Tata steel : टाटा स्टील में 52 हजार रुपये बेसिक पर डीए को फ्रीज करने का प्रस्ताव
टाटा स्टील के कर्मचारियों का बेसिक अगर 52 हजार रुपये से अधिक हुआ तो उनका डीए फ्रिज हो जाएगा।ग्रेड रिवीजन पर वार्ता में प्रबंधन ने यह प्रस्ताव टाटा वर्कर्स यूनियन को दिया है।
जमशेदपुर,जागरण संवाददाता। टाटा स्टील के कर्मचारियों का बेसिक अगर 52 हजार रुपये से अधिक हुआ तो उनका डीए फ्रिज हो जाएगा। टाटा स्टील में लंबित ग्रेड रिवीजन पर वार्ता में प्रबंधन ने यह प्रस्ताव टाटा वर्कर्स यूनियन नेतृत्व को दिया है। टाटा स्टील में ग्रेड रिवीजन समझौता एक जनवरी 2018 से लंबित है। पिछले दिनों ही कंपनी प्रबंधन और यूनियन के बीच ग्रेड रिवीजन पर वार्ता शुरू हुई है।
प्रबंधन का तर्क है 52 हजार रुपये बेसिक से अधिक पर डीए फ्रीज होने का समझौता टाटा स्टील के कोलियरी डिवीजन में हो चुका है। वहां पर भी इंटक की ही यूनियन है। इसलिए टाटा स्टील के जमशेदपुर प्लांट में भी इसी तर्ज पर समझौता कराने का प्रस्ताव दिया गया है। प्रस्ताव के अनुसार सीनियर एसोसिएट हो या एसोसिएट या फिर आर ग्रेड का कोई कर्मचारी, यदि बेसिक 80 हजार से एक लाख के बीच भी है तो ऐसे कर्मचारियों को 52 हजार रुपये की सीलिंग पर ही डीए मिलेगा। मालूम हो कि कर्मचारियों को अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आंकड़ों के आधार पर त्रैमासिक महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी होती है। हालांकि यूनियन नेतृत्व इस मामले में कुछ भी कहने से इन्कार कर दिया।
एनएस ग्रेड को मिल सकती है राहत
विश्वस्त सूत्रों की मानें तो नए ग्रेड रिवीजन समझौते में न्यू सीरीज (एनएस) ग्रेड के कर्मचारियों को राहत मिल सकती है। टाटा स्टील में कार्यरत एनएस ग्रेड कर्मचारियों का बेसिक सहित अन्य सुविधाएं काफी कम हैं। वहीं, उनका डीए भी प्रतिशत के बजाए पर प्वाइंट के आधार पर मिलता है। सूत्रों की माने तो स्टील वेज और एनएस ग्रेड के कर्मचारियों के लिए अलग-अलग अवधि का ग्रेड रिवीजन समझौता हो सकता है, ताकि एनएस ग्रेड कर्मचारियों को वेतन पुनरीक्षण जल्दी-जल्दी हो।
समय अवधि और एमजीबी पर हुआ मंथन
टाटा स्टील प्रबंधन और टाटा वर्कर्स यूनियन के बीच शनिवार दोपहर ग्रेड रिवीजन पर चौथी बैठक हुई। इस बैठक में चर्चा हुई कि कंपनी में कितने वर्ष के लिए अगला वेतन समझौता हो। कंपनी प्रबंधन की ओर से छह व सात वर्ष का प्रस्ताव दिया गया। वहीं, पिछली बार कर्मचारियों को 18.25 मिनिमम गारेंटेड बेनीफिट (एमजीबी) मिला था। इस बार इसकी राशि में बढ़ोतरी होगी या कटौती? यह समझौते की अवधि पर तय होगा। बैठक में प्रबंधन की ओर से ग्रुप चीफ आइआर जुबिन पालिया, चीफ एचआरएम स्टील संदीप धीर, आइआर के सीनियर मैनेजर रोहन कुमार जबकि यूनियन से अध्यक्ष आर रवि प्रसाद, डिप्टी प्रेसिडेंट अरविंद पांडेय और महासचिव सतीश कुमार सिंह शामिल हुए।