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Weekly News Roundup Jamshedpur : कोरोना से भी खतरनाक यह वायरस, देर न हो जाए कहीं.. पढ़‍िए च‍िक‍ित्‍सा जगत की अंदरूनी खबर

Weekly News Roundup देश कोरोना जैसी महामारी से जूझ रहा है लेकिन जमशेदपुर में उससे भी खतरनाक एक वायरस ने जन्म ले लिया है। इसका काम कोरोना के नाम पर पैसा वसूली करना है।

By Edited By: Published: Fri, 03 Apr 2020 08:30 AM (IST)Updated: Fri, 03 Apr 2020 08:56 AM (IST)
Weekly News Roundup Jamshedpur : कोरोना से भी खतरनाक यह वायरस, देर न हो जाए कहीं.. पढ़‍िए च‍िक‍ित्‍सा जगत की अंदरूनी खबर
Weekly News Roundup Jamshedpur : कोरोना से भी खतरनाक यह वायरस, देर न हो जाए कहीं.. पढ़‍िए च‍िक‍ित्‍सा जगत की अंदरूनी खबर

जमशेदपुर, अमित तिवारी। Weekly News Roundup Jamshedpur देश कोरोना जैसी महामारी से जूझ रहा है लेकिन जमशेदपुर में उससे भी खतरनाक एक वायरस ने जन्म ले लिया है। इसका काम कोरोना के नाम पर पैसा वसूली करना है। यह घटना किसी और के साथ नहीं बल्कि शहर के जाने-माने एक डॉक्टर के साथ घटी। इसकी शिकायत स्वास्थ्य मंत्री के प्रतिनिधि तक भी पहुंची, लेकिन अबतक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है।

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स्वास्थ्य मंत्री के शहर में इस तरह के वायरस का जन्म लेना गंभीर सवाल है। अब आगे देखना है, क्या कार्रवाई होती है। हुआ यूं कि बीते माह ही डॉक्टर साहब दुबई से लौटे। कुछ दिन पूर्व उनके मोबाइल पर फोन आया कि मैं स्वास्थ्य विभाग से बोल रहा हूं। पूरे परिवार को क्वारंटाइन में रखना है। इसके बाद गाड़ी निकालो.. की आवाज फोन पर सुनाई देती है। कुछ देर बाद आरोपित ने कहा कि कुछ दे दीजिए तो आपको क्वारंटाइन में नहीं रखा जाएगा।

किट मांगा तो नौकरी से निकाला

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कहते हैं जान है तो जहान है। लेकिन, महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में एक आउटसोर्स कर्मचारी ने कोरोना वायरस से सुरक्षा के लिए किट मांगा लिया तो उसे नौकरी से ही निकाल दिया। अब, वह गम में डूबा हुआ है। परिवार चलाने की ¨चता उसे सता रही है। इसी तरह, एक फार्मासिस्ट को भी बिना कुछ कहे घर में बैठने को कहा गया है। दरअसल, आउटसोर्स कर्मचारियों को एजेंसी ने बिना किट उपलब्ध कराए ही कोरोना वायरस जैसे खतरनाक बीमारी से निपटने को मैदान में उतार दिया गया है। जब इसका विरोध कुछ कर्मचारियों ने किया तो उसे नौकरी से निकाल दिया गया। जबकि अस्पताल प्रबंधन ने अपने सभी स्थायी कर्मचारियों को किट उपलब्ध कराया है। आउटसोर्स कर्मचारियों का कहना है कि इस महामारी में भी उनके साथ भेदभाव किया जा रहा है। क्या उनकी जान की परवाह किसी को नहीं है।

देर न हो जाए कहीं..

देश-विदेश से आए परदेशी घरों में दुबके हुए हैं। लॉकडाउन में तो यह ठीक है, लेकिन उन्हें प्रशासन को भी सूचित करना अति आवश्यक है। कहीं ऐसा न हो कि वह अपने साथ कोरोना वायरस लेकर लौटे हों और चपेट में पूरा घर-परिवार आ जाए। यह वायरस तेजी से फैलता है। इसी के मद्देनजर पुलिस ने भी छापेमारी अभियान तेज कर दिया है। लोगों को समझने की जरूरत है। बिना देर किए हुए अपनी-अपनी जांच करानी चाहिए, ताकि वह सुरक्षित और स्वस्थ रहें। उनसे परिवार, समाज और देश को भी खतरा नहीं रहे। पुलिस द्वारा चलाए जा रहे अभियान में लगातार खुलासा हो रहा है कि कई लोग दूसरे प्रदेश और विदेशों से लौटे हैं। लेकिन, वह अपनी पहचान छुपा रह रहे हैं। यह बहुत ही गलत बात है। इससे न सिर्फ उनको खतरा है, बल्कि पूरे देश को खतरा है। वायरस तेजी से फैलेगा और रोक पाना मुश्किल होगा।

दवा दुकानों पर कोरोना का खतरा

लॉकडाउन में दवा दुकानों को खोलने की पूरी छूट मिली हुई है। लेकिन, कुछ दुकानदार ऐसे भी हैं, जो अपने आप को नियम-कानून से ऊपर समझने लगे हैं। पीएम से लेकर सीएम तक बार-बार अपील कर रहे हैं कि कोरोना वायरस के चेन को किसी तरह तोड़ना है। इसके लिए शारीरिक दूरी बनाना जरूरी है। इसके लिए बाजार से लेकर अन्य दुकानों पर तीन मीटर की दूरी पर गोल घेरा बनाया गया है, ताकि एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में संक्रमण नहीं फैले। इसका पालन सख्ती से हो रहा है। लेकिन, अधिकांश दवा दुकानों में गोल घेरा नहीं बनाया गया है। इससे वहां पर संक्रमण फैलने का खतरा अधिक है। प्रशासन के सामने यह किसी चुनौती से कम नहीं है। इधर, फार्मासिस्टों ने भी गलत करने वाले दवा दुकानों पर सख्ती के साथ कार्रवाई करने की मांग किया है। उन्होंने आह्वान किया कि इस वक्त देश को हमारी जरूरत है।


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