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Ghee Benefits: भादो का घी रामबाण औषधि है, जानें कैसे यह संभव होता है, बता रही हैं जमशेदपुर की आयुर्वेद व प्राकृतिक चिकित्सा विशेषज्ञ सीमा पांडेय

Ghee Benefits जमशेदपुर की आयुर्वेद व प्राकृतिक चिकित्सा विशेषज्ञ सीमा पांडेय यहां बता रही हैं भादो में गाय के चरने और उसके दूध से बनी घी की जो रामबाण औषधि के समान होती है। ये आपको जरूर जानना चाहिए।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Sun, 19 Sep 2021 12:45 PM (IST)Updated: Sun, 19 Sep 2021 12:45 PM (IST)
Ghee Benefits: भादो का घी रामबाण औषधि है, जानें कैसे यह संभव होता है, बता रही हैं जमशेदपुर की आयुर्वेद व प्राकृतिक चिकित्सा विशेषज्ञ सीमा पांडेय
बस... मरे हुए को जिंदा करने के अतिरिक्त यह सब कुछ कर सकता है

मशेदपुर, जासं। हम यह तो जानते हैं कि चरने वाली गाय का दूध अमृत के समान होता है, लेकिन आज ऐसी गाय सिर्फ गांव में ही मिलती है। शहर की गाय आमतौर पर घरों या गोशाला में कैद रहती है। आमतौर पर एेसी गायों को हरी घास की बजाय पुअाल की कुट्टी और चावल-गेहूं के चूरे के साथ ज्यादा से ज्यादा खल्ली मिलाकर खाने को दिया जाता है। जाहिर सी बात है कि खूंटे पर बंधी गाय और घूमकर घास चरने वाली गाय के दूध में काफी अंतर होता है।

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जमशेदपुर की आयुर्वेद व प्राकृतिक चिकित्सा विशेषज्ञ सीमा पांडेय यहां बता रही हैं भादो में गाय के चरने और उसके दूध से बनी घी की, जो रामबाण औषधि के समान होती है। वह बताती हैं कि भाद्रपद या भादो मास आते आते घास पक जाती है। उस घास में कई सारे पौष्टिक तत्व अपने आप आ जाते हैं। ऐसे में जो देसी गाय कम से कम 2-3 कोस चलकर, घूमते हुए घास धामन, सेवण, गंठिया, मुरट, भूरट, बेकर, कण्टी, ग्रामणा, मखणी, कूरी, झेर्णीया, सनावड़ी आदि चरती हैं, तो उसकी बात ही कुछ और होती है। ये सभी घास भारतीय दुर्लभ जड़ी-बूटी में शामिल हैं। यदि इन घास को गाय चरकर शाम को आकर बैठ जाती है और रात भर जुगाली करती है, ताे इसके सारे पौष्टिक तत्व इनके दूध में आ जाते हैं। इन जड़ी बूटियों पर जब दो शुक्ल पक्ष गुजर जाते हैं तो चंद्रमा का अमृत इनमें समा जाता है। आश्चर्यजनक रूप से इनकी गुणवत्ता बहुत बढ़ जाती है, जो अमृत रस को अपने दुग्ध में परिवर्तित करती हैं। यह दूध भी अत्यंत गुणकारी होता है। इससे बने दही को जब मथा जाता है तो पीलापन लिए नवनीत (माखन) निकलता है। इससे घी बनाया जाता है। इसे ही भादवे का घी कहते हैं।

बस... मरे हुए को जिंदा करने के अतिरिक्त यह सब कुछ कर सकता है

इसका सेवन करने वाली विश्नोई महिला पांच वर्ष के उग्र सांड की पिछली टांग पकड़ लेती और वह चूं भी नहीं कर पाता था। यह एक घटना है, जो बताती है कि एक व्यक्ति ने एक रुपये के सिक्के को मात्र अंगुली और अंगूठे से मोड़कर दोहरा कर दिया था! यही वह घी है जो युवा जोड़े वैवाहिक और गृहस्थ जीवन के लिए अद्भुत लाभकारी होता है (वात्स्यायन)! कहते हैं कि इसमें स्वर्ण की मात्रा इतनी रहती थी, जिससे सिर कटने पर भी धड़ लड़ते रहते थे


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