बोकारो से आता यह बिना डिग्री वाला डॉक्टर
शहर में एक और बिना डिग्री वाले डॉक्टर के नाम का खुलासा हुआ है। ये हैं डॉ. जेके मिश्रा। ये बोकारो से जमशेदपुर सप्ताह में सिर्फ तीन दिन ही आते हैं और करीब आधे दर्जन से अधिक क्लीनिक में अपने आप को चर्म रोग विशेषज्ञ बताकर इलाज करते हैं। जबकि इनके पास न तो एमबीबीएस की डिग्री है और न ही पोस्ट ग्रेजुएशन (पीजी) की।
अमित तिवारी, जमशेदपुर : शहर में एक और बिना डिग्री वाले डॉक्टर के नाम का खुलासा हुआ है। ये हैं डॉ. जेके मिश्रा। ये बोकारो से जमशेदपुर सप्ताह में सिर्फ तीन दिन ही आते हैं और करीब आधे दर्जन से अधिक क्लीनिक में अपने आप को चर्म रोग विशेषज्ञ बताकर इलाज करते हैं। जबकि इनके पास न तो एमबीबीएस की डिग्री है और न ही पोस्ट ग्रेजुएशन (पीजी) की।
ऐसे में उनकी दवा पर्ची (प्रिस्क्रिप्शन) पर चर्म एवं गुप्त रोग विशेषज्ञ भला कैसे अंकित किया जाता है, यह किसी को समझ में नहीं आ रहा है। इसके साथ ही डॉ. जेके मिश्रा का नाम मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआइ), इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) व इंडियन एसोसिएशन ऑफ डर्मेटोलॉजिस्ट, वेनेरोलॉजिस्ट और लेप्रोलॉजिस्ट (आइएडीवीएल) में भी दर्ज नहीं है। जबकि तीनों संस्थानों में नाम दर्ज होना चाहिए।
जुगसलाई स्थित सेवा सदन रोड निवासी डॉ. एम शरीफ पर भी बिना डिग्री के चर्म रोग विशेषज्ञ बताकर इलाज करने का आरोप है। स्वास्थ्य विभाग की दो सदस्यीय टीम डॉ. लक्ष्मी कुमारी के नेतृत्व में जांच कर रही है।
----------------
पर्ची पर सफेद दाग, गुप्त रोग, एक्जिमा, बाल झड़ना, सौंदर्य व अन्य चर्म रोग विशेषज्ञ दर्ज
दैनिक जागरण की टीम ने भी इस मामले को गंभीरता से लेते हुए इसकी तह में जाने की कोशिश की। डॉ. जेके मिश्रा की दवा पर्ची पर सफेद दाग, गुप्त रोग, एक्जिमा, बाल झड़ना, सौंदर्य व अन्य रोग विशेषज्ञ लिखा हुआ है। वहीं मछली, अंडा, बैगन, इमली के पानी से परहेज करने की सलाह भी दी गई है। डॉ. जेके मिश्रा की पर्ची पर एमबीबीएस व पीजी की डिग्री अंकित नहीं है। सिर्फ डीडीएम (डिप्लोमा इन डर्मेटोलॉजिकल मेडिसीन) लिखा हुआ है, जो एक साल का कोर्स होता है। जबकि किसी भी डॉक्टर को विशेषज्ञता तब हासिल होती है जब वह एमबीबीएस के बाद पीजी (पोस्ट ग्रेजुएशन) की पढ़ाई पूरा करता है। ये पढ़ाई पूरी करने में करीब आठ साल लग जाते हैं।
-
खुजली होने पर लिख दी 1500 रुपये की दवा
डॉ. जेके मिश्रा के पास एक मरीज इलाज कराने पहुंचा। खुजली की शिकायत बताई तो डॉक्टर साहब ने सबसे पहले मछली, खंट्टा, बैगन, अंडा, लाल मिर्च एवं शराब नहीं लेने की सलाह दी। इसके बाद 1500 रुपये की दवा लिख दी और 10 दिन के बाद दोबारा आने को कहा।
----
स्वास्थ्य विभाग से 200 से अधिक बिना डिग्री वाले डॉक्टरों की शिकायत
शहर में बिना डिग्री वाले डॉक्टर सक्रिय हैं। इनकी संख्या लगातार बढ़ता जा रही है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) ने करीब 200 से अधिक बिना डिग्री वाले चिकित्सकों की शिकायत स्वास्थ्य विभाग से की है। नाम के साथ उनकी सूची भी सौंपी गई है। विभाग ने वैसे डॉक्टरों को चिह्नित कर कार्रवाई शुरू कर दी है। शहर में वैसे डॉक्टर भी सक्रिय हैं जिन्होंने सिर्फ एमबीबीएस किया है, लेकिन अपने आप को हड्डी रोग, शिशु रोग, चर्म रोग, किडनी रोग सहित अन्य रोग विशेषज्ञ लिखकर मरीजों को चूना लगा रहे हैं।
-----
मैंने एमबीबीएस की पढ़ाई नहीं की है। पर, डीडीएम (डिप्लोमा इन डर्मेटोलॉजिकल मेडिसीन) का कोर्स किया है। इसके तहत विशेषज्ञ डॉक्टर लिखा जा सकता है।
-डॉ. जेके मिश्रा, चर्म एवं गुप्त रोग विशेषज्ञ।
-
बिना डिग्री वाले डॉक्टरों के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग को सूची सौंपी गई है। वैसे लोगों के खिलाफ सख्ती के साथ कार्रवाई की जानी चाहिए। ताकि मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ नहीं हो।
-डॉ. मृत्युंजय सिंह, सचिव, आइएमए।
------------
डीडीएम की डिग्री आइएडीवीएल द्वारा मान्य नहीं है। कोई भी डॉक्टर अपने आप को विशेषज्ञ तभी बता सकता है जब उसने पीजी की हो। उनके पास डिग्री है तो वह आइएडीवीएल को जमा करें। कई डॉक्टर अपने आप को चर्म रोग विशेषज्ञ बताकर प्रेक्टिस कर रहे हैं।
- डॉ. आर कुमार, आइएडीवीएल, स्टेट को-आर्डिनेटर।