Move to Jagran APP

Ghatshila News: अमृत कृषि के लिए होगा गोबर और गौमूत्र का उपयोग, जल्द किसानों को इसके प्रति जागरूक करने के लिए लगेगा शिविर

Ghatshila News देसी बीज एवं गोबर व गोमूत्र के प्रयोग से जो फसल उपजाई जाती है वह शरीर के लिए अमृत के समान होती है। अमृत कृषि से उत्पादित बायप्रोडक्ट पुआल भूसा आदि गो आहार के लिए दिया जाएगा।

By Madhukar KumarEdited By: Published: Mon, 16 May 2022 06:25 PM (IST)Updated: Mon, 16 May 2022 06:25 PM (IST)
Ghatshila News: अमृत कृषि के लिए होगा गोबर और गौमूत्र का उपयोग, जल्द किसानों को इसके प्रति जागरूक करने के लिए लगेगा शिविर
Ghatshila News: गौशाला को रजिस्ट्रेशन के बाद मिलेंगी सरकारी सुविधाएं।

घाटशीला, जासं। झारखंड सरकार के पशुपालन निदेशक शशि प्रकाश झा ने सोमवार को शहर के नया बाजार स्थित पिंजरापोल गौशाला तथा हवाई पट्टी स्थित ध्यान फाउंडेशन गौशाला का निरीक्षण किया। इस दौरान ध्यान फाउंडेशन गोशाला में किए जा रहे गोसेवा मूलक कार्यों को देखकर निदेशक काफी प्रभावित हुए। उन्होंने कहा कि मैंने इस गौशाला के बारे में काफी कुछ सुन रखा था। अब साक्षात देख कर बहुत अच्छा लग रहा है। आज के दौर में जब लोग गांवों में भी परंपरागत गोपालन को भूलते जा रहे हैं, तब यह गौशाला गोपालन एवं गोरक्षण का काम बेहतर ढंग से कर रही है। 13 हजार से अधिक गोवंश होने के बावजूद, जिस अनुशासन व सेवा भाव से यहां काम हो रहा है वह अद्भुत है।

loksabha election banner

रजिस्ट्रेशन के बाद मिलेंगी सरकारी सुविधाएं

झा ने कहा कि अगले 2 महीने में जैसे ही गौशाला की स्थापना के 3 वर्ष पूरे हो जाएंगे, विभागीय प्रक्रिया पूरी कर इसका रजिस्ट्रेशन कर दिया जाएगा। उसके बाद तमाम तरह की सरकारी सहायताएं मिलनी शुरू हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि गौशाला को अमृत कृषि के साथ जोड़ने को लेकर पहल की जा रही है। देसी बीज एवं गोबर व गोमूत्र के प्रयोग से जो फसल उपजाई जाती है, वह शरीर के लिए अमृत के समान होती है। अमृत कृषि से उत्पादित बायप्रोडक्ट पुआल, भूसा आदि गो आहार के लिए दिया जाएगा। गौशाला में उत्पादित गोबर और गोमूत्र का उपयोग अमृत कृषि के लिए किया जाएगा।

किसानों को प्रशिक्षित करने के लिए लगेगा शिविर

निदेशक ने कहा कि राज्य में एक करोड़ से अधिक गोवंश है, जिनका गोबर और गोमूत्र बेकार चला जाता है और हम यूरिया खाद खरीद कर खेती करते हैं। इस स्थिति को बदलने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने गौशाला में हो रहे कार्यों को आम जन तक पहुंचाने के लिए किसान प्रशिक्षण शिविर आयोजित करने की आवश्यकता बताई। पशुपालन निदेशक के साथ दौरे पर क्षेत्रीय निदेशक डॉ मिथिलेश सिंह, जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ सुरेंद्र प्रसाद, प्रखंड पशुपालन पदाधिकारी डॉ एमके महंता, डॉ राजेश कुमार, डॉ सिद्धार्थ विश्वास आदि उपस्थित थे।

पशुपालन योजना से जुड़ेंगे गौशाला के 300 कर्मी

पशुपालन निदेशक ने चाकुलिया के ध्यान फाउंडेशन गोशाला के लगभग 300 कर्मियों को मुख्यमंत्री पशुपालन योजना से जोड़ने की बात कही। गौशाला का भ्रमण करने के बाद शशि प्रकाश झा ने जब यह महसूस किया कि यहां के कर्मी वाकई निष्ठा एवं सेवा भाव से गोपालन का काम कर रहे हैं, तो उन्होंने सभी कर्मियों को योजना से जोड़ने का निर्देश दिया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.