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हमारा शहर बना अत्याधुनिक मेडिकल सेवा का हब

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : लौहनगरी में ही अब लोगों को अत्याधुनिक मेडिकल सुविधाएं मिलने लगी हैं

By JagranEdited By: Published: Fri, 27 Apr 2018 09:00 AM (IST)Updated: Fri, 27 Apr 2018 09:00 AM (IST)
हमारा शहर बना अत्याधुनिक मेडिकल सेवा का हब
हमारा शहर बना अत्याधुनिक मेडिकल सेवा का हब

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : लौहनगरी में ही अब लोगों को अत्याधुनिक मेडिकल सुविधाएं मिलने लगी हैं। आज से 15 साल पहले तक लोग छोटी-मोटी बीमारी के इलाज के लिए भी दिल्ली, कोलकाता, वेल्लोर, मुंबई जैसे शहरों के अस्पतालों पर निर्भर रहा करते थे, लेकिन अब हालात बदल गए हैं। हाल के दिनों में मेडिका, मेडिट्रिना, टाटा मोटर्स अस्पताल तेजी से विकसित हुए हैं। इन अस्पतालों में बेहतर इलाज के साथ-साथ मरीजों के लिए बेड की संख्या भी बढ़ा दी गई है। वहीं कोल्हान रीजन के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज ने भी अपने आप को काफी अपडेट किया है। यहां हर साल करीब छह लाख लोग इलाज कराने पहुंच रहे हैं। इस अस्पताल में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। रोजाना 1200 से 1500 मरीज यहां इलाज कराने पहुंचते हैं। यानी हर माह 45 हजार के करीब। इसी तरह, प्रदेश के बेहतर अस्पतालों में शुमार टाटा मुख्य अस्पताल (टीएमएच) में भी हर माह करीब 35 हजार मरीज पहुंचते हैं। यहां पर सभी तरह की सुविधाएं मौजूद होने की वजह से बिहार, ओडिशा, पश्चिम बंगाल सहित पूरे झारखंड से मरीज पहुंचते हैं। लौहगनरी में सरकार जल्द ही 50 बेड का कैंसर अस्पताल खोलने जा रही है। वहीं 500 बेड का मल्टीस्पेशिलिस्ट हॉस्पिटल भी खुलेगा। इसके लिए डिमना चौक स्थित एमजीएम कॉलेज में जगह का चयन भी कर लिया गया है। एमजीएम, टीएमएच के बाद शहर के इन पांच अस्पतालों में हर साल करीब 12 लाख 15 हजार मरीज इलाज कराने पहुंच रहें हैं।

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एमजीएम में छह लाख लोग हर साल करा रहे इलाज

539 बेड वाले महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कोल्हानवासियों का भरोसा लगातार बढ़ रहा है। लगातार सुविधाएं बढ़ने की वजह से मरीजों की संख्या भी बढ़ी है। हाल के दिनों में इमरजेंसी विभाग में मोड्यूलर ऑपरेशन थियेटर बनाया गया है। वहीं बच्चों के लिए एनआइसीयू (नियोनेटल इंटेसिव केयर यूनिट), पीआइसीयू (पीडियाट्रिक इंटेसिव केयर यूनिट) खोला गया है। जहां पर नवजात व बच्चों को बेहतर चिकित्सा देकर उनकी जान बचायी जा रही है। जल्द ही अस्पताल में मेडिसीन, महिला एवं प्रसूति विभाग, शिशु व सर्जरी विभाग का विस्तार होने वाला है। इसके लिए भवन बनकर तैयार हो चुका है। यहां पर किडनी मरीजों के लिए डायलिसिस, सभी तरह की पैथोलॉजी जांच, सीटी स्कैन, अल्ट्रासाउंड, ईएनटी रोग, नेत्र रोग के इलाज की भी सुविधा है।

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टीएमएच में जल्द शुरू होगी ओपन हार्ट सर्जरी

टाटा स्टील द्वारा संचालित टाटा मुख्य अस्पताल (टीएमएच) ने अपने आप को तेजी से अपडेट किया है। यहां पर सभी तरह की अत्याधुनिक सुविधाएं मरीजों को उपलब्ध करायी जाती हैं। जल्द ही ओपन हार्ट सर्जरी की सुविधा भी शुरू होने वाली है। इस अस्पताल में इलाज कराने के लिए झारखंड के आस-पास के राज्यों से भी लोग पहुंचते हैं। इस अस्पताल में हर साल करीब साढ़े चार लाख लोग इलाज कराने पहुंचते हैं। यहां पर हार्ट, किडनी, न्यूरो, यूरोलॉजी, ईएनटी, नेत्र, दंत व सभी तरह की सर्जरी व पैथोलॉजी जांच की सुविधा है। अस्पताल में कुल 915 बेड है पर अगर कोई बीमारी महामारी का रूप लेता है तो वैसे हालात में एक हजार बेड कर दिया जाता है। ताकि मरीजों को बेहतर चिकित्सा उपलब्ध कराया जा सके। वहीं टेल्को क्षेत्र में टेल्को व टिनप्लेट अस्पताल में सुविधाएं बढ़ी हैं।

