हर पंचायत में लगाई जाए जन चौपाल : प्रसाद
भाजपा के ग्रामीण जिला प्रभारी नंदजी प्रसाद ने बुधवार दत्ता रेसीडेंसियल परिसर में ग्रामीण क्षेत्र के सभी मंडल अध्यक्ष और पार्टी पदाधिकारियों संग बैठक की। बैठक में पार्टी को मजबूत बनाने पर चर्चा हुई।
संस, घाटशिला : भाजपा के ग्रामीण जिला प्रभारी नंदजी प्रसाद ने बुधवार दत्ता रेसीडेंसियल परिसर में ग्रामीण क्षेत्र के सभी मंडल अध्यक्ष और पार्टी पदाधिकारियों संग बैठक की। बैठक में पार्टी को मजबूत बनाने पर चर्चा हुई। प्रत्येक मंडल की सभी पंचायतों में कृषि विधेयक पर जन चौपाल लगाने का निर्देश दिया गया। इसके लिए सभी मंडलों के लिए कार्यक्रम प्रभारी नियुक्त किए गए हैं। मंडल अध्यक्षों को सभी से राय मशवरा करके 16 अक्टूबर तक मंडल कमेटी विस्तार कर सूची देने को कहा गया है। वहीं कई मंडल अध्यक्षों ने पार्टी की अंदुरूनी गुटबाजी की जानकारी ग्रामीण जिला प्रभारी को दी।
मंडल अध्यक्षों ने कहा कि उन्हें कई बार बैठक और कार्यक्रमों की जानकारी नहीं दी जाती है। इस पर ग्रामीण जिला प्रभारी ने कहा कि पार्टी के अंदर गुटबाजी बर्दाश्त नहीं होगी। यदि कोई गुटबाजी करता है तो इसकी जानकारी दे। उस पर अवश्य कार्रवाई होगी। संगठन हम सभी का है। सभी को साथ लेकर संगठन को मजबूत बनाना है। मौके पर जिलाध्यक्ष, जिला उपाध्यक्ष संजय अग्रवाल, विजय पांडेय, हिमांशु मिश्रा, तुषार दत्ता, शतधल महतो, राजकुमार कर, तुषारकान्त पातर, अमरदीप शर्मा, साधन मल्लिक,मुकेश भगत, बेहुला नायक, सुरेश महाली, विश्वनाथ दण्डपात, हरप्रीत सिंह, गौरचन्द्र पातर, दिलीप पुरान, विमल कालिदी, राखो नमाता, बीरमान लामा, बीजू मिश्रा, किशोर सिंहा, प्रदीप विषय, श्रवण सिंह समेत अन्य मौजूद थे।
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कृषि बिल के विरोध में सौंपा ज्ञापन
फोटो 1
मांग
आल इंडिया कृषक खेत मजदूर संगठन ने किया विरोध
प्रखंड कार्यालय के समक्ष बिल वापस लिए जाने को ले किया प्रदर्शन
संसू, धालभूमगढ़ : आल इंडिया कृषक खेत मजदूर संगठन ने कृषि बिल का विरोध करते हुए उपायुक्त के नाम एक मांग पत्र बुधवार को प्रखंड के प्रधान सहायक दीपक कुमार बेरा को सौंपा। मौके पर संगठन के जिला अध्यक्ष हर प्रसाद सिंह सोलंकी ने कहा कि केंद्र सरकार किसान विरोधी सरकार है। सरकार ने तीन काले अध्यादेश किसानों पर थोप दिए गए। संसद के अधिवेशन में बिना चर्चा और बहस के ही इन्हें कानूनी रूप दे दिया गया। संगठन इसका विरोध करता है। इसमें विदेशी कारपोरेट कंपनियों को फायदा होगा। पूरी कृषि व्यवस्था पूंजीपतियों के हाथों में चली जाएगी । आज गरीबों की आवश्यक वस्तुएं अनाज दाल आलू प्याज खाने का तेल आदि महंगे हो रहे हैं।
प्रखंड कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन करने के बाद बीडीओ की अनुपस्थिति में प्रधान सहायक दीपक कुमार बेरा को मांग पत्र सौंपा। मांग पत्र में मुख्य रूप से कृषि बिल को वापस लेने बिजली कानून संशोधन विधेयक को वापस लेने सामाजिक सुरक्षा पेंशन का लाभ देने की। मौके पर साधु मुंडा, कृष्ण चंद्र साव, उपासनी सरदार, प्रताप तिवारी, शंकर नामाता, आदित्य कालिदी, आनंद कालिदी, अनंत कालिदी आदि उपस्थित थे ।
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सुधरेंगे किसानों के आर्थिक हालात : डा. गोस्वामी
बहरागोड़ा के रांगुनियां में संपन्न हुई किसान चौपाल, किसानों के हित में है कृषि विधेयक
संसू, बहरागोड़ा : भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डा. दिनेशानंद गोस्वामी ने कहा कि कृषि सुधार विधेयक लागू होने पर किसान अपनी फसल को कहीं भी बेच पाएंगे। मंडी में ही फसल बेचने की अब बाध्यता नहीं होगी । एक देश एक बाजार के तहत किसान डिजिटल मार्केट के माध्यम से देश के किसी बाजार या उपभोक्ता को अपनी फसल ऊंची कीमत में बेच पाएंगे। वे बुधवार बहरागोड़ा प्रखंड के बहुलिया पंचायत स्थित रांगुनियां गांव में किसानों को संबोधित कर रहे थे ।
कहा कि कुछ राजनीतिक दल भ्रम उत्पन्न करने की कोशिश कर रहे हैं कि कृषि सुधार विधेयक से किसानों को मिलने वाल न्यूनतम समर्थन मूल्य बंद हो जाएगा। जबकि प्रधानमंत्री जी ने स्पष्ट किया कि धान, गेहूं, दलहन सहित विभिन्न फसलों पर किसानों को दिए जाने वाले न्यूनतम समर्थन मूल्य बंद नहीं होंगे। कहा कि यूपीए सरकार की तुलना में मोदी सरकार ने धान, गेहूँ तथा दालों के समर्थन मूल्य को दोगुना कर दिया है ।
किसान चौपाल को भाजपा के जिला महामंत्री बाप्टु साव, किसान मोर्चा के जिला संयोजक श्रीवत्स घोष, किसान मोर्चा के जिला प्रभारी सदानंद महतो, नावनिधर प्रधान तथा मोतीलाल सिंह ने संबोधित किया। बड़शोल मंडल अध्यक्ष आशिष महापात्रा ने स्वागत भाषण किया। इस अवसर पर जयकृष्ण पैड़ा,बुधुराम संड, गोकुल बारिक, बाबी घोष, अशोक नायक, भवानी बारीक, रामहरि कांड, मोतीलाल कारेक, अमल बेरा, रवीन्द्र नाथ भुईंया, भीष्म देव भुईंया, रेवतीमोहन भुईंया, रबिन नायक, शत्रुघ्न खामराई, सुकुमार दलाई, कालीपद खामराई, झाड़ेश्वर बार्सी, मानस भुईंया, सीमन्त भुईंया, पिन्टु सेनापति, पुर्णेन्दु नायक, बसन्त कुमार भुईंया, देवदास भुईंया, शिबू सांतरा, उत्तम मुंडा सहित अनेक किसान मौजूद थे।