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Health Tips :सोने की स्थिति आपके स्वास्थ्य को कैसे करती है प्रभावित, जानिए योग शिक्षिका श्वेता पाठक से

Health Tips कोई पीठ के बल सोना पसंद करते हैं तो कोई पेट के बल सोते हैं। कोई मुड़ कर सोते हैं। यह बहुत कुछ इस बात से संबंधित है कि हम सामान्य रूप से कितने स्वस्थ हैं। जानकारी दे रही हैं प्रसिद्ध योग शिक्षिका श्वेता पाठक।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Sun, 26 Sep 2021 03:47 PM (IST)Updated: Sun, 26 Sep 2021 03:47 PM (IST)
Health Tips :सोने की स्थिति आपके स्वास्थ्य को कैसे करती है प्रभावित, जानिए योग शिक्षिका श्वेता पाठक से
जमशेदपुर की प्रसिद्ध योग शिक्षिका श्वेता पाठक।

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर । प्रत्येक व्यक्ति की आदत होती है अपने तरीके से या अपने खास अंदाज में सो जाना। किसी को मुलायम तकिया पसंद है तो किसी को मोटे।  किसी को हल्का चादर तो किसी को भारी कंबल पसंद आता है। यही हमारे सोने के तरीके के लिए जाना जाता है। कोई पीठ के बल सोना पसंद करते हैं तो कोई पेट के बल सोते हैं। कोई मुड़ कर सोते हैं। यह अजीब लग सकता है। लेकिन यह बहुत कुछ इस बात से संबंधित है कि हम सामान्य रूप से कितने स्वस्थ हैं। इस संबंध में जानकारी दे रही हैं जमशेदपुर की प्रसिद्ध योग शिक्षिका श्वेता पाठक।

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लंबे दिन के बाद रिचार्ज के लिए नींद की जरूरत

योग विशेषज्ञ श्वेता पाठक कहती हैं कि हमे लंबे दिन के बाद रिचार्ज के लिए नींद की जरूरत है। जो आपके फोन की बैट्री को चार्ज करने के जैसा है। लेकिन अच्छी नींद सोते समय भी एक स्वस्थ मुद्रा पर निर्भर करती है। नींद शरीर में कई महत्वपूर्ण कार्यों को बहाल करने में मदद करती है। जैसे कि सेल टर्न ओवर, मनोवैज्ञानिक समस्याएं जिनसे हम निपट सकते हैं। एक अच्छी रात के आराम के बाद एक नया दिन शुरू करना अच्छा लगता है। लेकिन कुछ लोगों के लिए सोना आसान है। अन्य लोगों को लंबे समय तक आराम करना बेहद कठिन हो सकता है। यह सोने की मुद्रा से संबंधित हो सकता है।

तीन श्रेणी में बांट सकते हैं सोने की मुद्रा

श्वेता पाठक कहती हैं कि हम जिन अनोखी मुद्राओं में सोते हैं इन्हें तीन सामान्य श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है। साइड पेट, पेट और बैक स्लीपिंग पोजीशन। सभी के फायदे और नुकसान हैं। श्वेता कहती हैं कि बैक स्लीपिंग पोजीशन उन सभी में भाग्यशाली माने जाते हैं। जब नींद के दौरान स्थित रीढ़ की बात आती है तो यह स्थिति सबसे अच्छी होती है। इससे एकमात्र नुकसान यह है कि जिन लोगों को खर्राटे आने की संभावना होती है, वे पाएंगे कि यह आसन इसकी घटना को बढ़ाती है। बड़ी संख्या में लोग करवट लेकर सोना पसंद करते हैं। चाहे वह बाएं हों या दाएं। यह स्थिति बहुत सामान्य है। आप पा सकते हैं कि आप अपनी बाहों या पौरों को सुन्न होने से बचाने के लिए नींद में बहुत अधिक लुढ़कते हैं। यदि आप एक भारी नींद वाले हैं और पूरी रात एक ही स्थिति में रहते हैं तो हर समय अपनी दाहिनी और लेटने से पेट की समस्या हो सकती है।

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विपरीत करणी आसन – सबसे पहले लेट जाएं। इसके बाद एड़ी और पंजों को आपस में मिला लें। अब अपने पैरों को आकाश की ओर बिल्कुल सीधा करें। इस दौरान आपकी कमर का 70 प्रतिशत भाग भी उपर की ओर होना चाहिए। कुछ देर होल्ड करने के बाद वापस अपने पोजिशन में आ जाएं।

पश्चिमोत्तासन – दिमाग को शांत तथा आराम करने के लिए इस आसन को किया जाता है। इसे करने के लिए सबसे पहले जमीन पर दोनों पैरों को एकदम सीधे फैलाकर बैठ जाएं। दोनों पैर के बीच में दूरी न हो और जितना संभव हो पैरों को सीधे रखें। इसके साथ ही गर्दन, सिर और रीढ़ की हड्डी को भी सीधा रखें। इसके बाद रिलेक्स करें।


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