40 की उम्र के बाद नियमित रूप से कराएं आंखों की जांच
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : 40 वर्ष की उम्र के बाद लोगों में मोतियाबिंद होने की आशंका बढ़ जाती
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : 40 वर्ष की उम्र के बाद लोगों में मोतियाबिंद होने की आशंका बढ़ जाती है। हर 100 लोगों में से तीन को काला मोतियाबिंद होती है जिसका इलाज लेजर व दवा से किया जाता है। उक्त बातें रविवार को कोलकाता से आए डॉ. मनीष सिंह ने कहीं। मौका था साकची स्थित जमशेदपुर आई हॉस्पिटल में ग्लूकोमा सोसाइटी ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित कार्यशाला का। इसका उद्घाटन जमशेदपुर आई हॉस्पिटल की अध्यक्ष रुचि नरेंद्रन व टीएमएच के जीएम राजन चौधरी ने किया। रुचि नरेंद्रन ने कहा कि इस तरह के कार्यशाला में भाग लेने से चिकित्सकों को नई-नई जानकारियां प्राप्त होती हैं। उन्होंने कहा कि मोतियाबिंद एक गंभीर विषय है। आंखें ईश्वर द्वारा प्रदत्त सबसे अनमोल तोहफा है, इसलिए इसे संभाल कर रखना चाहिए। वहीं डॉ. मनीष सिंह ने कहा कि काला मोतियाबिंद के बारे में सभी डॉक्टरों को अच्छी तरह जानकारी होनी चाहिए। शुरुआती दौर में बीमारी की पहचान होने से उसे दवा से नियंत्रित किया जा सकता है। जिसकी बीमारी बढ़ जाती है उसका लेजर सर्जरी किया जाता है। उन्होंने कहा कि किसी के आंख में लगातार दर्द, लाल निशान, सर में दर्द होना सहित अन्य लक्षण है। अगर किसी के परिवार में काला मोतियाबिंद, बार-बार चश्मा का पावर बदलने, आंख में चोट, मधुमेह है तो उन्हें नियमित रूप में अपनी आंखों की जांच करानी चाहिए। वहीं जमशेदपुर आई हॉस्पिटल के डॉ. एसपी जखनवाल ने बताया कि सोमवार को लाइव सर्जिकल वर्कशॉप रखा गया है। इसमें लाइव सर्जरी के माध्यम से नई तकनीकों के बारे में डॉक्टरों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस अवसर पर डॉ. सीबीपी सिंह, डॉ. सुशील बाजोरिया, डॉ. आरबी सिंह, डॉ. पूनम सिंह, डॉ. विजया जोजो, डॉ. विवेक केडिया, डॉ. सागर सहित अन्य लोग उपस्थित थे।