जब मंत्री को देख चौंक गए लोग, खिचड़ी खाया और बच्चे को गोद में लेकर पुचकारा Jamshedpur News
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता अचानक महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल का औचक निरीक्षण करने पहुंच गए। उनके साथ काफिला था न ही नेता और कार्यकर्ता।
जमशेदपुर, जासं। स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता अचानक महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल का औचक निरीक्षण करने पहुंच गए। उनके साथ काफिला था न ही नेता और कार्यकर्ता।
सामान्य व्यक्ति की तरह वह अपनी बोलेरो एमजीएम अस्पताल परिसर में खड़ी कर अकले इमरजेंसी विभाग की तरफ जाने लगे। इस दौरान इमरजेंसी विभाग के पार्किंग के पास अस्पताल की सुरक्षा में तैनात तीन-चार सुरक्षाकर्मी गप लड़ाते दिखे। मंत्री ने पूछा कि आपलोगों की ड्यूटी कहां है? मंत्री को देख सुरक्षा कर्मी हक्का-बक्का रह गए। कहने लगे- गलती हो गई सर। इसके बाद सभी ड्यूटी स्थल पर चले गए। मंत्री इमरजेंसी विभाग के अंदर गए। मरीजों से बात की। ड्रेसिंग रूम में गए। इसके बाद चिकित्सकों के ड्यूटी रूम में पहुंचे। सिर्फ एक डॉक्टर तैनात था, जबकि चार चिकित्सकों की ड्यूटी थी।
वहां से निकलकर मंत्री आहार विभाग के किचन में पहुंचे। वहां गंदगी अधिक थी। देखकर भड़क गए। इसके बाद मरीजों के लिए बनी खिचड़ी, सब्जी, ब्रेड व दाल भी खाया और मेनू भी चेक किया। बच्चों को सुधा या अमृत कंपनी का दूध न देकर डेयरी प्लस कंपनी का दिया जा रहा था, मंत्री ने जब्त कर लिया। कहा कि इसकी गुणवक्ता की जांच करायी जाएगी। इसके बाद वह शिशु रोग विभाग में गए तो देखा कि बाल्टी कचरा से भरा हुआ है। पूछा कि जब मरीज इतने कम हैं तो कचरा इतना अधिक कैसे हो गया। क्या रविवार को सफाई कर्मी नहीं आते?
बच्चे को गोद में लेकर पुचकारा
कोल्हान के सबसे बड़े सरकारी चिकित्सालय एमजीएम असपताल के आहार विभाग में खिचड़ी खाते राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता।
इसके बाद एक बच्चे को गोदी में उठाकर पुचकारने लगे। उससे नाम पूछा। मंत्री हर वार्ड में मरीजों से पूछे रहे थे कि राउंड पर डॉक्टर आते हैं या नहीं? खाना मिलता है या नहीं? रात का खाना मिला? मरीजों ने कहा कि सिर्फ दिन में एकबार ही डॉक्टर आते हैं। उसके बाद स्थिति गंभीर होती है तो डॉक्टर को ढूंढऩा पड़ता है। डॉक्टर को इमरजेंसी विभाग से बुलाना पड़ता है। रविवार रात 7.42 बजे पहुंचे स्वास्थ्य मंत्री करीब 20 मिनट अस्पताल का निरीक्षण करते रहे। अधीक्षक डॉ. संजय कुमार को जब पता चला तो स्कूटी लेकर पहुंचे। लेकिन, स्वास्थ्य मंत्री निकल चुके थे।
सरकारी अस्पताल में मंत्री, उपायुक्त कराएंगे इलाज तो बदलेगी स्थिति
एमजीएम अस्पताल में मरीजों से बातचीत करते मंत्री बन्ना गुप्ता।
मंत्री बन्ना गुप्ता ने गोड्डा जिले की उपायुक्त किरण कुमार पासी को बधाई देते हुए कहा कि उनकी पहल स्वागत योग्य है। जब इस तरह के प्रयास होंगे तो सरकारी अस्पतालों की स्थिति में काफी सुधार आएगी। जिले के उपायुक्त, मंत्री, विधायक सरकारी अस्पतालों में इलाज कराएंगे तो व्यवस्था बेहतर होगी।
बेहतर सेवा देने के हो रहे प्रयास
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल के निरीक्षण के बाद मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि मरीजों को बेहतर सेवा देने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। मैं एक सेवक के रूप में बिना ताम-झाम के अस्पताल का निरीक्षण करने आया हूं, क्योंकि मेरा उद्देश्य यहां की खामियों को जानकर उसे दूर करना है न कि डांट-फटकार कर वाहवाही लूटना। मंत्री ने कहा कि एमजीएम अस्पताल में तीन शव वाहन पडे हुए हैं। इसे लेकर मैंने रेडक्रास से बात की तो उनके द्वारा तकनीकी गड़बड़ियां बताई गईं और कहा गया कि शव वाहन लायक वह गाड़ी नहीं है। उसकी समीक्षा कर जल्द ही आगे की कार्रवाई की जाएगी, ताकि लोगों को उसका लाभ मिल सके।
पैथोलॉजी लैब की होगी जांच
वहीं मेडॉल कंपनी द्वारा संचालित पैथोलॉजी लैब के बिल में गड़बड़ी की शिकायत मिली है। उसकी जांच चल रही है। दोषी पाए जाने पर सख्ती के साथ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि एमजीएम अस्पताल को बड़ी सर्जरी की जरूरत है। उसके लिए हमारी टीम जांच कर रही है। जिस तरह से ऑपरेशन से पहले कई तरह की जांच डॉक्टर कराते हैं, उसी तरह से हमारी टीम भी रिपोर्ट तैयार कर रही है। पहले से थोड़ा सुधार दिख रहा है लेकिन यहां बहुत सारा काम करना है। खामियां बहुत हैं उसे सुधारने के प्रयास में जुटा हूं। ताकि मरीजों को बेहतर चिकित्सा मिल सके।