एक एएनएम के भरोसे एचएससी सेंटर, बैठक होने पर रहता बंद
एक एएनएम के भरोसे हेल्थ सब सेंटर (एचएससी) संचालित है। मीटिग होने अथवा फील्ड में किसी प्रकार के विभागीय कार्य होने पर को बंद करना पड़ता है। दिन बुधवार दोपहर के 12 बजे हैं।
संस, घाटशिला : एक एएनएम के भरोसे हेल्थ सब सेंटर (एचएससी) संचालित है। मीटिग होने अथवा फील्ड में किसी प्रकार के विभागीय कार्य होने पर को बंद करना पड़ता है। दिन बुधवार, दोपहर के 12 बजे हैं। अमाईंनगर हेल्थ एंड वेलनेस केंद्र सह एचएससी केंद्र में ताला लटका मिला। लेकिन बंद होने का कोई नोटिस नहीं गेट पर नहीं दिखा। लिहाजा केंद्र के बाहर लोग भी नहीं दिखे। पता करने पर जानकारी मिली कि यहां एक एएनएम पदस्थापित है। जिनके भरोसे स्वास्थ्य सुविधा टिकी है। हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर बनने के बाद एक सीएचओ की प्रतिनियुक्ति की गई थी। फिलहाल सीएचओ की ड्यूटी कोविड 19 को लेकर गठित किए गए प्रखंड सर्विलांस टीम में कर दी गई। इस कारण सेंटर बंद है। बुधवार को घाटशिला अनुमंडल हॉस्पिटल में एएनएम की मीटिग थी। लिहाजा सेंटर बंद कर मीटिग में गई हुई थी। एक व्यक्ति ने बताया कि इतने बड़े बिल्डिग जैसे पीएचसी सेंटर का क्या मतलब जब यहां चिकित्सक ही न हो। पहले डॉक्टर बहाल करने चाहिए फिर बिल्डिग बननी चाहिए। गरीब के स्वास्थ्य की चिता किसी सरकार के पास नहीं। इस सेंटर को बदल कर हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर बना दिया गया। सिर्फ सेंटर का नाम बदला। भवनों का रंग बदला। यहां की व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं दिखा। ऐसा ही कुछ हाल जोड़िशा के उप स्वास्थ्य सेंटर का दिखा। यह सेंटर सप्ताह में तीन दिन खुलता है। एक एएनएम के भरोसे सेंटर हैं। यहां भी डॉक्टर नहीं हैं। एक वर्ष पूर्व हेल्थ एंड वेलनेस आयुष्मान का दर्जा मिला लेकिन शुरू नहीं हुआ। घाटशिला प्रखंड में कुल 22 एचएससी सेंटर संचालित हैं। जहां एक एक एएनएम प्रतिनियुक्त हैं। इसके अलावा चार पीएचसी काडाडूबा, झांटीझरना, गालूडीह व खड़ियाकॉलोनी में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र संचालित हैं। यहां एक एक डॉक्टर प्रतिनियुक्त हैं। लेकिन ये डॉक्टर भी सप्ताह में कुछ ही दिन पीएचसी में सेवा देते हैं। क्योंकि अनुमंडल हॉस्पिटल में चिकित्सकों की कमी हैं इसलिए इन चिकित्सकों को अनुमंडल हॉस्पिटल में सारणी के अनुसार ड्यूटी पर लगाया जाता हैं।