डेंगू, चिकुनगुनिया मरीजों के वार्ड पर लटक रहा ताला
डेंगू चिकुनगुनिया व जापानी इंसेफ्लाइटिस (जेई) के लार्वा मिलने के बाद शहर में हड़कंप मचा हुआ है। जिला फाइलेरिया विभाग की ओर से रोजाना अभियान चलाकर एक हजार से अधिक लार्वा को नष्ट किया जा रहा है।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : डेंगू, चिकुनगुनिया व जापानी इंसेफ्लाइटिस (जेई) के लार्वा मिलने के बाद शहर में हड़कंप मचा हुआ है। जिला फाइलेरिया विभाग की ओर से रोजाना अभियान चलाकर एक हजार से अधिक लार्वा को नष्ट किया जा रहा है। लेकिन, हमारे सरकारी अस्पताल इस बीमारी से निपटने को लेकर तैयार नहीं है। अगर एक भी मरीज मिला तो विभाग के हाथ-पांव फूलने लगेंगे।
शनिवार को कोल्हान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल का जायजा लिया गया तो पता चला कि मेडिकल वार्ड में छह बेड का आइसोलेशन वार्ड बना हुआ है। वहां पर जाने से पता चला कि उस वार्ड पर ताला लटक रहा है। वहीं अंदर में गंदगी का अंबार है। जबकि वार्ड के बाहर फर्श पर लवारिस मरीज भर्ती हैं। इस वार्ड से दुर्गध आधिक आ रही थी कि हर कोई मुंह पर कपड़ा रखकर आ-जा रहा था। जबकि आइसोलेशन वार्ड के आस-पास विशेष साफ-सफाई की जरूरत होती है। इसे साथ ही खासमहल स्थित सदर अस्पताल में भी आइसोलेशन वार्ड अब तक तैयार नहीं किया जा सका है। जिले में अबतक दस मरीजों में डेंगू बुखार की पुष्टि हो चुकी है। सबका इलाज निजी अस्पताल में हुआ है।
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डेंगू, चिकुनगुनिया का गढ़ है पूर्वी सिंहभूम जिला
डेंगू, चिकुनगुनिया व जापानी इंसेफ्लाइटिस (जेई) का गढ़ पूर्वी सिंहभूम जिला रहा है। बीते साल कुल 1336 मरीजों की जांच की गई थी जिसमें 457 में डेंगू की पुष्टि हुई थी। दूसरे स्थान पर सरायकेला था। इसका मुख्य कारण है कि यहां पर लोग देश के कई राज्यों से पहुंचते हैं और विभाग की रिपोर्टिग भी बेहतर है। बरसात में डेंगू एडिज मच्छर के काटने से होता है और यह साफ पानी में पनपते हैं। चिकुनगुनिया भी डेंगू वाले एडिज मच्छर से ही होता है। इसलिए दोनों बीमारी होने का खतरा मंडरा रहा है। चिकुनगुनिया का दर्द वर्षो तक नहीं जाता है।
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डेंगू मरीजों को ध्यान में रखते हुए एमजीएम में छह बेड का आइसोलेशन वार्ड बना हुआ है। फिलहाल वार्ड बंद है। मरीज सामने आते ही उसे खोल दिया जाएगा।
- डॉ. नकुल प्रसाद चौधरी, उपाधीक्षक, एमजीएम।