भर्ती मरीजों का ही बनाएंगे गोल्डन कार्ड, मरीजों का हंगामा
प्रदेश की राजधानी से भले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योजना की शुरुआत की हो लेकिन, पूर्वी सिंहभूम में स्वास्थ्य विभाग इसमें पलिता लगा रहा है।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : प्रदेश की राजधानी से भले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योजना की शुरुआत की हो लेकिन, पूर्वी सिंहभूम में स्वास्थ्य विभाग इसमें पलीता लगाने पर तुला हुआ है। इस योजना के तहत गोल्डन कार्ड बनाने के लिए एमजीएम कॉलेज में खोले गए केंद्र पर गुरुवार को एक भी मरीज का कार्ड नहीं बनाया गया। मरीज यहां-वहां भटकते रहे लेकिन, सब को सर्वर डाउन होने की बात कह कर वापस कर दिया गया। साथ ही ये भी बताया गया कि आइंदा भी वो कार्ड बनवाने नहीं आएं। उनका कार्ड तभी बनेगा जब वो अस्पताल में भर्ती होंगे। इससे लोगों में नाराजगी है। कई मरीजों ने केंद्र में हंगामा किया। एमजीएम अधीक्षक डा. एसएन झा से मामले की शिकायत की लेकिन, उनकी कहीं भी नहीं सुनी गई।
एमजीएम अधीक्षक ने भी लोगों को भर्ती वाली बात ही समझाई और कहा कि योजना का लाभ तभी मिलेगा जब डाक्टर का नाम लिखना होगा। इस पर वहां मौजूद शास्त्रीनगर से आए मरीज रोहित ने इसका प्रतिवाद करते हुए कहा कि डाक्टर का नाम तो तब लिखना होगा जब हम बीमा का क्लेम करेंगे। इसका जवाब डाक्टर नहीं दे सके। एमजीएम अस्पताल में सुबह 10 बजे से ही आयुष्मान भारत का कार्ड बनाने वाले रूम में मरीजों और अन्य लोगों की भीड़ थी। कई महिलाएं भी आई थीं। लेकिन, सबको यही बताया गया कि अभी एमजीएम में कार्ड नहीं बनाया जा रहा है। यहां की मशीन खराब है। किसी को बताया गया कि सर्वर डाउन है। मानगो के ओल्ड पुरुलिया रोड की आफरीन तमन्ना गर्भवती हैं। वो अपने पति रौनक अली के साथ गोल्डन कार्ड बनाने आई थीं। लेकिन, इन्हें भी वापस कर दिया गया। साथ ही ये हिदायत भी दी गई कि अभी गोल्डन कार्ड नहीं बनेगा। रौनक को बताया गया कि जब उसकी पत्नी अस्पताल में भर्ती होगी तभी उसका गोल्डन कार्ड बनेगा। इसी तरह, धतकीडीह हरिजन बस्ती से आई महिला स्वाती मुखी का भी गोल्डन कार्ड नहीं बताया गया। उसे भी भर्ती होने पर ही आने की बात कही गई। जुगसलाई की महतो पाड़ा रोड की सुशीला का फेफड़ा खराब है। वो भी योजना का कार्ड बनवा कर अपना इलाज कराने आई थी। लेकिन, उसे भी एमजीएम में निराशा हाथ लगी। -----
होमगार्ड भर्ती हुआ फिर भी नहीं बना कार्ड
बिरसानगर के जोन नंबर एक का रहने वाला होमगार्ड राजेश कुमार किडनी का मरीज है। उसकी किडनी खराब है। राजेश को आयुष्मान भारत योजना से उम्मीद जगी कि उसका अब मुफ्त इलाज हो जाएगा। लेकिन, ऐसा नहीं हो सका। राजेश कुमार के साथ आए विनोद ने राजेश को एमजीएम में भर्ती तो करा दिया लेकिन, सर्वर डाउन होने से उसका कार्ड नहीं बन सका।
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बुधवार से डाउन है सर्वर, नहीं हुआ ठीक
आयुष्मान भारत योजना की वेबसाइट का सर्वर बुधवार से ही डाउन है। बुधवार को मरीजों ने गोल्डन कार्ड नहीं बनने पर केंद्र में हंगामा किया था। लेकिन, अब तक इसे सुधारा नहीं जा सका है। अस्पताल अधीक्षक डा. एसएन झा ने बताया कि सुबह से ही मिस्त्री कंप्यूटर और सर्वर ठीक करने में लगे थे लेकिन, कोई फायदा नहीं हुआ।
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ओपीडी के लिए नहीं है गोल्डन कार्ड
एमजीएम अस्पताल के अधीक्षक डा. एसएन झा ने बताया आयुष्मान भारत योजना के लिए कई जानकारी दी। उन्होंने लोगों को बताया कि योजना ओपीडी (आउट पेशेंट डिपार्टमेंट) के लिए नहीं है। बल्कि, भर्ती होने वाले मरीजों के लिए ही है। योजना बीपीएल या सालाना 72 हजार रुपये कम आमदनी वाले लोगों के लिए है। इसका लाभ लाल या पीला राशन कार्ड धारक उठा सकते हैं। जिनके पास राशन कार्ड नहीं है, उन्हें अंचल कार्यालय से आय प्रमाण पत्र लाना होगा। साथ में एक आइडी कार्ड भी लाना होगा। 1366 बीमारियों में योजना का लाभ मिलेगा।