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बोकारो का निकित है जीएसटी फर्जीवाड़े का किंगपिन

मनोज सिंह, जमशेदपुर झारखंड, बिहार, बंगाल समेत आठ राज्यों में फर्जी बिलों के जरिये करोड़

By JagranEdited By: Published: Mon, 24 Sep 2018 01:35 PM (IST)Updated: Mon, 24 Sep 2018 01:35 PM (IST)
बोकारो का निकित है जीएसटी फर्जीवाड़े का किंगपिन
बोकारो का निकित है जीएसटी फर्जीवाड़े का किंगपिन

मनोज सिंह, जमशेदपुर

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झारखंड, बिहार, बंगाल समेत आठ राज्यों में फर्जी बिलों के जरिये करोड़ों रुपये का जीएसटी घोटाला करने का मुख्य सूत्रधार बोकारो का निकित मित्तल ही है। निकित ही सभी व्यापारियों को फर्जी बिल मुहैया कराता था। इस बात का खुलासा मामले में गिरफ्तार सत्यप्रकाश सिंह ने अदालत में किया है। सत्यप्रकाश के अनुसार वह और उसके साथ दबोचा गया दिनेश व्यास निकित के इशारे पर ही काम करते थे।

स्पेशल जज-2 (आर्थिक अपराध) वाइसी वर्मा की अदालत में दिए गए बयान में जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) घोटाले के आरोपित सत्यप्रकाश सिंह ने बताया है कि वह बोकारो के रहने वाले निकित मित्तल के लिए काम करता था। निकित काफी पढ़ा-लिखा होने के कारण जीएसटी के संबंध में काफी जानकारी भी रखता है। सत्यप्रकाश ने अदालत को बताया कि राजस्थान के जोधपुर से 10 करोड़ के जीएसटी फर्जीवाड़े में जेल भेजा गया दिनेश व्यास भी निकित मित्तल से ही फर्जी बिल लेता था।

सत्यप्रकाश ने बताया कि उसने हरिओम स्टील के रवि अग्रवाल के माध्यम से ¨रगूस, जयपुर व जोधपुर की विभिन्न कंपनियों को फर्जी बिल बेचा गया था। दो कंपनियों के मालिक जयपुर के राजकिशोर अग्रवाल ने जयपुर और आसपास के क्षेत्र की कंपनियों को फर्जी बिल बेचने में सहयोग किया। यही नहीं प्रेम जैन इस्पात कंपनी के मालिक ज्ञानचंद जैन एवं प्रेमजी जैन के माध्यम से कोटा और जयपुर में फर्जी बिल बेचा गया। इसके अलावा उमाशंकर अग्रवाल के माध्यम से भी फर्जी बिल बेचे गए। ये है मामला

केंद्रीय जीएसटी अन्वेषण निदेशालय, जमशेदपुर ने सबसे पहले राजस्थान के जोधपुर के रहने वाले कारोबारी दिनेश व्यास को 24 जुलाई 2018 को इस फर्जीवाड़े में पकड़ा था। दरअसल, दिनेश व्यास ने जब इनपुट क्रेडिट टैक्स के तौर पर दस करोड़ रुपये का दावा किया तो विभाग को संदेह हुआ और वह धरा गया। इसके बाद विभाग ने बोकारों के सत्यप्रकाश सिंह की भी चोरी पकड़ी और उसे गिरफ्तार कर लिया। जीएसटी अन्वेषण निदेशालय ने इसी साल 23 अगस्त को सत्यप्रकाश को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। सत्यप्रकाश की बोकारो में सिद्धि विनायक मेटल्स एंड साल्ट कंपनी है। उसने फर्जी बिल के माध्यम से ना केवल करोड़ों का कारोबार किया, बल्कि जीएसटी विभाग पर 30 करोड़ रुपये आइटीसी का दावा भी ठोक दिया। विभाग ने जब बिल में वर्णित ट्रांसपोर्टरों और कारोबारियों से पूछताछ की तो पता चला कि इसने पप्पू रोडवेज, पीके ट्रेडर्स जमशेदपुर, रेणु राज इंटरप्राइजेज बोकारो के अलावा दर्जनों फर्म के नाम से फर्जी बिल बना जीएसटी का घोटाला किया गया। जांच के दौरान जीएसटी विभाग को श्री श्याम स्टील्स इंटरप्राइजेज(बोकारो), रेणु राज इंटरप्राइजेज (बोकारो), पीके ट्रेडर्स (जमशेदपुर), मदन ट्रेडिंग कंपनी (जयपुर) के मालिकों ने बताया था कि उनसे सत्यप्रकाश की कंपनी सिद्धि विनायक मेटल एंड साल्ट कंपनी प्रा. लि. (बोकारो) या ऋद्धि सिद्धि इंटरप्राइजेज (जयपुर) ने कोई कारोबार नहीं किया है।


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