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Tata steel में मिनिमम गारटेंड बेनीफिट पर जिच की वजह से ग्रेड रिवीजन है अटका jamshedpur news

टाटा स्टील में मिनिमम गारटेंड बेनीफिट पर जिच की वजह से ग्रेड रिवीजन अटका है। सबकुछ ठीक रहा तो दो-चार दिनों में समझौता मुकम्मल हो जाएगा।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Sun, 22 Sep 2019 12:31 PM (IST)Updated: Sun, 22 Sep 2019 12:31 PM (IST)
Tata steel में मिनिमम गारटेंड बेनीफिट पर जिच की वजह से ग्रेड रिवीजन है अटका jamshedpur news
Tata steel में मिनिमम गारटेंड बेनीफिट पर जिच की वजह से ग्रेड रिवीजन है अटका jamshedpur news

जमशेदपुर, जासं। टाटा स्टील में ग्रेड रिवीजन पर कंपनी प्रबंधन और टाटा वर्कर्स यूनियन के बीच मैराथन वार्ता के बाद सूत्रों के संकेत हैं कि कंपनी प्रबंधन स्पैन को 18 तक बढ़ाने को तैयार हो गई है। वहीं, मिनिमम गारटेंड बेनीफिट (एमजीबी) को लेकर जिच कायम है।

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टाटा स्टील प्रबंधन और यूनियन नेतृत्व के बीच शनिवार को भी ग्रेड रिवीजन वार्ता का दौर दिन भर चलता रहा। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि 25-26 सितंबर तक अगर सबकुछ ठीक रहा तो ग्रेड रिवीजन समझौता हो जाएगा। चर्चा है कि कंपनी प्रबंधन कोलियरी की तरह डीए में बदलाव करेगी और समझौते की अवधि सात वर्ष होगी। हालांकि चर्चा है कि स्टील वेज के कर्मचारियों के मासिक वेतन में 10 हजार रुपये तक की बढ़ोतरी हो सकती है। वहीं, एनएस ग्रेड कर्मचारियों के भी मूल वेतन में छह हजार रुपये तक बढ़ोतरी की संभावना जताई जा रही है। हालांकि इस मामले में यूनियन नेतृत्व कुछ भी कहने से इंकार कर दिया।

21 माह का मिलेगा एरियर

नए समझौते के तहत टाटा स्टील के कर्मचारियों का ग्रेड रिवीजन समझौता पहली जनवरी 2018 से लंबित है। ऐसे में समझौता होने पर उन्हें 21 माह का एरियर मिलेगा। जबकि भत्ते तत्काल प्रभाव से ही प्रभावी होंगे। ऐसे में यूनियन शीर्ष भी जल्द से जल्द समझौता कराने को आतुर दिख रही है ताकि अब और ज्यादा देर न हो।

अक्टूबर से डीए पर बदलाव संभव

चर्चा है कि कर्मचारियों के डीए में सीलिंग लगेगी। ऐसे में उन कर्मचारियों को ज्यादा चिंता है जिनका डीए अपर लिमिट में है। अगर सीलिंग लगी तो क्या उन्हें जितने डीए का भुगतान मिल चुका है, प्रबंधन को वापस लौटाना होगा। लेकिन कुछ वरीय यूनियन सदस्यों के अनुसार डीए सीलिंग संभवत पहली सितंबर या अक्टूबर से मान्य होगा।

कमेटी मेंबरों ने साध ली है चुप्पी

ग्रेड रिवीजन को लेकर पिछले 15 दिनों से जहां कमेटी मेंबर रिक्विजिशन मीटिंग या कमेटी मीटिंग बुलाने की मांग कर रहे थे। वहीं, कमेटी मेंबरों ने अब पूरे मामले में चुप्पी साध ली है। कुछ कमेटी मेंबरों को प्रबंधन के कोपभाजन का डर है तो कुछ कमेटी मेंबर सत्ता पक्ष की लोलुपता में लगे हुए हैं और उनके हर निर्णय पर हां में हां मिला रहे हैं ताकि भविष्य में उन्हें बेहतर टूर पर जाने का मौका मिल सके। लेकिन स्टील वेज से लेकर एनएस ग्रेड के सभी कमेटी मेंबर पूरे मामले में चुप्पी साध ली है। हालांकि एनएस ग्रेड के कमेटी मेंबरों ने घोषणा की है कि वे सोमवार को पूरे मामले में निर्णय लेंगे।  


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