गुड़ाबांधा की पन्ना खदान को सात साल में भी नीलाम नहीं कर सकी सरकार
Emerald. पूर्वी सिंहभूम में अवस्थित पन्ना (इमराल्ड) खनिज का ब्लॉक तैयार कर झारखंड सरकार सात साल से नीलामी नहीं कर पायी है।
चाईबासा, सुधीर पांडेय। कोल्हान प्रमंडल के पूर्वी सिंहभूम में अवस्थित पन्ना (इमराल्ड) खनिज का ब्लॉक तैयार कर झारखंड सरकार सात साल से नीलामी नहीं कर पायी है। बेशकीमती खनिज की नीलामी नहीं हो पाने के कारण धड़ल्ले से खनिज माफिया चोरी कर पन्ना को खुले बाजार में अवैध तरीके से बेच दे रहे हैं।
खनिज की चोरी की सूचना होने के बावजूद जमशेदपुर का खनन विभाग, वन विभाग और स्थानीय पुलिस अवैध खनन पर रोक नहीं लगा पा रहे हैं। विभाग इस बहुमूल्य खनिज के अवैध खनन पर अंकुश लगाने की बजाय बालू माफियाओं पर ही कार्रवाई तक सीमित है। पूर्वी सिंहभूम के घोर नक्सल प्रभावित गुड़ाबांधा प्रखंड में खान एवं भूतत्व विभाग ने 2013 में ही पन्ना खनिज के विशाल भंडारण का पता लगाकर सरकार को रिपोर्ट सौंपी थी। नीलामी नहीं करा पाने व अवैध खनन जारी रहने से राज्य सरकार को बड़े राजस्व का नुकसान हो रहा है।
एनएमडीसी ने इस इलाके में खनन करने से कर दिया मना
खान एवं भूतत्व विभाग की निदेशक कुमारी अंजलि ने बताया कि पूर्वी सिंहभूम जिले के गुड़ाबांदा में पन्ना खदान को भारत सरकार की ओर से पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग्स (पीएसयू) को पन्ना खदान को चलाने का निर्णय लिया गया था। इसी के तहत ही एनएमडीसी और जेएसएमडीसी को गुड़ाबांधा की बारुनमुति और बवाटिया खदान देने का फैसला लिया गया था। अक्टूबर 2019 में दोनों इलाकों का एनएमडीसी की टीम के साथ मिलकर भौतिक सर्वेक्षण भी किया गया था, मगर बाद में एनएमडीसी ने इस इलाके में खनन करने से मना कर दिया। इस वजह से यह खदान चालू नहीं हो पायी है।
नक्सल खौफ के कारण पीछे हटी एनएमडीसी
यहां बता दें कि भूतत्व विभाग ने गुड़ाबांधा की पन्ना खदानों की जियोलॉजिक सर्वे रिपोर्ट तीन साल पहले यानि 2016-2017 में ही सरकार के पास जमा कर दी थी। मगर इंडियन ब्यूरो आफ माइंस (आइबीएम) द्वारा पन्ना खनिज का रेट फिक्स नहीं किया गया था। इस वजह से इस खदान की नीलामी नहीं हो पाई। बाद में इसे पीएसयू के तहत चलाने का निर्णय लिया गया था। भूतत्व विभाग के एक अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि गुड़ाबांधा नक्सल प्रभावित क्षेत्र है। यहां पर पन्ना खनिज का लंबे समय से अवैध खनन हो रहा है। नक्सल समस्या के कारण ही एनएमडीसी यहां खनन करने से पीछे हट गयी है। सरकार अगर जल्द इस खदान को चालू नहीं कर पायी तो उच्च क्वालिटी का पन्ना खनिज अवैध खनन की भेंट चढ़ जायेगा।
ये कहतीं खान निदेशक
एनएमडीसी ने गुड़ाबांधा में पन्ना खदान में काम करने से मना कर दिया है। हम लोगों ने अप्रैल 2020 में ही भारत सरकार को इससे अवगत करा दिया है। सरकार को पत्र लिखकर अनुरोध किया गया है कि केंद्र सरकार अपने स्तर से एनएमडीसी को यहां काम करने के लिए प्रोत्साहित करे। अभी तक भारत सरकार की ओर से पत्र के आलोक में कोई जवाब नहीं आया है। हालांकि कुछ निजी कंपनियां भी पन्ना खदान लेने को इच्छुक हैं। केंद्र से आदेश प्राप्त होने के बाद ही इस दिशा में कोई पहल आगे हो पायेगी।
-कुमारी अंजली, निदेशक, खान एवं भूतत्व विभाग, रांची।