमारियों से होने वाली मौत में 652 प्रतिशत यानी साढ़े छह गुना की बढ़ोतरी हुई है।
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