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कोविड मरीजों के इलाज के लिए को ढूंढे नहीं मिल रहे डॉक्टर व नर्स

अभी अगस्त की शुरुआत है। 15 अगस्त आने में एक सप्ताह देर है। तब शहर की स्थिति क्या होगी इसका अंदाजा आप खुद ही लगा सकते हैं। फिलहाल मरीजों को भर्ती होने के लिए अस्पतालों में बेड नहीं है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 09 Aug 2020 02:38 AM (IST)Updated: Sun, 09 Aug 2020 06:21 AM (IST)
कोविड मरीजों के इलाज के लिए को  ढूंढे नहीं मिल रहे डॉक्टर व नर्स
कोविड मरीजों के इलाज के लिए को ढूंढे नहीं मिल रहे डॉक्टर व नर्स

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : अभी अगस्त की शुरुआत है। 15 अगस्त आने में एक सप्ताह देर है। तब शहर की स्थिति क्या होगी, इसका अंदाजा आप खुद ही लगा सकते हैं। फिलहाल मरीजों को भर्ती होने के लिए अस्पतालों में बेड नहीं है। कोरोना से लेकर सामान्य मरीज अस्पतालों का चक्कर लगा रहे हैं लेकिन, बेड नहीं मिल पा रहे हैं।

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शुक्रवार को बिना इलाज के मानगो डिमना रोड निवासी बीरेन साहू घर में ही दम तोड़ दिया। इधर, इलाज करने वाले शहर के लगभग 45 से अधिक चिकित्सक, 70 से अधिक नर्स व 30 से अधिक सफाई सेवक कोरोना पॉजिटिव हो चुके हैं। वह शहर के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती हैं। ऐसे में चिकित्सकों की कमी हो गई है। महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल के कोविड वार्ड में मरीजों को देखने के लिए डॉक्टर, सफाई करने के लिए सफाई सेवक व रोगियों को शिफ्ट करने के लिए वार्ड ब्याय नहीं मिल रहे हैं। चार से पांच दिन पर वार्ड में राउंड लेने डॉक्टर पहुंच रहे हैं। ऐसे में स्थिति कितनी भयावह हो चुकी है, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। इसे लेकर जिला प्रशासन भी गंभीर है। शनिवार को पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त सूरज कुमार ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) के अध्यक्ष डॉ. उमेश खां व सचिव डॉ. मृत्युंजय सिंह के साथ बैठक की और इस महामारी में सहयोग करने का आग्रह किया।

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15 दिन जमशेदपुर के लिए होगा अहम 15 से 30 अगस्त जमशेदपुर के लिए अहम माना जा रहा है। टाटा मुख्य अस्पताल (टीएमएच) के जीएम डॉ. राजन चौधरी के अनुसार, शहर में जिस तरह से कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़ रही है उसे देखने से लगता है कि 15 से 30 अगस्त तक कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या चरम पर होगी। अगस्त माह में पांच हजार से अधिक मरीज बढ़ने का अनुमान है। फिलहाल रोजाना 100 से अधिक पॉजिटिव मरीज मिल रहे हैं। वहीं, पांच से अधिक मौत हो रही है।

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एमजीएम ने की 10 डॉक्टर व 60 कर्मचारी की मांग एमजीएम के कोविड वार्ड की स्थिति लगातार बिगड़ते जा रही है। यहां ड्यूटी पर छह सीनियर डॉक्टर व बाकी जूनियर को तैनात किया गया था। लेकिन अब चार सीनियर सहित कई जूनियर भी संक्रमित हो गए हैं। ऐसे में सिर्फ दो ही डॉक्टर बचे है और मरीजों की संख्या 125 है। इसे देखते हुए एमजीएम प्रबंधन ने विभाग से 10 डॉक्टर, 30 सफाई सेवक व 30 वार्ड ब्याय की मांग किया है। ताकि स्थिति को संभाली जा सकें।

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स्वास्थ्य मंत्री ने दिए तीन हजार बेड बढ़ाने के निर्देश एक सप्ताह पूर्व स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने सभी अधिकारियों के साथ बैठक कर तीन हजार बेड बढ़ाने के निर्देश दिए लेकिन अब तक शायद ही उस क्षेत्र में कोई पहल हुई है। अगर होता तो शायद मरीजों को भटकना नहीं पड़ता। दूसरी बात यह भी है कि अगर इतने बेड बढ़ा भी दिया गया तो क्या मरीजों को इलाज मिल पाएगा। कारण कि हमारे पास डॉक्टर, नर्स, पारा मेडिकल स्टाफ सहित अन्य कर्मचारियों की पहले से ही कमी है। ऐसे में मरीजों को इलाज उपलब्ध कराना बड़ी चुनौती बन गई है।

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जेआरडी, डीबीएमएस में चल रही तैयारी तीन हजार बेड बढ़ाने की कवायद चल रही है। इसके लिए जेआरडी कॉम्प्लेक्स, डीबीएमएस स्कूल, प्रोफेशनल कॉलेज सिदगोड़ा को आइसोलेशन वार्ड के रूप में चयनित किया गया है। वहीं, यहां सेवा देने के लिए जिला प्रशासन ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) के प्रतिनिधियों से संपर्क किया है लेकिन अब तक कोई आगे नहीं आया है।

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