Ghatshila By Election Counting 2025: घाटशिला उपचुनाव में झामुमो बड़ी बढ़त की ओर, भाजपा की राह में रोड़ा बना जेएलकेएम
घाटशिला उपचुनाव की मतगणना में झामुमो ने बड़ी बढ़त बना ली है। शुरुआती रुझानों के अनुसार, झामुमो उम्मीदवार भाजपा के लिए कड़ी चुनौती पेश कर रहे हैं। रामदास मुर्मू के समर्थन ने झामुमो की स्थिति को और मजबूत कर दिया है, जिससे भाजपा की राह मुश्किल हो गई है। मतगणना जारी है और अंतिम परिणाम का इंतजार है।

घाटशिला उपचुनाव के लिए कोऑपरेटिव कॉलेज स्थित मतगणना स्थल के बाहर झारखंड मुक्ति मोर्चा का टेंट, यहां उत्साहित पूर्व सांसद सुमन महतो चाय कि चुस्की ले रही हैंं।
जागरण संवाददाता,जमशेदपुर । घाटशिला विधानसभा उपचुनाव की मतगणना में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने निर्णायक बढ़त की ओर है। तीसरे राउंड की गिनती समाप्त होने तक झामुमो प्रत्याशी सोमेश चंद्र सोरेन 16110 वोट हासिल कर सबसे आगे चल रहे हैं।
वहीं, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बाबूलाल सोरेन 8569 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर हैं। इस बीच, झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा (जेएलकेएम) के रामदास मुर्मू ने 5278 वोट प्राप्त कर भाजपा के लिए मुश्किल खड़ी कर दी है, जिससे मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है।
झामुमो की रफ्तार, विरोधियों से निकली कोसों दूर
मतगणना की शुरुआत से ही झामुमो के सोमेश सोरेन ने बढ़त बनाए रखी, जो हर राउंड के साथ और मजबूत होती गई। तीसरे राउंड की समाप्ति पर सोमेश ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा के बाबूलाल सोरेन पर 7541 वोटों की शानदार बढ़त कायम कर ली है।
पहले राउंड में जहां झामुमो को 5450 वोट मिले थे, वहीं भाजपा 2204 वोटों पर थी। दूसरे राउंड में भी यह फासला बढ़ता गया और तीसरे राउंड तक झामुमो की जीत की तस्वीर लगभग साफ होती दिखने लगी है। सोमेश सोरेन, पूर्व विधायक दिवंगत रामदास सोरेन के पुत्र हैं, और यह उपचुनाव उनके निधन के कारण ही हो रहा है।झामुमो इसे एक प्रतिष्ठा की लड़ाई के तौर पर लड़ रही है।
भाजपा के लिए मुसीबत बने जेएलकेएम के रामदास
इस उपचुनाव में जेएलकेएम प्रत्याशी रामदास मुर्मू भाजपा के लिए बड़ी चुनौती बनकर उभरे हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि रामदास मुर्मू ने भाजपा के वोट बैंक में सेंध लगाई है, जिसका सीधा फायदा झामुमो को मिलता दिख रहा है।
तीसरे राउंड तक रामदास मुर्मू को मिले 5278 वोट इस बात का संकेत दे रहे हैं कि यदि वे मैदान में नहीं होते, तो भाजपा और झामुमो के बीच टक्कर कांटे की हो सकती थी। जेएलकेएम की मौजूदगी ने भाजपा की जीत की राह को बेहद कठिन बना दिया है।
विरासत की जंग में कौन आगे?
यह उपचुनाव दो बड़े राजनीतिक घरानों की विरासत की लड़ाई भी है। एक तरफ झामुमो के दिवंगत विधायक रामदास सोरेन के पुत्र सोमेश चंद्र सोरेन हैं, तो दूसरी तरफ भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के बेटे बाबूलाल सोरेन पर दांव खेला है।
दोनों ही दलों के लिए यह चुनाव प्रतिष्ठा का विषय बना हुआ है। मतगणना के रुझान फिलहाल यही संकेत दे रहे हैं कि घाटशिला की जनता ने दिवंगत विधायक के बेटे पर ही अपना भरोसा जताया है।
तीसरे राउंड की गिनती के बाद अन्य प्रत्याशियों में भारत आदिवासी पार्टी के पंचानन सोरेन को 157 और नोटा को 505 वोट मिले हैं।
बाकी निर्दलीय प्रत्याशी 300 वोटों का आंकड़ा भी पार नहीं कर सके हैं, जो यह दर्शाता है कि मुख्य मुकाबला तीन प्रमुख उम्मीदवारों के बीच ही सिमट कर रह गया है।

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