स्टेट )) कोरोना मरीजों का फूल रहा दम, नहीं मिल रहा बेड
कोरोना पॉजिटिव गंभीर मरीज भटकने के लिए मजबूर हैं। उनका इलाज नहीं हो पा रहा है। वे जाएं कहां यह समझ नहीं पा रहे हैं। न कोई बताने वाला और न ही समझाने वाला। बेबस मरीज इलाज के अभाव में तड़प रहे हैं और उनके स्वजन भर्ती करने के लिए गुहार लगा रहे हैं।
अमित तिवारी, जमशेदपुर : कोरोना पॉजिटिव गंभीर मरीज भटकने के लिए मजबूर हैं। उनका इलाज नहीं हो पा रहा है। वे जाएं कहां, यह समझ नहीं पा रहे हैं। न कोई बताने वाला और न ही समझाने वाला। बेबस मरीज इलाज के अभाव में तड़प रहे हैं और उनके स्वजन भर्ती करने के लिए गुहार लगा रहे हैं। जिसकी पैरवी होती है, उन्हें किसी तरह बेड उपलब्ध हो जाता है। जिसका नहीं है उनका मालिक भगवान ही हैं। कुल मिलाकर स्थिति भयावह हो चुकी है।
रविवार को बिष्टुपुर का एक कोरोना पॉजिटिव मरीज सांस लेने में परेशानी होने पर टाटा मुख्य अस्पताल (टीएमएच) पहुंचा। उसे भर्ती नहीं लिया गया। कारण बेड खाली नहीं थी। कुछ देर तक स्वजन गुहार लगाते रहे लेकिन कोई सुनवाई नहीं। वहां कोई बताने वाला भी नहीं था कि बेड किस अस्पताल में खाली मिलेगा। इसके बाद घर वाले मरीज को लेकर महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल चले गए। यहां मरीज सुबह लगभग 10 बजे पहुंचा और 11.45 बजे तक एंबुलेंस में ही पड़े रहा। लगभग 12 बजे उसे बेड मिला। इसी तरह, शनिवार की शाम को टिनप्लेट से एक मरीज टीएमएच पहुंचा था। उसे सांस लेने में काफी परेशानी हो रही थी। लेकिन बेड खाली नहीं होने की वजह से उसे भर्ती नहीं लिया जा रहा था। करीब ढाई घंटे तक वह मरीज टीएमएच के बाहर एंबुलेंस में ही पड़ा रहा। तब जाकर किसी तरह उसे भर्ती लिया गया। इस तरह के तमाम लोग एक से दूसरे अस्पतालों का चक्कर लगा रहे हैं। 17 अगस्त को डीसी सूरज कुमार ने कई निर्देश दिए थे लेकिन उसे अब तक धरातल पर नहीं उतरा जा सका है।
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कोविड मरीजों के लिए कहां कितने बेड कोविड केयर सेंटर
डुमरिया सीएचसी : 05
धालभूमगढ़ सीएचसी : 05
पटमदा सीएचसी : 10
जुगसलाई सीएचसी : 10
बहरागोड़ा सीएचसी : 10
घाटशिला सीएचसी : 10
मुसाबनी सीएचसी : 10
चाकुलिया सीएचसी : 10
हल्दीपोखर पीएचसी : 05
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डेडिकेटेड कोविड हेल्थ केयर डिलर हॉस्टल : 50
नेपाल हाउस : 100
प्रोफेसनल कॉलेज : 110
उमा हॉस्पिटल : 65
सेंट जोसफ हॉस्पिटल : 40
------- डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल टीएमएच : 1027
टाटा मोटर्स : 50
एमजीएम : 110
---- 17 अगस्त को डीसी ने क्या-क्या करने को कहा था - जेआरडी कॉम्प्लेक्स में 250 बेड पर ऑक्सीजन की व्यवस्था की जा रही है। - मेडिका को टाटा स्टील और टीएमएच ले रहा है। 25 अगस्त तक 30 बेड का वेंटिलेटर, 40 बेड पर ऑक्सीजन समेत 100 बेड की व्यवस्था कर दी जाएगी।
- कॉरपोरेट हाउस 100 बेड के कोविड केयर सेंटर का निर्माण सुनिश्चित करें।
- निजी नर्सिंग होम संचालक व अस्पताल प्रबंधकों को सख्त निर्देश दिया था कि सातों दिन 24 घंटे ओपीडी व डायलिसिस की सुविधा निरंतर कार्यरत रखें।
- जिस भी अस्पताल में चिकित्सक या स्वास्थ्य कर्मी कोरोना संक्रमित निकले तो उसे बंद नहीं किया जाए। गाइडलाइन के मुताबिक सैनिटाइजेशन कराते हुए अस्पताल में इलाज जारी रखें अन्यथा डीएम एक्ट व अन्य सुसंगत धाराओं में कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
- सभी निजी नर्सिंग होम व अस्पतालों में 15 फीसदी संसाधन कोविड के लिए तथा 85 फीसदी संसाधन आम मरीजों के लिए रखने का निर्देश दिया था।
--------------------- निगरानी के लिए कंट्रोल रूम जरूरी मरीजों को मिलने वाली सुविधाएं व समस्याओं को लेकर एक कंट्रोल रूम होना चाहिए। कंट्रोल रूम होने से मरीज या उनके स्वजन को कोई भी परेशानी होने से पर सीधे फोन कर जानकारी उपलब्ध कराया जा सकता है। इससे यह भी पता चल सकेगा कि किस अस्पताल में कितने बेड खाली हैं। मरीज सीधे वहां जाकर भर्ती हो सकेंगे। इसपर सोचने की जरूरत है।
- डॉ. आरएल अग्रवाल, पूर्व अध्यक्ष, आइएमए।