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मेडिका अस्पताल का जल्द होगा विस्तार

110 बेड वाले मेडिका अस्पताल का विस्तार जल्द होने वाला है। यहां पर बेडों की संख्या बढ़ाने के साथ-साथ कई सुविधाएं भी बढ़ायी जाएगी। इसकी तैयारी अंतिम चरण में है। फिलहाल इस अस्पताल में मेडिसीन, यूरोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, महिला एवं प्रसूति विभाग, नेत्र, सीसीयू, आईसीयू, एमआर आई, सिटी स्कैन की सुविधा है। इस अस्पताल में मरीजों को बेहतर सेवा देने के लिए हर माह बाहर से भी विशेषज्ञ डॉक्टर को बुलाए जाते हैं। मेडिका अस्पताल मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी योजना व ईएसआई योजना से भी जुड़ा हुआ है। इस अस्पताल में हर साल करीब 50 से 60 हजार लोग इलाज कराने पहुंच रहे हैं।

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मर्सी में भी किडनी मरीजों का हो रहा इलाज

बारीडीह स्थित मर्सी अस्पताल भी तेजी से विकसित हुआ है। यहां पर अब किडनी मरीजों को भी इलाज मिलने लगी है। इसके लिए छह बेड का डायलिसिस सुविधा शुरू की गई है। पहले यह सुविधा नहीं होने की वजह से मरीजों को भर्ती नहीं लिया जाता था। यह अस्पताल ईएसआइ से भी जुड़ा हुआ है। 400 बेड वाले इस अस्पताल में हर साल करीब एक लाख मरीज इलाज कराने पहुंचते हैं। इस अस्पताल में किडनी मरीजों के लिए डायलिसिस की सुविधा हैं। वहीं सर्जरी के लिए अत्याधुनिक ऑपरेशन थियेटर, बच्चों के लिए एनआईसीयू, गायनिक, मेडिसीन व हृदय रोग का इलाज भी होता है। इसके साथ ही लेप्रोस्कोपिक सर्जरी व सभी तरह की पैथोलॉजी जांच भी होती है।

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हार्ट मरीजों का भरोसा जीत रहा मेडिट्रिना

आदित्यपुर स्थित मेडिट्रिना हॉस्पिटल भी तेजी से विकसित हुआ है। 60 बेड वाले इस अस्पताल में हार्ट रोग से संबंधित सभी तरह का इलाज संभव है। यहां तक की जटिल से जटिल ऑपरेशन भी किये जाते हैं। इसके लिए इटली सहित देशभर से विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम आती हैं। खास बात यह है कि जिस मरीज को दूसरे अस्पतालों ने इलाज करने से इंकार कर देते है उन्हीं मरीजों का इस अस्पताल में सफल सर्जरी किया जाता है। इस अस्पताल में किडनी रोग का भी इलाज शुरू हो गया है। इसके लिए 10 बेड का डायलिसिस सेंटर शुरू किया गया है। साथ ही मेडिसीन, फेफड़ा, बायोप्सी सहित सभी तरह की पैथोलॉजी जांच की सुविधा है। यह अस्पताल मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी योजना से जुड़ा हुआ है। यहां हर साल 25 से 30 हजार मरीज इलाज कराने पहुंच रहें है।

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गंगा हॉस्पिटल में भी कैंसर का इलाज

डिमना रोड स्थित गांगा मेमोरियल अस्पताल में भी कई सुविधाएं बढ़ाई गई है। यहां पर कैंसर मरीजों का इलाज भी हो रहा है। डॉक्टर की सलाह पर रोगी के सर्जरी करने के बाद कीमोथेरेपी देने की सुविधा भी है। 72 बेड वाले इस अस्पताल में सभी तरह की सर्जरी, मेडिसन, महिला एवं प्रसूति रोग, हड्डी रोग, प्लास्टिक सर्जरी, किडनी रोग, सिटी स्कैन, अल्ट्रासाउंड व सभी तरह की पैथोलॉजी जांच की सुविधा मौजूद है। इस अस्पताल में ग्रामीण क्षेत्रों से अधिक मरीज पहुंचते हैं। हर साल 20 से 25 हजार मरीज इलाज कराने पहुंचते है।


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